कश्मीर या शिमला नहीं.. ये है भारत का 'मिनी स्विट्जरलैंड', पर्यटकों से कोसों दूर है ये जगह; माइनस में है तापमान
Top sights in Himachal Pradesh जम्मू-कश्मीर और हिमाचल में ठंड से हाल बेहाल हैं। इस बीच लाहौल-स्पीति में भी तापमान माइनस तक पहुंच चुका है। मैदानों से लेकर पहाड़ों तक बर्फ का अंबार लगा है। इसके अलावा हिमाचल के चंबा में खज्जियार वह जगह है जिसकी सुंदरता इस जगह को मिनी स्विट्जरलैंड बनाती है। यहां कैसे जाएं आइए जानते हैं।
डिजिटल डेस्क, मनाली। उत्तर भारत में इस दौरान ठंड का सितम कहर ढहा रहा है। इस समय जम्मू-कश्मीर और हिमाचल में सर्दियां जोरों पर हैं। यहां झीलें जम चुकी हैं और पहाड़ बर्फ से ढके नजर आ रहे हैं।
एक ओर जहां कश्मीर में गुलमर्ग, पहलगाम और श्रीनगर जैसे इलाकों में तापमान माइनस में पहुंच चुका है। वहीं, हिमाचल में लाहौल-स्पीति में भी प्रचंड सर्दी का जोर है। यहां तापमान माइनस 14.7 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच चुका है। ऐसे में यह जानना जरूरी है कि अन्य इलाकों के मुकाबले यहां इतनी अधिक सर्दी क्यों है? इसके साथ ही ही हम हिमाचल की उस जगह के बारे में भी जानेंगे जिसे 'मिनी स्विट्जरलैंड' कहा जाता है।
फोटो कैप्शन: लाहौल-स्पीति में मौजूद मशहूर त्रिलोकनाथ मंदिर
कहां पर है लाहौल स्पीति?
लाहौल-स्पीति हिमाचल के पूर्व में मौजूद है। कुंजुम ला या कुंजम दर्रा, जिसकी ऊंचाई 4,551 मीटर करीब 14,931 फीट है। यह लाहौल से स्पीति घाटी का प्रवेश मार्ग है। यह चंद्र ताल से 21 किमी (13 मील) है। यह जिला रोहतांग दर्रे के माध्यम से मनाली से जुड़ा हुआ है।
फोटो कैप्शन: हिमाचल प्रदेश के लाहौल में मौजूद प्रसिद्ध बौद्ध मठ शशूर गोम्पा
साउथ की तरफ स्पीति, सूडो में तब्बो से 24 किमी (15 मील) दूर है। यहां से सड़क किन्नौर में एंट्री करती है और नेशनल हाईवे नंबर 5 के साथ जुड़ता है। यह एक सामान्य पर्वतीय रेगिस्तानी क्षेत्र है। यहां हर वर्ष सिर्फ 170 मिमी (6.7 इंच) वर्षा होती है।
क्यों हैं यह जिला इतना ठंडा?
लाहौल-स्पीति का वातावरण बहुत ही अजीब है। यहां की सर्दियां बहुत सख्त होती है। बर्फबारी के कारण यहां गलेशियर और हिमस्खलन भी होते हैं।
जिले का स्पीति इलाके भारतीय ठंडी रेगिस्तान का पार्ट है। कहना गलत नहीं कि यह इलाका बहुत ही कम आबादी वाला है और चारों तरफ विरान घाटियों के अलावा कुछ और नजर नहीं आता।
क्योंकि पूरा इलाका हिमालय के करीब है ऐसे में सर्दियों के मौसम में यहां तापमान माइनस तक पहुंच जाता है। इस इलाके को बहुत ही संवेदनशील माना जाता है। सर्दियों में तापमान गिरने से यह बर्फबारी अधिक होती है।
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पर्यटकों के लिए कैसा है लाहौल स्पीति
पर्यटकों के लिए यहां काफी पर्यटन वाले स्थल हैं। जिनमें रोहतांग काफी फेमस हैं। इसकी ऊंचाई 13050 फीट है। यहां जाना पर्यटकों के लिए काफी जोखिम भरा रहता है। इसके अलावा कोकसर लाहौल का पहला गांव है और यह गेट रास्ता है। यह गांव ऊंचे पहाड़ों से घिरा हुआ है।
हिमाचल की मोनेस्ट्री
इसके अलावा सिस्सू, गोंदला , चंद्रताल, सूरजताल, दारचा,सूरजतालस दारचा, जिस्पा, तांदी उदयपुर काफी इलाके हैं। यहां ऊंचाई पंसद करने वाले पर्यटक जा सकते हैं। इसके अलावा यहां 10वीं शताब्दी में बनाया गया त्रिलोकीनाथ मंदिर भी है। शाशुर गोम्पा, की गोम्पा (13500 फीट) पर्यटन के लिए बेस्ट हैं। ट्रेकिंग की सुविधा भी पर्यटकों को यहां मिल जाती है।
लाहौल-स्पीति की खास बातें
- लाहौल-स्पीति जिला लाहौल और स्पीति के दो अलग-अलग जिलों से मिलकर बना है।
- इसका मौजूदा प्रशासनिक केंद्र लाहौल में कीलोंग है।
- पहले कर्दांग लाहौल की राजधानी थी और धनकर स्पीति की राजधानी।
- प्रदेश के इस जिले का गठन 1960 में हुआ था।
- यह भारत का चौथा सबसे कम आबादी वाला जिला है।
हिमाचल का मिनी स्विट्जरलैंड
हिमाचल के चंबा में मौजूद खज्जियार मिनी स्विट्जरलैंड के नाम से मशहूर है। यह दुनिया भर में 160 स्थानों में से एक है जिसे “मिनी स्विटज़रलैंड” नाम दिया गया है। जी हां, खज्जियार चम्बा में एक छोटा सा टूरिस्ट प्लेस है। यह जगह लगभग 24 किलोमीटर दूर है और समुद्र तल से 6,500 फीट की ऊंचाई पर है। जिस समय पर्यटन खज्जियार एंट्री करते हैं। उसी समय एक पीला साइन बोर्ड नजर आता है। जिस पर लिखा होता है- मिनी स्विट्जरलैंड। य
चम्बा से डलहौजी से इस सुखद सुंदर स्थान तक की यात्रा हिमाचल प्रदेश परिवहन निगम द्वारा चलाए जा रहे बसों या खुद के वाहन द्वारा किया जा सकता है।
कैसे पहुंचे मिनी स्विट्जरलैंड?
- खज्जियार पठानकोट रेलवे स्टेशन से लगभग 95 किमी दूर है।
- जिला कांगड़ा में गगल हवाई अड्डे से 130 किलोमीटर दूर है।
- खज्जियार लोकप्रिय खजजी नागा मंदिर के लिए मशहूर है, जो सर्प देव को समर्पित है
- यहां शिव और हडिम्बा देवी के अन्य मंदिर भी हैं।
नोट: फोटो और जानकारी हिमाचल टूरिज्म से ली गई है।
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