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    हिमाचल : 'पंचायत चुनाव टालने के लिए रचा पुनर्गठन का ढोंग', BJP का सरकार पर निशाना, ...हार के भय से लोकतंत्र की जड़ों पर आघात

    By Jagran News Edited By: Rajesh Sharma
    Updated: Mon, 27 Oct 2025 12:50 PM (IST)

    हिमाचल प्रदेश में पंचायत चुनावों को लेकर बीजेपी ने सरकार पर हमला बोला है। बीजेपी का आरोप है कि सरकार पंचायत चुनाव टालने के लिए पुनर्गठन का नाटक कर रही है, क्योंकि उन्हें हार का डर है। बीजेपी ने इसे लोकतंत्र की जड़ों पर आघात बताया है और सरकार को चेतावनी दी है कि जनता इसका जवाब देगी।

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    हिमाचल प्रदेश में पंचायत चुनाव टालने पर राजनीति गरमा गई है।

    संवाद सहयोगी, चिंतपूर्णी (ऊना)। हिमाचल प्रदेश में पंचायत चुनाव टालने पर भाजपा नेता कांग्रेस सरकार के विरुद्ध हमलावर हो गए हैं। पूर्व उद्योग मंत्री व भाजपा के वरिष्ठ विधायक बिक्रम सिंह ठाकुर ने प्रदेश सरकार पर पंचायत चुनावों से पलायन करने का आरोप लगाया है।

    उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा है कि सरकार पुनर्गठन का बहाना बनाकर आसन्न हार के भय के कारण पंचायती राज संस्थाओं के चुनावों को लंबित करने का प्रयास कर रही है। भाजपा नेता बिक्रम ठाकुर ने रविवार को यहां जारी अपने वक्तव्य में सरकार के इस निर्णय की आलोचना की। 

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    सरकार की मंशा पर लग रहा प्रश्नचिह्न

    उन्होंने प्रश्न किया कि यदि पंचायतों का पुनर्गठन इतना ही आवश्यक था तो सरकार इतने दीर्घकाल तक निष्क्रिय क्यों रही? पंचायत चुनाव की प्रक्रिया आरंभ होने के उपरांत इस प्रकार का निर्णय लेना सरकार की मंशा पर अनेक प्रश्नचिह्न लगाता है। 

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    उन्होंने कहा कि उच्च न्यायालय ने चुनावों से तीन माह पूर्व रोस्टर जारी करना अनिवार्य निर्धारित किया है परंतु सरकार अभी तक पंचायतों का रोस्टर सार्वजनिक नहीं कर पाई है। 

    पंचायती राज व्यवस्था को ध्वस्त करने का आरोप

    उन्होंने कांग्रेस सरकार पर पंचायती राज व्यवस्था को ध्वस्त करने का भी आरोप लगाया। कहा कि सरकार आज तक पंचायतों में चौकीदारों की भर्ती नहीं कर पाई है जिसके कारण सैकड़ों पंचायतें चौकीदारों के बिना ही संचालित हो रही हैं। 17 वर्षों के उपरांत अब ग्राम रोजगार सेवकों को नया अनुबंध करने के आदेश दिए गए हैं जबकि भाजपा सरकार ने इन्हें मनरेगा के अंतर्गत नियमित किया था। 

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    ग्राम रोजगार सेवकों, तकनीकी सहायकों और पंचायत सचिवों के हजारों पद रिक्त हैं। ऐसे में पंचायतों के पुनर्गठन का निर्णय कतई तर्कसंगत नहीं है। ठाकुर ने कहा कि किसान, बागबान, नौजवान तथा महिलाओं सहित प्रदेश का प्रत्येक वर्ग वर्तमान सरकार की नीतियों से त्रस्त एवं निराश है।