ऊना के तीन लोगों से कनाडा में फूड पैकिंग की नौकरी के नाम पर लाखों की ठगी, मोहाली में फर्म का दफ्तर भी बंद
Himachal Pradesh Job Scam हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले में कनाडा में नौकरी दिलाने के नाम पर लाखों की ठगी का मामला सामने आया है। मोहाली की एक फर्म रुद्राक्ष ग्रुप पर तीन लोगों से फूड पैकिंग की नौकरी के नाम पर पैसे ऐंठने का आरोप है। पीड़ितों ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है जिसके बाद मामला मोहाली पुलिस को सौंप दिया गया है।

संवाद सहयोगी, अंब (ऊना)। विदेश में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी का खेल हिमाचल प्रदेश में एक बार फिर सामने आया है। जिला ऊना के तीप को कनाडा में नौकरी दिलाने के नाम पर लाखों रुपये की ठगी की गई है।
मोहाली की रुद्राक्ष ग्रुप के मालिक पर कनाडा में फूड पैकिंग की नौकरी दिलवाने का झांसा देकर लाखों रुपये हड़पने के आरोप हैं। पीड़ितों की शिकायत पर अंब पुलिस थाना में धोखाधड़ी के दो मामले दर्ज कर आगामी कार्रवाई के लिए मोहाली के फेज-1 पुलिस स्टेशन में स्थानांतरित किया है।
पहली शिकायत टकोली निवासी विशाल शर्मा ने दर्ज करवाई है कहा कि वह पेशे से दुकानदार हैं, जबकि अजमेर सिंह दिल्ली एयरपोर्ट पर सुरक्षा कर्मी के तौर पर कार्यरत है। शिकायत में विशाल शर्मा ने बताया कि वह 2 अगस्त, 2022 को अपने साथी अजमेर सिंह के साथ रुद्राक्ष ग्रुप के मालिक राकेश रिक्खी से मोहाली स्थित कार्यालय में मिले थे।
फूड पैकिंग की नौकरी के नाम पर दो लोगों से लिए सात लाख
आरोप है कि रिक्खी ने उन्हें कनाडा में फूड पैकिंग की नौकरी दिलाने का झांसा देते हुए प्रति व्यक्ति 3.5 लाख रुपये खर्च बताया। इसके तहत विशाल शर्मा ने कुल 3.50 लाख रुपये दिए इसमें से 5,000 रुपये गूगल-पे और बाकी चेक के माध्यम से दिए, जबकि अजमेर सिंह ने भी 3.50 लाख रुपये दिए इसमें से 5,000 रुपये गूगल-पे से और बाकी नकद चुकाए। इस तरह दोनों से कुल 7 लाख रुपये लिए गए और उनसे आरोपित ने तीन महीने में कनाडा भेजने का वादा किया गया।
शिकायत के अनुसार आरोपित द्वारा न तो उन्हें विदेश भेजा गया और न ही पूरी रकम वापस की गई। केवल 1.30 लाख रुपये लौटाए गए, जबकि 2.20 लाख रुपये अभी भी बकाया है।
मुबारिकपुर के दिनेश से 5.30 लाख रुपये ठगे
दूसरी शिकायत मुबारिकपुर निवासी दिनेश सिंह ने दर्ज कराई है उनका कहना है कि वह क्षेत्र में दुकान करता है। जनवरी 2024 में उन्होंने भी रुद्राक्ष ग्रुप से कनाडा में नौकरी के लिए संपर्क किया था। यहां उनसे कुल 5.30 लाख रुपये मांगे गए, जिसमें से 5,000 रुपये गूगल-पे से और शेष राशि नेफ्ट के जरिए दी गई।
तीन महीने में नौकरी न मिलने पर मोहाली पहुंचे तो पता चला दफ्तर हो चुका है बंद
राकेश रिक्खी ने तीन महीने के भीतर विदेश भेजने का भरोसा दिलाया, लेकिन दिनेश सिंह को न तो नौकरी मिली और न ही उनकी धनराशि वापस की गई। पीड़ित के अनुसार जब वह 6 दिसंबर 2024 को रुद्राक्ष ग्रुप के कार्यालय पहुंचे तो पता चला कि दफ्तर बंद हो चुका है। पीड़ितों ने आरोपित और उसकी टीम के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई और पूरी राशि वापसी की मांग की है।
मोहाली पुलिस को सौंपा केस
डीएसपी अंब डा. वसुधा सूद ने कहा कि पुलिस ने दोनों मामलों में भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 318(4) के तहत जीरो एफआइआर दर्ज की है। केस को आगामी जांच के लिए मोहाली पुलिस को सौंपा गया है।
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