हिमाचल पुलिस के इन अधिकारियों का राष्ट्रपति पदक के लिए चयन, IG सुमेधा द्विवेदी एक मात्र महिला भी इस लिस्ट में शामिल
Republic Day 2024 हिमाचल प्रदेश पुलिस के पांच अधिकारियों और अग्निशमन विभाग के उप अग्निशमन अधिकारी का चयन राष्ट्रपति पुलिस पदक के लिए किया गया है। प्रदेश पुलिस की आईजी सीआईडी व इन दिनों अवकाश पर आईपीएस सुमेधा द्विवेदी प्रदेश से एक मात्र महिला हैं। मुकेश कुमार को दूसरी बार राष्ट्रपति पुलिस पदक मिल रहा है। विशिष्ट सेवा के लिए सहायक उप निरीक्षक मुकेश कुमार का चयन हुआ है।

राज्य ब्यूरो, शिमला। प्रदेश पुलिस के पांच अधिकारियों और अग्निशमन विभाग के उप अग्निशमन अधिकारी का चयन राष्ट्रपति पुलिस पदक के लिए किया गया है। प्रदेश पुलिस की आईजी सीआईडी व इन दिनों अवकाश पर आईपीएस सुमेधा द्विवेदी प्रदेश से एक मात्र महिला हैं। जबकि इसके अलावा चार अन्य पुलिस अधिकारियों को चयन राष्ट्रपति पुलिस पदक के लिए उनकी बेहतरीन सेवाओं के कारण किया है।
मुकेश कुमार को दूसरी बार राष्ट्रपति पुलिस पदक मिल रहा है। विशिष्ट सेवा के लिए सहायक उप निरीक्षक मुकेश कुमार का चयन हुआ है। चार पुलिस अधिकारियों का चयन मेधावी सेवा पदक यानि एमएसएम के लिए किया गया है। इनमें आईजी सुमेधा द्ववेदी, निरीक्षक ओम प्रकाश व विनोद कुमार, हैड कांस्टेबल राम कृष्ण और उप अग्निशमन अधिकारी भगत राम शामिल हैं। हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल द्वारा इन सभी को एि समारोह में बाद में तिथि निर्धारित करने पर सम्मानित किया जाता है।
पंजाब से हैं सुमेधा द्विवेदी
सुमेधा द्विवेदी नवंबर 1978 को पैदा हुई और मूल रूप से पंजाब से हैं। 2005 की हिमाचल बैच की आईपीएस अधिकारी हैं। बतौर एसपी, डीआईजी आर आईजी उनकी बेहतरीन सेवाओं के कारण उन्हें सम्मानित किया जा रहा है। सुमेधा ने अपनी उपलब्धी का श्रेय अपनी माता शकुंतला और अपने पति अंशुमन शर्मा को प्रदान किया है। उनके पति आयकर विभाग में आयुक्त हैं।
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इससे पूर्व वह मानवाधिकार आयोग में कार्य कर चुकी हैं। बतौर आईपीएस उनकी अध्यक्षता में कई संगीन अपराधों को सुलझाने के अलावा डीआईजी नार्थ रेंज रहते हुए भी उनकी बेहतरीन सेवाएं रही हैं। डीआईजी नार्थ रेंज रहते हुए ही वह आईजी नार्थ रेंज के पद पर पदोन्नत हुई। वह प्रदेश सहित केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर भी सेवाएं प्रदान कर चुकी हैं।
रोहडू के मुकेश कुमार
मुकेश कुमार पुत्र सत्यदेव का जन्म 1974 में गांव बटाडी डाकघर अढाल व तहसील रोहडू में हुआ। उन्हें उनकी पुलिस विभाग में उत्कृष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक के लिए चुना गया है। वर्ष 1996 में मुकेश कुमार पुलिस विभाग में नियुक्त हुए वह वर्तमान में सहायक उप निरीक्षक के पद पर यातायात, पर्यटक एवं रेलवे शिमला में तैनात हैं। उन्होंने विभिन्न जिलों व इकाइयों में तैनात रहते हुए अहम भूमिका निभाई।
उनकी, विश्व बैंक द्वारा स्टेट रोड ट्रांसफोरमेशन प्रोग्राम के अंतर्गत राज्य के दो पायलट जिलों शिमला व कांगड़ा के लिए सड़क सुरक्षा परिवर्तन और आपातकालीन प्रतिक्रिया उपकरणों की खरीद के लिए धन उपलब्ध कराने में विशेष भूमिका रही। राज्य में कीरतपुर-मनाली एन एच पर तीन यातायात एवं पर्यटक पुलिस थानों को खुलवाने में भी महत्वपूर्ण सहयोग किया। इनकी बेदाग, उत्कृष्ट सेवा रिकॉर्ड को देखते हुए पूर्व में भी वर्ष 2013 को पुलिस विभाग द्वारा इन्हें डीजीपी डिस्क वह 2016 को राष्ट्रपति द्वारा पुलिस पदक से नवाजा गया।
साइबर अपराधों के मामलों की जांच करने में रहे सक्षम
ओम प्रकाश पुलिस विभाग में वर्ष 1987 में आए व वर्ष 2022 में निरीक्षक बने, जो इनके सेवा के प्रति समर्पित कार्यकाल को दर्शाता है। सशस्त्र पुलिस, जिलों और गुप्तचर विभाग में उनकी विविध भूमिकाएं हत्या और दुष्कर्म जैसे गंभीर अपराधों से लेकर जटिल साइबर अपराधों के मामलों की जांच करने में उनकी दक्षता रही है।
विशेष जांच टीमों की सहायता करना, वन अधिनियम, जाली मुद्रा, भ्रष्टाचार, वन्यजीव अधिनियम के अपराध और उत्पाद शुल्क अधिनियम के उल्लंघन से जुड़े मामलों को सुलझाने में उनकी भूमिका रही है। जिला शिमला के साइबर सेल के प्रभारी के रूप में, उनकी सक्रिय रणनीतियों ने साइबर और इंटरनेट मीडिया से संबंधित अपराधों को हल किया है। मोबाइल लोकेशन उपलब्ध कराने, मादक पदार्थ अधिनियम के मामलों के निपटारे, लापता व्यक्तियों को ढूंढने में और भगौड़ों को पकड़ने में विशेष योगदान रहा है।
भारत के राष्ट्रपति द्वारा पुलिस पदक के लिए चुना गया
हिमाचल प्रदेश पुलिस प्रशिक्षण महाविद्यालय डरोह में कार्यरत विनोद कुमार शर्मा, निरीक्षक मुख्य प्रशिक्षक को गणतंत्र दिवस 2024 के के लिए पुलिस विभाग में उनकी सराहनीय सेवाओं के लिए भारत के राष्ट्रपति द्वारा पुलिस पदक के लिए चुना गया है। विनोद कुमार शर्मा गांव दोहल, डाकघर पट्टी, ग्राम पंचायत चंद्रोपा, तहसील पालमपुर, जिला कांगड़ा के निवासी हैं। 01-11- 1988 को पुलिस विभाग में आरक्षी के पद पर भर्ती हुए तथा फरवरी 2020 निरीक्षक के पद पर पदोन्नत हुए।
इससे पहले दो बार डीजीपी डिस्क से नवाजा जा चुका है तथा नेशनल इंस्टीट्यूट आफ क्रिमिनोलाजी एंड फारेंसिक साइंस नई दिल्ली से भी क्रिमिनल क्रिमिनोलाजी मेडल से सम्मानित किया गया है। एमए एफफिल डिग्री प्राप्त मूलभूत प्रशिक्षण में सर्वश्रेष्ठ प्रशिक्षु रहे हैं। वर्ष 2015 में हिमाचल प्रदेश पुलिस ड्यूटी मीट में तीन गोल्ड मेडल साइंटिफिक ऐड टू इन्वेस्टिगेशन में प्राप्त किये। आल इंडिया पुलिस ड्यूटी मीट में साइंटिफिक एंड इन्वेस्टिगेशन में वर्ष 2015 में चौथा स्थान प्राप्त किया।
कांगड़ा के रहने वाले हैं राम कृष्ण
हेड कांस्टेबल राम कृष्ण वर्तमान में तैनात जिला पुलिस धर्मशाला गांव मकराहन तह कवाली जिला कांगड़ा के रहने वाले हैं। 18-03-1998 को पुलिस विभाग में शामिल हुए। पिछले पांच साल वर्ष 2019-2023 तक विदेश मंत्रालय नई दिल्ली भारतीय दूतावास कराकस वेनेजुएला (दक्षिण अमेरिका) में तैनात रहे। उन्होंने बहुत ही लगन से सुरक्षा कार्य का पालन किया है। विशेषकर उस दौरान जब कई अन्य देशों के उच्च गणमान्य व्यक्तियों और मिशन प्रमुखों ने भाग लिया था। उन्होंने स्थानीय राजनीतिक विद्रोहों के दौरान अन्य सुरक्षा स्थितियों को बहुत कुशलता से संभाला।
उप अग्निशमन अधिकारी भगत राम जिला सोलन के दाड़लाघाट के मांगू निवासी वर्तमान में अग्निशमन केंद्र छोटा शिमल में तैनात हैं। भगत राम, उप अग्निशमन अधिकारी को गणतंत्र दिवस, 2024 के अवसर पर सराहनीय सेवा के लिए राष्ट्रपति अग्निशमन सेवा पदक से सम्मानित करने की सिफारिश की गई है। 20.08.2001 से 18.10.2001 तक राज्य अग्निशमन प्रशिक्षण केंद्र बलदेयां से फायरमैन कोर्स ए ग्रेड में उत्तीर्ण किया।
कमांडेंट जनरल डिस्क से किया सम्मानित
भगत राम ने संजौली, हिमाचल प्रदेश विधानसभा, एचआरटीसी वर्कशॉप ढली, रिच माउंट, कुफरी के बड़े और गंभीर आग के मामलों को बुझाने में अहम भूमिका निभाई। जुलाई, 2016 में लीडिंग फायरमैन के पद पर पदोन्नत हुए। उन्होंने एनएफएससी नागपुर द्वारा वर्ष, 2020 में आयोजित सब फायर ऑफिसर कोर्स डिस्टिंक्शन के साथ पास किया।
इसके बाद, उन्हें अगस्त, 2021 में सब फायर ऑफिसर के पद पर पदोन्नत किया गया। वर्ष 2023 में एनएफएससी नागपुर द्वारा आयोजित स्टेशन फायर ऑफिसर्स एंड इंस्ट्रक्टर कोर्स को डिस्टिंक्शन के साथ पास किया। उन्हें होम गार्ड दिवस के अवसर पर प्रशस्ति प्रमाण पत्र और कमांडेंट जनरल डिस्क से सम्मानित किया गया है।
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