एसएमजीएस जम्मू अस्पताल में स्वास्थ्य जांच को आई किशोरी निकली गर्भवती, पाक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज
जम्मू के एसएमजीएस अस्पताल में एक 15 वर्षीय लड़की पेट दर्द की शिकायत के बाद जांच कराने पर गर्भवती पाई गई। लड़की ने पुलिस को बताया कि एक सहपाठी लड़के ने जानीपुर में एक रिश्तेदार के घर पर उसका यौन शोषण किया जिससे वह गर्भवती हो गई। पुलिस ने पाक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

जागरण संवाददाता, जम्मू। जम्मू के एसएमजीएस अस्पताल में पेट में दर्द की शिकायत होने पर स्वास्थ्य जांच के लिए आई 15 वर्षीय किशोरी गर्भवती पाई गई। इसके बाद डाक्टरों ने पुलिस को मामले की जांच के लिए कहा।
किशोरी ने पुलिस को बताया कि साथ पढ़ने वाले एक लकड़े से उसकी दोस्ती हो गई थी। वह उसे अपने एक रिश्तेदार के घर पर जानीपुर इलाके में ले गया, जहां उसका शारीरिक शोषण किया। इस वजह से वह गर्भवती हो गई है।
किशोरी के दावे के आधार पर जानीपुर पुलिस थाने में पाक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है। वहीं, एसएचओ जानीपुर विक्रम शर्मा ने बताया कि मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है।
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मामले का आरोपित भी किशोर है। पीड़ित लड़की को जल्द कोर्ट में पेश कर जज के सामने उसके बयान दर्ज करवाएं जाएंगे। इसके आधार पर आगे की जांच की जाएगी। रविवार को पुराने शहर में रहने वाली एक किशोरी को परिजन एसएमजीएस अस्पताल लाए।
डाक्टरों ने जब अल्ट्रासाउंड किया तो पता चला कि वह गर्भवती है। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस को बुलाया गया। महिला पुलिस कर्मियों ने किशोरी से बातचीत की। साथ ही गैर सरकारी संगठन से जुड़े सदस्यों को भी बुलाया गया, जिन्होंने किशोरी की काउंसलिंग करना शुरू कर दी है।
नशा दवा की तस्करी मामले के आरोपितों को जमानत नहीं
विशेष एनडीपीएस कोर्ट जम्मू ने प्रतिबंधित नशीली दवा कोडीन युक्त कफ सिरप (कोक्रेक्स) की तस्करी से जुड़े एक मामले में आरोपित गर्व भंबरी और ममता कंसल की जमानत याचिकाएं खारिज कर दी हैं।
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यह मामला एनसीबी (नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो) द्वारा कामर्शियल मात्रा में कोडीन फास्फेट और 15.03 लाख रुपये की नकदी जब्त किए जाने से जुड़ा है, जो कथित रूप से एनके फार्मास्युटिकल्स प्राइवेट लिमिटेड से संबंधित है। गर्व भंबरी इस कंपनी का लाइसेंस धारक है, जबकि ममता कंसल जीएसटी रिटर्न दाखिल करने वाली हैं।
सरकारी वकील अजय सिंह मन्हास ने आरोपियों की जमानत का विरोध करते हुए कहा कि यह मामला एक बड़े षड्यंत्र का हिस्सा है, जिसमें बिना वैध प्रिस्क्रिप्शन के प्रतिबंधित दवाओं का दुरुपयोग और वितरण किया गया है।
वहीं, याचिकाकर्ताओं के वकील ने कोर्ट में यह तर्क दिया कि जब्त सिरप में कोडीन की मात्रा तय सीमा के भीतर थी या पूर्व में सह-आरोपियों को राहत मिली थी को कोर्ट ने खारिज कर दिया। विशेष एनडीपीएस जज वाइपी शर्मा ने स्पष्ट किया कि एनडीपीएस अधिनियम की धारा 37 के तहत कठोर शर्तें पूरी नहीं हुई हैं, इसलिए जमानत नहीं दी जा सकती।
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कोर्ट ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि नशे की लत दीमक की तरह युवा पीढ़ी को खा रही है और देश का भविष्य बर्बाद कर रही है। इस अपराध की गंभीरता और चल रही जांच का हवाला देते हुए आरोपियों को न्यायिक हिरासत में रखने को उचित ठहराया।
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