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    जम्मू-कश्मीर के जिला राजौरी के एजुकेशनल ट्रस्ट पर आतंकवाद को पोषित करने के आरोप तय, 2019 में ट्रस्ट पर लगाया था प्रतिबंध

    Updated: Wed, 06 Aug 2025 02:38 PM (IST)

    राजौरी में एनआइए की विशेष अदालत ने अल-हुदा एजुकेशनल ट्रस्ट और आमिर मोहम्मद अब्दुल हामिद व मुश्ताक अहमद पर आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए जमात-ए-इस्लामी को वित्तीय सहायता देने का आरोप लगाया है। एनआइए के अनुसार ट्रस्ट के माध्यम से पैसों की उगाही की गई जिसे 2019 में प्रतिबंधित कर दिया गया था।

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    आमिर ने हिजबुल मुजाहिदीन के मुश्ताक अहमद से भी पैसे लिए थे।

    जेएनएफ, जागरण, जम्मू। एनआइए की विशेष अदालत ने राजौरी के अल-हुदा एजुकेशनल ट्रस्ट व राजौरी निवासी आमिर मोहम्मद, अब्दुल हामिद व मुश्ताक अहमद पर प्रतिबंधित संगठन जमात-ए-इस्लामी जम्मू-कश्मीर को अलगाववाद व आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए वित्तीय तौर पर पोषित करने के आरोप तय किए है।

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    एनआइए केस के मुताबिक जमात-ए-इस्लामी का राजौरी में आमिर-ए-जिला आमिर मोहम्मद, अब्दुल हामिद ने एक साजिश के तहत ट्रस्ट के माध्यम से पैसों की अगुआई की। इस ट्रस्ट को फरवरी 2019 में प्रतिबंधित कर दिया गया था। उसके बाद भी ये लोग ट्रस्ट के माध्यम से पैसा लेते रहे।

    एनआइए ने जो तथ्य पेश किए, उनके मुताबिक आमिर ने पाकिस्तान में सक्रिय हिजबुल मुाजाहिदीन के आतंकवादी मुश्ताक अहमद से 1.80 लाख रुपये लिए जो आगे बांटे गए। इसके अलावा भी एनआइए ने कोर्ट में कई ठोस सबूत पेश किए, जिनके आधार पर ट्रस्ट व तीन अन्य पर आतंकवाद व अलगाववाद को पोषित करने के आरोप तय किए गए।

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    एक का पीएसए बरकरार, दूसरे का खारिज

    जम्मू-कश्मीर व लद्दाख हाईकोर्ट ने दो अलग-अलग मामलों में पशु तस्करी के एक आरोपित पर लगाया गया पीएसए बरकरार रखा है जबकि दूसरे पर लगा पीएसए खारिज कर दिया है। हाईकोर्ट ने एजाज अहमद निवासी राजौरी पर लगाए गए पीएसए को बरकरार रखा है।

    एजाज पर राजौरी के जिलाधीश ने छह नवंबर 2024 को पीएसए लगाया था। वहीं दूसरे मामले में हाईकोर्ट ने ऊधमपुर निवासी नीफ उर्फ बिल्लू पर लगाए गए पीएसए को खारिज कर दिया है। हाईकोर्ट ने पाया कि पीएसए लगाते समय कानूनी प्रविधानों का पालन नहीं किया गया। 

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