कितने सुरक्षित हैं स्कूल: भवन जर्जर, चार कमरों में नर्सरी से आठवीं तक की 80 छात्राएं कर रहीं पढ़ाई
जम्मू के आरएसपुरा शिक्षा क्षेत्र में स्थित सरकारी कन्या मिडिल स्कूल मिल एरिया की हालत जर्जर है। कितने सुरक्षित हैं स्कूल यह सवाल यहाँ पढ़ने वाली 80 छात्राओं की सुरक्षा पर है जो जर्जर भवन में शिक्षा ग्रहण करने को मजबूर हैं। स्कूल में केवल चार कमरे हैं जिनमें नर्सरी से आठवीं तक की कक्षाएं चलती हैं। छतें टपकती हैं और दीवारों में पेड़ उग आए हैं।

दलजीत सिंह, जागरण, आरएसपुरा। आरएसपुरा शिक्षा जोन के अंतर्गत सरकारी कन्या मिडिल स्कूल मिल एरिया की हालत काफी बदहाल है। शिक्षा के अधिकार के बावजूद इस स्कूल में पढ़ने वाली 80 छात्राएं जर्जर भवन में शिक्षा ग्रहण करने को मजबूर हैं।
सालों पुराना यह स्कूल भवन दयनीय हालत में है। केवल चार कमरे ही स्कूल के पास हैं, जिनमें नर्सरी से लेकर आठवीं कक्षा तक की पढ़ाई होती है। एक ही कमरे में एक से ज्यादा कक्षाएं चलाना न केवल असुविधाजनक है, बल्कि शैक्षणिक माहौल और सुरक्षा दोनों पर सवाल खड़ा करता है।
सबसे बड़ी समस्या यह है कि स्कूल की छतें बरसात में टपकती हैं। कई बार बच्चों को किताबों के साथ खुद को भीगने से बचाना मुश्किल हो जाता है। कमरों की दीवारों में पेड़ों की जड़ें उग आई हैं, जो साफ तौर पर इमारत की जर्जर स्थिति को दर्शाती हैं।
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स्कूल की सभी छतों पर घास और झाड़ियां उग चुकी हैं, जिससे छत और कमजोर हो चुकी हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर समय रहते संज्ञान नहीं लिया गया तो हादसा हो सकता है। एक तरफ सरकार बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ जैसे अभियानों को बढ़ावा दे रही है, वहीं दूसरी ओर मूलभूत सुविधाओं से वंचित ऐसे स्कूल इन अभियानों को खोखला साबित कर रहे हैं।
एक इमारत पहले ही घोषित हो चुकी है असुरक्षित
विद्यालय की एक इमारत को पहले ही असुरक्षित घोषित किया जा चुका है। शेष चार कमरे वर्तमान में उपयोग में हैं, उनकी स्थिति भी किसी खतरे से कम नहीं है। इसके बावजूद अब तक प्रशासन द्वारा कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।
कार्यकाल में स्कूल की नई इमारत निर्माण की मांग उठाई थी, लेकिन कार्य आज तक शुरू नहीं हो सका। यह इमारत पूरी तरह से असुरक्षित हो चुकी है। इसे गिराकर जल्द से जल्द नई इमारत बनवानी चाहिए। -अंजू बाला, पूर्व वार्ड पार्षद
बच्चों की सुरक्षा से बड़ा कुछ नहीं होता। अगर जल्द ध्यान नहीं दिया गया, तो कोई बड़ा हादसा हो सकता है। इसलिए सरकार और विभाग को संज्ञान लेना चाहिए। -विनोद कुमार, स्थानीय निवासी
हम अपने बच्चों को सकारी स्कूल में पढ़ाना तो चाहते हैं, पर जब स्कूल की छत ही गिरने लगे तो डर लगता है। मजबूरी में हमें निजी स्कूलों में भेजना पड़ता है। यह चिंताजनक है। -शिव कुमार स्थानीय निवासी
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लड़कियों के लिए यह स्कूल ही एकमात्र विकल्प है। सरकार को चाहिए कि जल्द से जल्द नई इमारत का निर्माण करे, ताकि बेटियां सुरक्षित माहौल में पढ़ सकें। स्कूल में ज्यादातर अनाथ बच्चियों ही शिक्षा ग्रहण करती हैं। -रोमेश कुमार, स्थानीय निवासी
जिलाधीश जम्मू ने सभी जोनों में स्थित ऐसे स्कूलों की सूची तैयार करने और उनकी मरम्मत या नए भवन निर्माण के लिए रिपोर्ट बनाने के आदेश दिए हैं। स्कूल मिल एरिया को भी इस सूची में शामिल किया गया है। जल्द ही इस पर कार्यवाही की जाएगी। -सुभाष चंद्र, जोनल शिक्षा अधिकारी
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