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    ऊधमपुर नारकोटिक्स घोटाले में कोर्ट का बड़ा आदेश, मामला दर्ज कर एसआइटी गठित करने के दिए निर्देश

    Updated: Tue, 12 Aug 2025 07:29 PM (IST)

    ऊधमपुर में नशीली दवाओं की अवैध बिक्री के मामले में कोर्ट ने एफआईआर दर्ज करने और एसआईटी गठित करने का आदेश दिया है। एक निजी क्लिनिक पर एनडीपीएस एक्ट के तहत प्रतिबंधित दवाओं की अवैध बिक्री जालसाजी और सील किए गए स्टॉक को हटाने का आरोप है। कोर्ट ने पुलिस की प्रारंभिक जांच में देरी को गैरकानूनी बताते हुए तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।

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    ऊधमपुर नारकोटिक्स मामले में एफआईआर और एसआईटी जांच का आदेश दिया।

    जेएनएफ, जागरण, जम्मू। जिला प्रधान एवं सत्र जज, ऊधमपुर, वीरेंद्र सिंह भाऊ, जो एनडीपीएस कोर्ट के विशेष जज भी है ने पुलिस को नारकोटिक्स घोटाले में एफआईआर दर्ज करने और विशेष जांच टीम (एसआइटी) गठित करने का आदेश दिया है। मामला उधमपुर के एक निजी न्यूरो-मानसिक रोग क्लिनिक से नशीली दवाओं की अवैध बिक्री से जुड़ा है।

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    यह आदेश लेफ्टिनेंट कर्नल (डा.) चरणप्रीत सिंह (सेवानिवृत्त), पूर्व प्रमुख मनोचिकित्सा विभाग, मिलिट्री अस्पताल, किरकी, की ओर से कोर्ट में दाखिल शिकायत पर दिया गया। शिकायत में आरोप है कि एक निजी न्यूरो-मानसिक रोग क्लिनिक ने जनवरी 2025 में एनडीपीएस एक्ट की अनुसूची-III में दर्ज दवाओं की बिक्री जारी रखी, जबकि इन दवाईयों की बिक्री नहीं हो सकती थी।

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    मुख्य चिकित्सा अधिकारी के निर्देश के बावजूद, आरोपियों ने कथित रूप से 2,300 से अधिक गोलियां अवैध रूप से बेचीं, शिकायतकर्ता के नाम का दुरुपयोग किया, रिकार्ड में जालसाजी की और यहां तक कि अधिकारियों द्वारा सील किए गए स्टाक को भी हटा दिया।

    23 जनवरी 2025 को एडीशनल एसपी, जिला टीबी अधिकारी और ड्रग्स कंट्रोल अधिकारी की संयुक्त निरीक्षण टीम ने भी सेंटर में गंभीर उल्लंघन पाए, लेकिन पुलिस ने एफआईआर दर्ज करने के बजाय छह महीने तक प्रारंभिक जांच में समय बर्बाद किया। कोर्ट ने इस देरी को अनावश्यक और गैरकानूनी बताते हुए सुप्रीम कोर्ट के फैसलों का हवाला दिया।

    कोर्ट ने भारतीय न्याय संहिता, 2023, और एनडीपीएस एक्ट के तहत तुरंत एफआईआर दर्ज करने और ईमानदार अधिकारियों वाली एसआईटी गठित करने के आदेश दिए। एसआईटी को मुख्य चिकित्सा अधिकारी, जिला टीबी अधिकारी और ड्रग्स कंट्रोल अधिकारी का सहयोग मिलेगा।

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    अदालत ने संबंधित पुलिस अधिकारियों को चेतावनी दी कि गंभीर अपराधों को पूरी गंभीरता से निपटाया जाए। एसएसपी और एसएचओ उधमपुर को एक सप्ताह में अनुपालन रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश भी दिए गए।