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    Success Story: हिमाचल में आई आपदा में टूटा अनामिका का घर, फिर भी पंजाहल स्कूल में बना दिया ये रिकॉर्ड

    Updated: Sun, 12 May 2024 10:21 AM (IST)

    अगर मेहनत शिद्दत से की जाए तो मंजिल आपको अपनी तरफ खींच ही लेती है। इस लाइन को सार्थक कर दिया धारटीधार के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय पंजाहल की छात्रा अनामिका ने। जिन्होंने 94.85 प्रतिशत अंक हासिल कर पूरे गांव का नाम रोशन कर दिया है। लेकिन ये सफर आसान नहीं था। अनामिका का हिमाचल आपदा में घर टूट गया इसके बाद भी उन्होंने अपनी मेहनत जारी रखी।

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    हिमाचल में आई आपदा में टूटा अनामिका का घर (सांकेतिक)

    जागरण संवाददाता, नाहन। जिला सिरमौर के धारटीधार इलाके के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय पंजाहल की छात्रा अनामिका ने 10वीं कक्षा में 94.85 फीसदी अंक हासिल किए हैं। जो इस स्कूल में अब तक सर्वाधिक अंक लाने के लिए स्कूल का रिकॉर्ड बन गया है। सुरिया ननाहां गांव में पिता भगवंत सिंह और माता सुमन देवी के घर जन्मी अनामिका ने स्कूल का नाम रोशन किया है।

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    10वीं में 94.85 प्रतिशत अंक लाकर गांव का नाम किया रोशन

    इस परिवार पर पिछले साल आपदा का ऐसा कहर टूटा कि आज भी बरसात के दिए जख्मों को नहीं भुला सके हैं। भूस्खलन के चलते घर में दरारें आ गईं, जो रहने के लिए सुरक्षित नहीं बचा। इसके बाद परिवार को यहां से दूसरे स्थान पर शिफ्ट होना पड़ा। यही नहीं सुरिया ननाहां का कोई सा घर सुरक्षित नहीं बचा था। इसी छोटे से गांव की बेटी ने दसवीं की परीक्षा में 94.85 प्रतिशत अंक लेकर गांव का नाम रोशन किया है।

    आपदा में टूट गया था घर

    यह उपलब्धि पाना इतना आसान भी नहीं था। तीन किलोमीटर एकतरफा पैदल सफर तो दूसरी तरफ सुविधाओं का अभाव और रोजाना 6 किलोमीटर आना जाना। घर में खेती-बाड़ी के काम में अपने माता-पिता का हाथ बटाना। ये सब चुनौतियों के अलावा सबसे अहम बात ये है कि इनका घर पिछले साल आई आपदा से टूट गया। पढ़ाई करने के लिए घर में जगह तक नहीं बची। ऐसी कई चुनौतियां इस छात्रा की मेहनत और प्रतिभा के आगे बौनी साबित हो गईं।

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    सरकार ने प्रभावित परिवार को जारी किया था मुआवजा

    स्कूल के प्रधानाचार्य महेश गुप्ता ने बताया कि ये स्कूल के लिए नया रिकॉर्ड बना है। अनामिका की ये उपलब्धि स्कूल के लिए भी काफी बड़ी है। पंजाहल वार्ड सदस्य शेरजंग ठाकुर ने बताया कि अनामिका आपदा प्रभावित परिवार से संबंध रखती है। कड़ी चुनौतियों के बावजूद बच्ची ने स्कूल सहित क्षेत्र का नाम रोशन किया है। प्रशासन और सरकार ने इस प्रभावित परिवार को मुआवजा जारी किया। आज इस परिवार ने गांव में ही दूसरी जगह घर बनाया है।

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