कसौली दुष्कर्म मामले की कोर्ट में हुई सुनवाई, शिकायतकर्ता महिला को अदालत में पेश होने का आदेश
कसौली दुष्कर्म मामले में कोर्ट ने शिकायतकर्ता महिला को अदालत में पेश होने का आदेश दिया। बता दें कि दिसंबर में हरियाणा भाजपा के अध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली और सिंगर रॉकी मित्तल पर महिला ने मॉडल बनाने का झांसा देकर दुष्कर्म करने का आरोप लगाया था। मोहन लाल बडौली और गायक रॉकी मित्तल को पुलिस ने क्लीन चिट दे दी है।
संवाद सहयोगी, सोलन। सोलन जिला के कसौली दुष्कर्म मामले में मंगलवार को कसौली कोर्ट में सुनवाई हुई। अदालत ने छह मार्च को अगली सुनवाई पर शिकायतकर्ता महिला को पेश होने का आदेश दिया। सरकार की तरफ से मामले की पैरवी एडीए विकास शर्मा ने की। दिसंबर में हरियाणा भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली व गायक रॉकी मित्तल के विरुद्ध दिल्ली निवासी एक महिला ने दुष्कर्म का मामला दर्ज करवाया था।
शिकायतकर्ता ने दुष्कर्म का लगाया था आरोप
शिकायतकर्ता ने पुलिस को बताया था कि जुलाई 2023 में वह एक महिला मित्र व अपने बॉस अमित बिंदल के साथ कसौली घूमने आई थी। इस दौरान उनकी मुलाकात रोजकामन होटल में मोहन लाल बड़ौली व गायक रॉकी मित्तल के साथ हुई।
महिला के मुताबिक वहां उन्होंने कमरे में शिकायतकर्ता को बुलाया व उसको नौकरी देने और मॉडल बनाने का झांसा देकर दुष्कर्म किया। महिला ने आरोप लगाए थे कि इस दौरान कमरे में उसके साथ उसकी सहेली भी थी।
पुलिस ने जमा की कैंसिलेशन रिपोर्ट
करीब डेढ़ साल बाद हुई शिकायत को लेकर पुलिस भी हैरान थी कि इतने समय पहले के साक्ष्य कैसे जुटाएं। पुलिस ने महिला के साथ जाकर होटल में छानबीन भी की थी। महिला को मेडिकल के लिए भी ले जाया गया, लेकिन उसने इसके लिए असहमति जताई थी।
उसके बाद पुलिस ने हरियाणा जाकर दोनों आरोपितों से मामले के संबंध में पूछताछ भी की थी। बीते माह महिला ने कोर्ट के माध्यम से पुलिस से मामले की स्टेटस रिपोर्ट भी मांगी थी, जिसको पुलिस ने कोर्ट में पेश कर दिया था। मामले में ठोस साक्ष्यों के अभाव में पुलिस ने कैंसिलेशन रिपोर्ट भी कोर्ट में जमा की है।
महिला ने मेडिकल कराने से कर दिया था इंकार
महिला के साथ ले जाकर होटल में छानबीन की गई। उसको मेडिकल के लिए ले जाया गया, लेकिन उसने मेडिकल करवाने से मना कर दिया था। उसके बाद पुलिस ने दोनों आरोपितों से हरियाणा जाकर पूछताछ भी की थी। हालांकि, पुलिस इस मामले को शुरू से ही कमजोर बता रही थी।
डेढ़ वर्ष पहले के मामले में पुलिस को कोई ठोस साक्ष्य नहीं मिले। शिकायतकर्ता महिला द्वारा गवाह बनाई उसकी सहेली ने भी दुष्कर्म जैसी घटना से साफ इनकार कर दिया था। ऐसे में पुलिस ने मामले में कैंसलेशन रिपोर्ट कोर्ट में डाल दी है।
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