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    ED का बड़ा एक्शन: 400 करोड़ के निवेश घोटाले में मुख्य एजेंट गिरफ्तार, हिमाचल व उत्तर प्रदेश में दर्ज हैं FIR

    Updated: Thu, 18 Sep 2025 12:24 PM (IST)

    QFX investment fraud प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) चंडीगढ़ ने निवेश धोखाधड़ी मामले में मुख्य आरोपी हरिंदर पाल सिंह को गिरफ्तार किया। यह कार्रवाई धनशोधन निवारण अधिनियम के तहत हुई। आरोपी को नौ दिन की हिरासत में भेजा गया है। QFX समूह ने निवेशकों को मासिक 5-6% रिटर्न का लालच देकर ठगा। हरिंदर पाल सिंह भारत और दुबई स्थित मास्टरमाइंड्स के बीच मुख्य कड़ी थे।

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    ईडी ने बहुचर्चित निवेश धोखाधड़ी मामले के मुख्य आरोपित को गिरफ्तार कर लिया है। प्रतीकात्मक फोटो

    जागरण संवाददाता, मंडी। QFX investment fraud, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के चंडीगढ़ जोनल कार्यालय ने बहुचर्चित निवेश धोखाधड़ी मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए मुख्य आरोपितों में से एक हरिंदर पाल सिंह को गिरफ्तार कर लिया। ईडी ने 17 सितंबर 2025 को यह कार्रवाई धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के तहत की। विशेष पीएमएलए अदालत, चंडीगढ़ ने आरोपित को नौ दिनों की ईडी हिरासत में पूछताछ के लिए भेजा है।

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    ईडी की जांच हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों में दर्ज कई एफआईआर के आधार पर शुरू हुई थी। इन एफआईआर में आरोप था कि क्यूएफएक्स (QFX) समूह और उनके एजेंटों ने हजारों निवेशकों को विदेशी मुद्रा ट्रेडिंग योजनाओं के नाम पर मासिक 5-6 प्रतिशत रिटर्न का झांसा देकर ठगा। जांच में सामने आया कि यह सिंडिकेट नवाब उर्फ़ लविश चौधरी (वर्तमान में दुबई से संचालन) द्वारा मास्टरमाइंड किया गया था, जिसने सैकड़ों करोड़ रुपये बिना नियमन वाली जमा योजनाओं में जुटाए।

    ईडी के अनुसार, यह धन भारत में एजेंटों के नेटवर्क के माध्यम से इकट्ठा किया गया और बाद में उसकी उत्पति छिपाने के लिए कई शेल कंपनियों और भुगतान गेटवे से गुजारा गया। प्लेटफ़ॉर्म बार-बार अपनी योजनाओं में बदलाव कर निवेशकों को लुभाते रहे। सुबूतों से यह भी सामने आया कि “सिंह ब्रदर्स टीम” के प्रमुख हरिंदर पाल सिंह भारत और दुबई स्थित मास्टरमाइंड्स के बीच मुख्य कड़ी थे। ऑनगोइंग धोखाधड़ी और धनशोधन में उनकी सक्रिय भूमिका के कारण उन्हें गिरफ्तार किया गया।

    17 से अधिक स्थानों पर छापामारी कर जब्त की थी संपत्ति

    इससे पहले ईडी ने 11 फरवरी और 4 जुलाई 2025 को 17 से अधिक स्थानों पर छापेमारी कर अपराध से प्राप्त लगभग 400 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त/अटैच की थी। एजेंसी का कहना है कि शेष अवैध संपत्ति का पता लगाने, अन्य एजेंटों की पहचान करने और विदेश में बैठे मास्टरमाइंड्स को न्याय के कटघरे में लाने का प्रयास जारी है।

    ईडी की निवेशकों को चेतावनी

    ईडी ने निवेशकों को चेतावनी दी है कि वे उच्च रिटर्न के लालच में किसी भी मल्टी-लेवल मार्केटिंग (एमएलएम) योजनाओं या अनधिकृत फॉरेक्स प्लेटफ़ॉर्म्स में निवेश न करें और संदिग्ध योजनाओं की जानकारी तुरंत कानून प्रवर्तन एजेंसियों को दें। एजेंसी ने स्पष्ट किया कि वह ऐसे सभी अवैध निवेश सिंडिकेट्स को ध्वस्त करने के लिए प्रतिबद्ध है, ताकि जनता की मेहनत की कमाई सुरक्षित रहे।

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