हॉकी इंडिया लीग की वापसी से खुश हैं सरदार सिंह, युवाओं के लिए बेहतरीन मंच करार दिया
भारतीय हॉकी टीम के पूर्व कप्तान सरदार सिंह ने हॉकी इंडिया लीग की वापसी पर खुशी जताई। सरदार सिंह लीग में सूरमा हॉकी क्लब के कोच और मेंटर की भूमिका निभाएंगे। सरदार सिंह ने कहा कि हॉकी इंडिया लीग से अगली पीढ़ी को सीखने के लिए बहुत कुछ मिलेगा। उन्होंने साथ ही बताया कि सूरमा हॉकी क्लब में वो काम, सीख और अनुशासन की संस्कृति बनाने की कोशिश कर रहे हैं।

सरदार सिंह
स्पोर्ट्स डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय पुरुष हॉकी टीम के पूर्व कप्तान सरदार सिंह हॉकी इंडिया लीग में सूरमा हॉकी क्लब के कोच और मेंटर की भूमिका में नजर आएंगे। सरदार सिंह का मानना है कि हॉकी इंडिया लीग से अगली पीढ़ी को सीखने के लिए काफी कुछ मिलेगा।
सरदार सिंह ने हॉकी इंडिया लीग के बारे में बात करते हुए कहा, 'सबसे बड़ा फायदा खिलाड़ियों के लिए एक्सपोजर है। जब हम पहले जर्मनी या ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेलते थे, तो विश्व कप या ओलंपिक के दौरान ही चार साल में एक बार भिड़ते थे। हमें उनकी ताकत या कमजोरियों का पता नहीं होता था।'
उन्होंने साथ ही कहा कि 'मगर अब परिदृश्य बदला है। विदेशी खिलाड़ी यहां आकर कुछ समय बिताते हैं, जिससे हमारे युवाओं को ट्रेनिंग से लेकर कई चीजों को सीखने का मौका मिलता है। एचआईएल युवाओं को अमूल्य अनुभव देती है और खिलाड़ियों की अगली पीढ़ी को तैयार करने में मदद करती है।'
सरदार सिंह की कोशिश सूरमा हॉकी क्लब में काम, सीख और अनुशासन की संस्कृति बनाने की है। उन्होंने कहा, 'हर मैच कठिन होगा। हमें सभी खिलाड़ियों के लिए अवसर बनाने और एक इकाई के रूप में काम करने की जरूरत है। मैदान पर निर्णय लेना महत्वपूर्ण होगा। हम अपने पेनल्टी कॉर्नर को बेहतर बनाने और कोच की रणनीतियों का बारीकी से पालन करने पर भी ध्यान केंद्रित करेंगे। विचार एक टीम के रूप में एक साथ बढ़ने और लगातार अच्छा प्रदर्शन करने का है।'
सरदार सिंह ने पिछले कुछ समय में भारतीय हॉकी की प्रगति पर खुशी जाहिर की। पूर्व भारतीय कप्तान ने कहा, 'हम एक इकाई के रूप में मजबूत हुए हैं। पहले, टीम को 4-5 बेहतरीन खिलाड़ी संभालते थे, लेकिन अब हर खिलाड़ी लगभग उसी स्तर पर प्रदर्शन करता है। ट्रेनिंग की तीव्रता में सुधार हुआ है। एक टूर्नामेंट जीतने के लिए, आपको हर किसी को 80-90% पर प्रदर्शन करने की ज़रूरत होती है, और अब यही हो रहा है। समग्र मानक ऊपर उठा है, और यह एक बड़ी सकारात्मक बात है।'
युवाओं को सीख देते हुए सरदार सिंह ने कहा, 'मैंने अपने 12-13 साल के खेलने के करियर के दौरान अपना सर्वश्रेष्ठ दिया। वह चरण शानदार था, लेकिन अब मैं एक कोच के रूप में अपनी भूमिका का आनंद ले रहा हूं। मैं अभी भी सीख रहा हूं कि खिलाड़ियों को कैसे संभालना है, उन्हें आगे बढ़ने में कैसे मदद करनी है, और इस नई भूमिका में खुद को कैसे विकसित करना है। हर दिन नए सबक लेकर आता है, और यही मुझे प्रेरित रखता है।'

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