Himachal Panchayat Chunav: पंचायतों के पुनर्गठन की क्या रहेगी प्रक्रिया, कब आएगा रोस्टर; चुनाव में होगी कितनी देरी?
हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल ने पंचायतों के पुनर्गठन को मंजूरी दी है। प्राकृतिक आपदाओं के कारण पहले यह कार्य अधूरा रहा था। अब नई पंचायतों के लिए आवेदन फिर से आमंत्रित किए गए हैं। पंचायतों का कार्यकाल जनवरी 2026 में समाप्त हो रहा है, जिसके चलते चुनाव में देरी हो सकती है। ऊना जिले से पुनर्गठन के लिए कई प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं, अधिसूचना जारी होने के बाद स्थिति स्पष्ट होगी।

हिमाचल प्रदेश में पंचायत चुनाव में देरी तय है। प्रतीकात्मक फोटो
अविनाश विद्रोही, गगरेट ऊना। हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल ने पंचायतों के पुनर्गठन व पुनर्सीमांकन को स्वीकृति दी है। हालांकि यह फैसला पहले भी लिया था और पंचायतों के पुनर्गठन के लिए पंचायती राज विभाग को प्रस्ताव मिले थे, लेकिन प्राकृतिक आपदाओं के कारण यह कार्य समय पर पूरा नहीं हो पाया था। अब फिर से पंचायतों के पुनर्गठन का फैसला आया है।
नई पंचायतें भी कर सकती हैं आवेदन
अब फिर से पुनर्गठन के लिए सरकार ने फैसला लिया है तो ऐसे में और भी नई पंचायतें आवेदन कर सकती हैं। अधिसूचना जारी होने के बाद स्थिति स्पष्ट होगी। वर्तमान पंचायतों का कार्यकाल जनवरी 2026 में समाप्त हो रहा है, जिसके चलते प्रदेश पंचायती राज अधिनियम 1994 की धारा 120 के अंतर्गत पंचायतों के सामान्य चुनाव वर्ष 2025 के अंतिम तीन माह के दौरान होने चाहिए थे, लेकिन आपदा के कारण सरकार ने फिलहाल चुनाव आगे कर दिए हैं।
पंचायतों के पुनर्गठन के लिए प्रक्रिया
- प्रस्ताव पंचायत या ग्राम सभा द्वारा प्रस्ताव रखा गया हो।
- प्रपत्र एक में वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार पंचायत की कुल कितनी जनसंख्या है।
- प्रपत्र दो में भरे गए खसरा नंबर व हदबस्त नंबर का संबंधित पंचायत के पटवारी से प्रमाणपत्र।
- वर्तमान पंचायत का पूरा नक्शा, विभाजन/पुनर्गठन उपरांत प्रस्तावित पंचायत का नक्शा तथा शेष पंचायत का नक्शा।
- लोक निर्माण विभाग से दूरी प्रमाण पत्र।
- यदि किसी पंचायत अध्यक्ष, विधायक, मंत्री, महिला मंडल/युवक मंडल/ग्राम समिति की सिफारिश का दस्तावेज हो तो आवेदन के साथ संलग्न करना है।
चुनाव में लग सकता है करीब छह माह का समय
यदि पंचायतों के पुनर्गठन के लिए न्यूनतम समय भी मान लिया जाए तो 31 मार्च, 2026 तक यह प्रक्रिया पूरी होगी। उसके बाद आपत्ति या अन्य विषय के लिए एक माह का अतिरिक्त समय लगेगा। उसके बाद रोस्टर लागू होने के 90 दिन के बाद ही चुनाव करवाए जा सकते हैं। यानी पंचायत चुनाव जुलाई 2026 तक होने की संभावना बन रही है, लेकिन यदि पुराने आवेदन स्वीकार करके नए आवेदन स्वीकार न किए जाएं तो इस प्रक्रिया में कम समय लगेगा, फिर भी चुनाव मार्च 2026 तक खिंच सकते हैं।
ऊना में सबसे ज्यादा प्रस्ताव अंब से आए
जिला ऊना में पंचायतों के पुनर्गठन के लिए सबसे ज्यादा प्रस्ताव अंब विकास खंड से प्राप्त हुए थे। पंचायतों ने औपचारिकताएं पूर्ण कर आवश्यक दस्तावेज सहित विभाग के समक्ष नई पंचायत के गठन के लिए आवेदन किया था।
अंब विकास खंड में दियाड़ा पंचायत के पुनर्गठन की मांग उठी है और इस पंचायत के दिलवां गांव को अलग करके नई पंचायत बनाने का आवेदन प्राप्त हुआ था। इसी विकास खंड में हंबोली के बेहड़ी, नैहरी नौरंगा के आदो पतेहड़, कलरूही के अठवां, कटौहड़ कलां के बदाऊं, भटेहड़ के बेहड़ा और चौआर के कुहाड़छन्न को अलग करके पंचायतों के पुनर्गठन की मांग की गई थी।
हरोली में इन पंचायतों के गठन के आवेदन
वहीं, हरोली के बीटन के जखेवाल, नंगल खुर्द के मनुवाल, ललड़ी के लोअर ललड़ी, पंडोगा के निचला पंडोगा व ईसपुर के ईसपुर टांडा के पुनर्गठन के लिए आवेदन आए थे।
गगरेट में आए इनके आवेदन
गगरेट विकास खंड में दियोली के दियोली मिन्हासा को दो भागों में विभाजित करने की मांग उठी थी। इसी विकास खंड के अंबोटा पंचायत को तीन हिस्सों में बांटने के बारे में ग्रामीणों ने आवेदन किया है। अंबोटा को शिवबाड़ी व चतेहड़ में पुनर्गठन की मांग उठी थी। ऊना विकास खंड में जनकौर के बारसड़ा व नंगल सलांगड़ी के संझोट गांवों को नई पंचायत बनाने के लिए आवेदन आया था। विकास खंड बंगाणा से एकमात्र प्रस्ताव धुंधला पंचायत के ननांवी को अलग करने के लिए आया था।
जिला ऊना से पहले 28 पंचायतों के पुनर्गठन के आवेदन आए थे। फिलहाल अधिसूचना जारी होने के बाद ही पूरी स्थिति स्पष्ट होगी।
-श्रवण सिंह, जिला पंचायत अधिकारी।
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