Himachal: 80 करोड़ देने के बावजूद भी PWD नहीं बना पा रहा स्कूलों की इमारत, विभाग की नहीं हो रही बहानेबाजी खत्म
Himachal Pradesh News लोक निर्माण विभाग (PWD) ने शिक्षा विभाग को नए स्कूलों के भवन बनाकर नहीं दिए हैं। शिक्षा विभाग के अधिकारी लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों से लगातार आग्रह करते हुए थक चुके हैं। लेकिन लोक निर्माण विभाग की ओर से बहानेबाजी खत्म नहीं हो रही है। शिक्षा विभाग 80 करोड़ रुपये की धनराशि देकर फंस चुका है।

प्रकाश भारद्वाज, शिमला। विश्वास तोड़ने के बावजूद सरकार लोक निर्माण विभाग पर बार-बार विश्वास कर रहा। उस का परिणाम ये है कि शिक्षा विभाग में दो दर्जन से अधिक इमारतों का निर्माण लटका हुआ है। लोक निर्माण विभाग दूसरे विभागों से निर्माण कार्य का बजट लेकर काम पूरा नहीं करता है।
दस विभागों का काम है पीडब्ल्यूडी के पास
हालात ये हैं कि पिछले छह साल में लोक निर्माण विभाग ने शिक्षा विभाग को नए स्कूलों के भवन बनाकर नहीं दिए हैं। शिक्षा विभाग के अधिकारी लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों से लगातार आग्रह करते हुए थक चुके हैं। लेकिन लोक निर्माण विभाग की ओर से बहानेबाजी खत्म नहीं हो रही है। ऐसा नहीं है कि लोक निर्माण विभाग के पास केवल शिक्षा विभाग का काम मिला था, इसके अतिरिक्त दस विभागों, सार्वजनिक उपक्रमों के भवन निर्माण का कार्य भी मिला हुआ है।
ऐसा देखने में आया है कि लोक निर्माण विभाग किसी भी दूसरे विभाग को भवन निर्माण कार्य समय पर पूरा करके नहीं देता है। शिक्षा विभाग 80 करोड़ रुपये की धनराशि देकर फंस चुका है। अधूरे पड़े भवनों का निर्माण कार्य पूरा करने के लिए शिक्षा विभाग अतिरिक्त धनराशि देने के प्रस्ताव भी तैयार कर रहा है।
अब नए सिरे से प्रस्ताव जाएंगे
80 करोड़ रुपये की धनराशि खर्च करने के लिए शिक्षा विभाग की ओर से लोक निर्माण विभाग को नए सिरे से प्रस्ताव भेजने का निर्णय लिया गया है। इस संबंध में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर के निर्देशों के बाद शिक्षा सचिव राकेश कंवर ने शिक्षा विभाग के निदेशक को 80 करोड़ की धनराशि के नए प्रोजेक्ट तैयार करके भेजने के दिशा-निर्देश दिए हैं।
शुरू हो चुकी है कक्षाएं
अचंभा नहीं होना चाहिए कि लोक निर्माण विभाग कई स्थानों में एक दशक से भवन निर्माण कार्य शुरू या फिर पूरा नहीं कर पाया है। नए घोषित स्कूलों में कई स्थानों पर कक्षाएं शुरू हो चुकी हैं, जिसके चलते छात्र-छात्राओं के लिए बैठने की समुचित और सुरक्षित जगह नहीं है। कई स्थानों पर स्कूलों के भवनों के निर्माण के लिए लोक निर्माण विभाग को बजट दिया गया है, मगर भूमि का चयन नहीं हो सका। ऐसे में भी निर्माण कार्य लटक गया है।
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