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    Hockey World Cup 2023: भुवनेश्वर में हॉकी वर्ल्ड कप शुरू होने पर इन 8 खिलाड़ियों पर रहेंगी सभी की नजरें

    By AgencyEdited By: Umesh Kumar
    Updated: Sun, 08 Jan 2023 04:46 PM (IST)

    Hockey World Cup 2023 पहली बार एफआईएच पुरुष हॉकी विश्व कप की मेजबानी किसी देश द्वारा लगातार दो बार की जाएगी। 2018 संस्करण की मेजबानी भुवनेश्वर में की गई थी जिसमें बेल्जियम ने नीदरलैंड को हराकर अपना पहला खिताब जीता था।

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    हॉकी विश्व कप 2023, FIH Men's Hockey World Cup 2023

    नई दिल्ली, आईएएनएस। भुवनेश्वर और राउरकेला में 13-29 जनवरी तक खेले जाने वाले 15वें HIF Men’s Hockey World Cup 2023 के मेगा हॉकी महाकुंभ के लिए हॉकी सितारों का समूह ओडिशा पहुंच गया है। पहली बार, एफआईएच पुरुष हॉकी विश्व कप की मेजबानी किसी देश द्वारा लगातार दो बार की जाएगी। 2018 संस्करण की मेजबानी भुवनेश्वर में की गई थी, जिसमें बेल्जियम ने नीदरलैंड को हराकर अपना पहला खिताब जीता था।

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    जैसा कि दुनिया भर की 16 सर्वश्रेष्ठ टीमें टूर्नामेंट के लिए तैयार हैं। इस बार इस टूर्नामेंट में ऐसे कुछ खिलाड़ी हैं, जिन पर सभी की नजरें होंगी।

    पीआर श्रीजेश (भारत)

    अनुभवी भारतीय गोलकीपर पीआर श्रीजेश ने भारत के प्रदर्शन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्हें 2022 में एफआईएच गोलकीपर ऑफ द ईयर भी चुना गया था। उन्होंने उनके शानदार खेल के लिए दुनिया के सर्वश्रेष्ठ गोलकीपरों में जाना जाता है। पेनल्टी शूट-आउट को रोकने में उन्हें महारत हासिल है। 2020 टोक्यो ओलंपिक के दौरान, श्रीजेश ने जर्मनी के खिलाफ कांस्य पदक मैच में आखिरी कुछ सेकंड में पेनल्टी कॉर्नर बचाया, जिससे भारत ने ओलंपिक पदक के लिए चार दशक के सूखे को समाप्त कर दिया।

    ऐसे कई और उदाहरण हैं जहां स्टार गोलकीपर भारत की सफलता में एक महत्वपूर्ण घटक रहा है। श्रीजेश के पास 240 से अधिक अंतरराष्ट्रीय मैचों का अनुभव है। विश्व कप 2023 में भारतीय टीम को इनके होने से मजबूती मिलती है। श्रीजेश का यह आखिरी विश्व कप होगा, टीम इनके लिए हॉकी विश्व कप जीताना चाहेगा।

    हरमनप्रीत सिंह (भारत)

    टीम के प्रमुख ड्रैग-फ्लिकर, हरमनप्रीत सिंह को हाल के वर्षों में भारतीय हॉकी के पुनरुत्थान में एक महत्वपूर्ण घटक के रूप में जाना जाता है। पेनल्टी कार्नर में इन्हें महारत हासिल है। साथ-साथ उनके विश्व स्तरीय डिफेंस ने उन्हें पहचान दिलाई है। हरमनप्रीत ने 2021 में टोक्यो ओलंपिक में भारत की ऐतिहासिक कांस्य पदक जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। वह टोक्यो ओलंपिक में छह गोल के साथ देश के शीर्ष स्कोरर के रूप में उभरे।

    आकाशदीप सिंह (भारत)

    2012 में अपनी शुरूआत करने के बाद से आकाशदीप सिंह भारत की गोल स्कोरिंग मशीन रहे हैं। श्रीजेश और हरमनप्रीत के अलावा वह 200 से अधिक अंतरराष्ट्रीय मैच खेलने वाले एकमात्र खिलाड़ी हैं। उनके पास 80 से अधिक अंतरराष्ट्रीय गोल हैं। वह भारतीय लाइन-अप में सबसे अनुभवी फॉरवर्ड होंगे और भारतीय फॉरवर्ड लाइन को मार्शल करने के लिए बहुत कुछ उन पर निर्भर करेगा।

    हेग 2014 एफआईएच हॉकी विश्व कप में 28 वर्षीय भारत के शीर्ष स्कोरर थे, जिनके नाम पांच गोल हैं। 2020 में अपने खराब फॉर्म के कारण टोक्यो से चूकने के बाद, आकाशदीप ने अपने शानदार कौशल सेट में कई आयाम जोड़े हैं।

    विवेक सागर प्रसाद (भारत)

    विवेक सागर प्रसाद अलग-अलग चरणों में टीम में सबसे आगे रहे हैं। मिडफील्डर विवेक सागर टोक्यो 2020 में कांस्य पदक जीतने वाली सीनियर टीम का हिस्सा थे और उन्होंने मलेशिया में सुल्तान ऑफ जोहोर कप के सातवें संस्करण में अंडर-21 टीम को तीसरे स्थान पर पहुंचाया था।

    एडी ओकेनडेन (ऑस्ट्रेलिया)

    मिडफील्डर एडी ओकेनडेन 2008 और 2012 ओलंपिक में कांस्य जीतने वाली ऑस्ट्रेलियाई टीम का भी हिस्सा थे। ओकेनडेन ने न सिर्फ मिडफील्डर्स और फॉरवर्ड को गोल करने के मौके बनाने में मदद की बल्कि 72 अंतरराष्ट्रीय गोल भी किए। वह नई दिल्ली और द हेग में क्रमश: 2010 विश्व कप और 2014 विश्व कप जीतने वाली राष्ट्रीय टीम का हिस्सा थे। ओकेनडेन ने ऑस्ट्रेलिया के लिए नौ चैंपियंस ट्रॉफी में प्रदर्शन किया है और अपनी टीम को 2009 और 2011 में दो बार स्वर्ण पदक दिलाने में मदद की है।

    अलेक्जेंडर हेंड्रिकक्स (बेल्जियम)

    बेल्जियम के स्टार डिफेंडर अलेक्जेंडर हेंड्रिक ने टोक्यो 2020 में बेल्जियम को हॉकी में देश का पहला ओलंपिक खिताब दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने 14 गोल किए और टूर्नामेंट के शीर्ष स्कोरर के रूप में अभियान को समाप्त किया। उन्हें ऑस्ट्रेलिया के ग्रोवर्स ब्लेक के साथ 2018 विश्व कप में टूर्नामेंट के सर्वोच्च गोल स्कोरर के रूप में खिताब दिया गया था, जिसमें सात गोल थे। ड्रैग-फ्लिक के 29 वर्षीय बादशाह के पास 150 अंतरराष्ट्रीय मैच खेलने का अनुभव है और उन्होंने अब तक 89 गोल किए हैं।

    मैट ग्रामबश (जर्मनी)

    30 वर्षीय मिडफील्डर ने कुल 161 मैच खेले हैं और 51 गोल किए हैं। ग्रामबश अपने तीसरे विश्व कप में नजर आएंगे। उन्होंने रियो में ओलंपिक कांस्य और कुछ यूरोपीय चैंपियनशिप पदक भी जीते, लेकिन अभी तक पोडियम पर नहीं थे। 30 वर्षीय कप्तान का लक्ष्य भारत में पोडियम पर आना है।

    थिएरी ब्रिंकमैन (नीदरलैंड)

    थिएरी ब्रिंकमैन के नाम पर 140 कैप हैं। उन्होंने डच टीम के लिए अब तक 55 गोल किए हैं। ब्रिंकमैन को 2018 विश्व कप टीम में भी नामित किया गया था और उन्होंने हर मैच में भाग लिया था। इसके अलावा, उन्होंने 2018 संस्करण में खेले गए हर एक मैच में स्कोर किया, लेकिन नीदरलैंड फाइनल में बेल्जियम से हार गया। 27 वर्षीय स्ट्राइकर जो 2018 में नहीं कर पाया, वो अब 2023 में पूरा करना चाहेगा।

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