जम्मू-कश्मीर अवामी एक्शन कमेटी पर प्रतिबंध बरकरार, न्यायाधिकरण ने सरकार के फैसले को सही ठहराया
गैरकानूनी गतिविधियाँ (रोकथाम) न्यायाधिकरण ने अवामी एक्शन कमेटी (एएसी) को गैरकानूनी संगठन घोषित करने के केंद्र सरकार के फैसले को बरकरार रखा है। न्यायाधिकरण ने कहा कि एएसी की गतिविधियां भारत की संप्रभुता अखंडता और सुरक्षा के लिए हानिकारक हैं। सरकार ने एएसी पर अलगाववादी विचारधाराओं को बढ़ावा देने और भारत-विरोधी अभियानों के लिए धन जुटाने का आरोप लगाया है।

डिजिटल डेस्क, जागरण, श्रीनगर। गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) न्यायाधिकरण ने अवामी एक्शन कमेटी (एएसी) को गैरकानूनी संगठन घोषित करने के केंद्र सरकार के फैसले को बरकरार रखा है।
न्यायाधिकरण ने कहा है कि अवामी एक्शन कमेटी की गतिविधियां भारत की संप्रभुता, अखंडता और सुरक्षा के लिए हानिकारक हैं। उन्होंने 11 मार्च, 2025 के राजपत्र अधिसूचना एस.ओ. 1115(ई) की पुष्टि की, जिसमें गृह मंत्रालय ने अवामी एक्शन कमेटी की गतिविधियों को भारत विरोधी करार दिया।
यह भी पढ़ें- गृह मंत्रालय की जम्मू-कश्मीर के IAS Officer को चेतावनी, 30 सितंबर तक लद्दाख में कार्यभार नहीं संभाला तो...
आदेश में कहा गया है कि सरकार ने यूएपीए की धारा 3(1) और धारा 3(3) के प्रावधान के तहत अपनी शक्तियों का प्रयोग करते हुए प्रतिबंध को प्रभावी बनाए रखने का निर्देश दिया है।
यही नहीं सरकार ने एएसी पर अलगाववादी विचारधाराओं को बढ़ावा देने, भारत-विरोधी अभियानों के लिए धन जुटाने और जम्मू-कश्मीर में कानून-व्यवस्था के लिए खतरा पैदा करने वाली गतिविधियों का समर्थन करने का भी आरोप लगाया है।
इसमें हुर्रियत काॅन्फ्रेस के चेयरमैन मीरवाइज उमर फारूक और समूह के मीडिया सलाहकार सहित एएसी सदस्यों के खिलाफ 2008 और 2017 के बीच दर्ज कई एफआईआर और कानूनी मामलों का हवाला दिया गया है, जिसमें कथित तौर पर अशांति फैलाने वाले भाषण और नारे शामिल हैं। इस फैसले के साथ, अवामी एक्शन कमेटी पर प्रतिबंध बरकरार रहेगा।
यह भी पढ़ें- एपीपी अनु चाढ़क के खिलाफ जेजेबी की टिप्पणी को उच्च न्यायालय ने बताया अनुचित व हानिकारक, कार्रवाई पर रोक के निर्देश
न्यायाधिकरण ने अपने आदेश में कहा है कि सरकार द्वारा प्रस्तुत साक्ष्य और पृष्ठभूमि सामग्री अवामी एक्शन कमेटी (एएसी) पर प्रतिबंध लगाने के निर्णय को उचित ठहराती है। न्यायाधिकरण ने कहा कि एएसी की पिछली गतिविधियों और राज्य को अस्थिर करने की उसकी निरंतर क्षमता इस निर्णय को वैध बनाती है।
न्यायाधिकरण ने आगे कहा कि उचित प्रक्रिया का पालन किया गया था और यह निर्णय सरकार के प्रस्तुतीकरण के स्वतंत्र मूल्यांकन के बाद लिया गया था। इस आदेश के साथ, अवामी एक्शन कमेटी पर प्रतिबंध बरकरार रहेगा।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।