Lok Sabha Election 2024: नालागढ़ विधानसभा हलके में उपचुनाव की आहट से सियासी हलचल तेज, कांग्रेस नए चेहरे पर खेल सकती है दांव
Lok Sabha Election 2024 हिमाचल प्रदेश में नालागढ़ विधानसभा हलके में उपचुनाव की आहट से सियासी हलचल तेज हो गई है। भाजपा में उनकी वापसी के बाद कांग्रेस छोड़कर 2022 के चुनावों से ठीक पहले भाजपा में शामिल हुए लखविंद्र राणा की भी घर वापसी की अटकलें हैं। लोकसभा चुनावों से पहले लखविंद्र राणा को कांग्रेस में वापस लाया जा सकता है।
सुनील शर्मा, सोलन। शुक्रवार को विधानसभा से निर्दलीय विधायकों के इस्तीफे ने जहां कई पार्टियों की नींद उडा दी वहीं आम जन में भी यह मामला दिन भर चर्चा का विषय बना रहा।
शिमला संसदीय क्षेत्र की नालागढ़ सीट से निर्दलीय विधानसभा पहुंचे बागी नेता केएल ठाकुर की भाजपा में वापसी की चर्चाओं ने अब जोर पकड़ लिया है। भाजपा में उनकी वापसी के बाद कांग्रेस छोड़कर 2022 के चुनावों से ठीक पहले भाजपा में शामिल हुए लखविंद्र राणा की भी घर वापसी की अटकलें हैं।
विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव होने संभावित
बता दें कि कांग्रेस के छह विधायकों की सदस्यता खत्म होने के बाद प्रदेश में उप चुनाव की स्थिति बनी हुई है और अब निर्दलीय विधायकों के इस्तीफे से भी तय हो गया है कि अब छह नहीं बल्कि नौ विधानसभा क्षेत्रों में उप चुनाव होने संभावित हैं। शिमला संसदीय क्षेत्र का इन सभी नौ विधानसभाओं में केवल नालागढ़ हलका आता है, जहां शुक्रवार को सियासी हलचल तेज हो गई हैं।
मुख्यमंत्री सुक्खु से मिल चुके लखविंद्र राणा
प्रदेश में राज्य सभा चुनावों के बाद बदले राजनीतिक माहौल के दौरान नालागढ़ से भाजपा के प्रत्याशी रहे लखविंद्र राणा भी शिमला में मुख्यमंत्री सुक्खविंदर सिंह सुक्खू से मुलाकात कर चुके हैं। जानकारी के अनुसार लोकसभा चुनावों से पहले लखविंद्र राणा को कांग्रेस में वापस लाया जा सकता है।
नालागढ़ विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस की सीट पर चुनाव लड़ते रहे लखविंद्र राणा के पास क्षेत्र में एक जनाधार है और राजपूत मतदाताओं में वह उनकी अच्छी पहुंच है। ऐसे में लोकसभा चुनावों के लिहाज से भी कांग्रेस सरकार व लखविंद्र राणा के बीच इस समय बातचीत जारी है।
नए चेहरे पर भी चर्चा
नालागढ़ विधानसभा क्षेत्र के लिए कांग्रेस लगातार राजपूत चेहरा देखती रही है। हालांकि विगत विधानसभा चुनावों में ठीक नाॅमीनेशन से पहले कांग्रेस के पूर्व विधायक लखविंद्र राणा ने पार्टी से त्याग पत्र देकर भाजपा का दामन थाम लिया था और हरदीप बाबा को यहां कांग्रेस का टिकट दिया गया। इससे दोनों पार्टियों के बीच चल रहे विध्वंश का लाभ निर्दलीय प्रत्याशी केएल ठाकुर को मिला और वह विधानसभा पहुंच गए।
यह भी पढ़ें: Himachal Political Crisis: सियासी संकट के बीच विधानसभा पहुंचे तीनों निर्दलीय विधायक, सचिव को सौंपा इस्तीफा
ऐसे में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में गए लखविंद्र राणा को तीसरा स्थान मिला और कांग्रेस के हरदीप बाबा दूसरे स्थान पर रहे, लेकिन सुक्खु सरकार में उन्हें राजा गुट के तमगे का खामियाजा भुगतना पड़ा और अब तक वह हाशिए पर चल रहे हैं। कयास लगाए जा रहे हैं कि अब कांग्रेस नालागढ़ विधानसभा से नए चेहरे को मौका दे सकती है। यहां काफी समय से कांग्रेस के नेता अजैब सिंह राणा के सुपुत्र उज्जवल सिंह राणा टिकट की मांग करते रहे हैं।