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    Nahan: 'ट्रांसगिरी में निम्न की जगह उच्च जातियों को एसटी आरक्षण', गुर्जर समाज कल्याण के परिषद के अध्यक्ष ने दिया बयान

    By Jagran NewsEdited By: Shoyeb Ahmed
    Updated: Mon, 04 Dec 2023 02:51 PM (IST)

    केंद्र सरकार तथा हिमाचल प्रदेश की पूर्व सरकार ने जिला सिरमौर के गुर्जर समुदाय की अनदेखी कर जिला सिरमौर के ट्रांसगिरी के उच्च वर्ग के लोगों को एसटी आरक्षण प्रदान किया गया है। सिरमौर गुर्जर कल्याण परिषद के अध्यक्ष व महासचिव सोमनाथ भटिया ने ये जानकारी दी। जिला सिरमौर के ट्रांसगिरी में निम्न वर्गों में अनुसूचित जनजाति की 50 प्रतिशत आबादी तथा ओबीसी को 27 प्रतिशत आबादी है।

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    गुर्जर समाज कल्याण के परिषद के अध्यक्ष बोले ट्रांसगिरी में निम्न की जगह उच्च जातियों को एसटी आरक्षण

    जागरण संवाददाता, नाहन। केंद्र की भाजपा सरकार तथा हिमाचल प्रदेश की पूर्व सरकार ने जिला सिरमौर के गुर्जर समुदाय की अनदेखी कर जिला सिरमौर के ट्रांसगिरी के उच्च वर्ग के लोगों को एसटी आरक्षण प्रदान किया गया है।

    जबकि जिला सिरमौर के ट्रांसगिरी में निम्न वर्गों में अनुसूचित जनजाति की 50 प्रतिशत आबादी तथा ओबीसी को 27 प्रतिशत आबादी है।

    केंद्र सरकार दे रही उच्च वर्गों के लोगों को आरक्षण

    अब केंद्र की सरकार ने गुर्जरों के हितों से खिलवाड़ करते हुए उच्च वर्ग के लोगों को एसटी का आरक्षण दे रही है। जो की निम्न वर्ग के गुर्जरों से सरासर अन्य है। यह बात नाहन में पत्रकारों को संबोधित करते हुए सिरमौर गुर्जर कल्याण परिषद के अध्यक्ष राजकुमार पोसवाल व महासचिव सोमनाथ भटिया ने कही।

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    सिरमौर गुर्जर कल्याण परिषद के अध्यक्ष राजकुमार पोसवाल ने प्रदेश सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि 2 दिसंबर को प्रदेश सचिवालय में सिरमौर एसटी के हित धारकों की एक बैठक जनजातीय मंत्री जगत सिंह नेगी की अध्यक्षता में बुलाई गई थी। इस बैठक में ना तो नाहन की विधायक को आमंत्रित किया गया, ना ही जिला सिरमौर के गुर्जर समुदाय के लोगों को आमंत्रित किया गया।

    सबसे प्रभावित हो रहे गुर्जर समुदाय के लोग 

    जबकि ट्रांसगिरी के लोगों को एसटी का दर्जा देने से सबसे अधिक प्रभावित जिला सिरमौर के गुर्जर समुदाय के लोग ही हो रहे हैं। राजकुमार तथा सोमनाथ ने कहा कि ट्रांसगिरी के हाटी समुदाय के लोग प्रदेश सरकार पर अनावश्यक दबाव बना रहे हैं। उन्होंने कहा कि 18 दिसंबर को प्रदेश हाईकोर्ट में गुर्जर समुदाय की रीट पटीशन पर सुनवाई होनी है।

    कम से कम उन्हें 18 दिसंबर तक तो इंतजार करना चाहिए। अगर सरकार पर दबाव बनाने के लिए हाटी समुदाय के लोग धरना प्रदर्शन करते हैं। तो मजबूरन गुर्जर समुदाय के लोगों को भी धरना प्रदर्शन के लिए मजबूर हो जाएंगे। राजकुमार पोसवाल ने आरोप लगाया कि हाटी समुदाय को जो एसटी का दर्जा दिया गया है, उसमें गुर्जरों के हितों का हनन हो रहा है।

    केंद्र सरकार की नोटिफिकेशन में तथ्य अलग

    प्रदेश सरकार की ओर से भेजी गई प्रपोज में कुछ और आंकड़े थे, जबकि केंद्र सरकार से जो नोटिफिकेशन हुई है, उसमें कुछ और तथ्य हैं। आखिर इन तथ्य तथा एनालॉजी रिपोर्ट में बदलाव किसने और क्यों किया।

    एक सवाल के जवाब में सोमनाथ भाटिया ने कहा कि अगर हाटीयों ने गुर्जरों का राजस्व रिकॉर्ड ले लिया है, तो हमने भी हाटीयों का रिकॉर्ड ले रखा है। जो समय आने पर हाईकोर्ट में सौंप जाएगा। इस पत्रकार वार्ता में गुर्जर समाज कल्याण परिषद के उपाध्यक्ष यशपाल और सदस्य रोशन लाल भी उपस्थित रहे।

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