हिमाचल: ग्रेट खली के जमीन विवाद ने पकड़ा तूल, रेसलर के सवाल उठाने के बाद SDM पांवटा साहिब भी आए मीडिया के सामने
हिमाचल प्रदेश के पांवटा साहिब में रेसलर द ग्रेट खली का भूमि विवाद लगातार तूल पकड़ रहा है। खली द्वारा जांच पर सवाल उठाने के बाद एसडीएम गुंजीत सिंह चीमा ...और पढ़ें

रेसलर ग्रेट खली उर्फ दिलीप सिंह राणा और एसडीएम पांवटा साहिब गुंजीत सिंह चीमा।
जागरण संवाददाता, नाहन। हिमाचल प्रदेश में जिला सिरमौर के पांवटा साहिब उपमंडल में रेसलर द ग्रेट खली उर्फ दिलीप सिंह राणा का भूमि विवाद लगातार तूल पकड़ता जा रहा है। शुक्रवार शाम को ग्रेट खली ने पांवटा साहिब में पत्रकार वार्ता कर जांच पर सवाल उठाए थे। इसके बाद शनिवार को जांच अधिकारी एवं एसडीएम पांवटा साहिब गुंजीत सिंह चीमा भी मीडिया के समक्ष आए।
एसडीएम गुंजीत सिंह चीमा ने कहा कि वह हर रोज सुबह ऑफिस आकर कर्मचारियों से खली के केस के मामले में अपडेट लेते हैं। एसडीएम ने बताया कि उपायुक्त सिरमौर के निर्देश मिलने के बाद 8 दिसंबर को खली की शिकायत के मामले में सभी पक्षों को पहला नोटिस जारी किया गया था। नोटिस में 3 दिन का टाइम दिया गया था।
खली के भाई के कहने पर दिया 15 दिन का समय
इसके बाद 15 दिसंबर को खली उर्फ दिलीप सिंह राणा के भाई यशपाल राणा कार्यालय में आकर मिले तथा उन्होंने 15 दिन का समय मांगा कि उन्हें कुछ दस्तावेज एकत्रित करने हैं। यशपाल राणा की मांग पर 15 दिन का समय 30 दिसंबर तक दिया गया है।
तहसील कार्यायल से कोई कर्मी नहीं जांच में
इसके साथ ही इस जांच के लिए तहसील कार्यालय से कोई भी कर्मचारी नहीं लिया गया है। जांच टीम में रिटायर्ड नायब तहसीलदार व कानूनगो तथा दूसरे सर्किल से कानूनगो और पटवारी को शामिल किए गए हैं।
खली सहित दो महिलाओं को भी नोटिस
खली के साथ-साथ दो अन्य महिलाओं को भी दस्तावेज उपलब्ध करवाने के लिए नोटिस जारी किए गए थे। अब तक दो बार नोटिस जारी किए जा चुके हैं। एक महिला ने बताया था कि उसे कुछ दस्तावेज नहीं मिल रहे हैं। इसके संदर्भ में पटवारी को लिखित आदेश जारी कर दिए गए हैं कि इस मामले से संबंधित जो भी दस्तावेज की मांग किसी भी पक्ष द्वारा की जाती है, वह उपलब्ध करवाएं।
यदि दस्तावेज उपलब्ध नहीं होते, तो उसका लिखित में कारण बताया जाए कि कौन सी धारा और कौन से एक्ट के तहत दस्तावेज उपलब्ध नहीं हो रहे हैं।
एसडीएम ने दोनों पक्षों को किया आश्वस्त
एसडीएम गुंजीत सिंह चीमा ने मीडिया के सामने सभी पक्षों को आश्वस्त किया कि जब दोनों पक्षों की ओर से जमीन के दस्तावेज उपलब्ध होंगे, तो निष्पक्ष जांच की जाएगी। यदि दोनों पक्षों में से किसी को भी दस्तावेज एकत्रित करने के लिए और अधिक समय चाहिए, तो वह उच्च अधिकारियों से बात कर और समय का आग्रह भी कर सकते हैं, ताकि जांच निष्पक्ष तरीके से पूरी हो सके।
क्या है पूरा विवाद
पांवटा साहिब उपमंडल के सूरजपुर में द ग्रेट खली ने 2013 में जमीन खरीदी थी। उस जमीन पर कुछ समय पूर्व द ग्रेट खली ने चारदीवारी लगवाई। उसके बाद जमीन पर विवाद हो गया। दूसरे पक्ष वीरेंद्र सिंह का कहना है कि यह जमीन उसकी है। आरोप है कि जो जमीन खली की है, वह नाले के साथ लगती है और जहां पर खली ने कब्जा किया है वह जमीन वीरेंद्र सिंह और अन्य ग्रामीण की है।
खली ने तहसीलदार ऋषभ शर्मा पर आरोप लगाया कि तहसीलदार ने उसकी जमीन के दस्तावेजों के साथ हेरा फेरी कर यह जमीन प्रॉपर्टी डीलर को देने की कोशिश की। इसके बाद लगातार विवाद बढ़ता जा रहा है।
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