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    अखनूर दुष्कर्म मामले में हाईकोर्ट का महत्वपूर्ण फैसला: दोषी की सजा 12 से घटाकर 10 वर्ष, जुर्माना बढ़ाकर 1 लाख किया

    Updated: Tue, 16 Sep 2025 01:46 PM (IST)

    जम्मू-कश्मीर उच्च न्यायालय ने 2012 के अखनूर दुष्कर्म मामले में दोषी संजय कुमार की सजा में आंशिक संशोधन किया है। अदालत ने कैद को 12 वर्ष से घटाकर 10 वर्ष कर दिया और जुर्माने को 50000 रुपये से बढ़ाकर 1 लाख रुपये कर दिया। अदालत ने कहा कि अपराध की गंभीरता को कम नहीं आंका जा सकता लेकिन कुछ पहलुओं को देखते हुए सजा में राहत दी गई है।

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    बढ़े हुए जुर्माने में से 90,000 रुपये पीड़िता को मुआवजे के तौर पर दिए जाएंगे।

    जेएनएफ, जागरण, जम्मू। जम्मू-कश्मीर एवं लद्दाख उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने अखनूर में वर्ष 2012 में आठ वर्षीय बच्ची से दुष्कर्म मामले में दोषी संजय कुमार की सजा में आंशिक संशोधन किया है।

    अदालत ने दोष सिद्धि को बरकरार रखते हुए 12 वर्ष की कठोर कैद को घटाकर 10 वर्ष कर दिया, साथ ही 50,000 रुपये के जुर्माने को बढ़ाकर 1 लाख रुपये कर दिया।

    जस्टिस संजीव कुमार और न्यायमूर्ति संजय परिहार की खंडपीठ ने दोषी की अपील खारिज करते हुए कहा कि अपराध की गंभीरता को कम करके नहीं आंका जा सकता, हालांकि लंबी ट्रायल अवधि और आरोपी के विवाहित होने के पहलुओं को देखते हुए सजा में आंशिक राहत दी गई।

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    22 जून 2012 को आठ वर्षीय पीड़िता घर लौट रही थी, तभी संजय कुमार ने उसे रास्ते में रोका, च्युइंग देने का लालच दिया और पास की झाड़ियों में ले जाकर दुष्कर्म किया था। बच्ची की चीख-पुकार पर मां मौके पर पहुंची और उसे बदहवास हालत में पाया था।

    मेडिकल रिपोर्ट ने यौन शोषण की पुष्टि की गई थी। सत्र न्यायालय ने 2014 में दोषी को दुष्कर्म के तहत 12 वर्ष कठोर कैद, अपहरण के तहत एक माह साधारण कारावास और 50,000 रुपये जुर्माना लगाया था।

    हाईकोर्ट ने दोष सिद्धि को बरकरार रखते हुए सजा को घटाकर 10 वर्ष किया और जुर्माना बढ़ाकर 1 लाख कर दिया। अदालत ने आदेश दिया कि बढ़े हुए जुर्माने में से 90,000 रुपये पीड़िता को मुआवजे के तौर पर दिए जाएं।

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    हाईकोर्ट ने बचाव पक्ष का यह तर्क खारिज कर दिया कि आरोपी को पारिवारिक भूमि विवाद के चलते झूठा फंसाया गया है। पीड़िता की गवाही और मेडिकल साक्ष्य ने अपराध को सिद्ध कर दिया।