Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    'सुक्खू सरकार को शुल्क लगाने की लत लग गई', धार्मिक यात्रा पर टैक्स लगने से भड़क उठे जयराम ठाकुर

    Updated: Wed, 30 Apr 2025 01:10 PM (IST)

    जयराम ठाकुर ने सुक्खू सरकार पर हिंदुओं की धार्मिक यात्रा पर शुल्क लगाने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि चूड़धार और शिरगुल महाराज के दर्शन करने पर भी सरकार शुल्क वसूल रही है जिसका स्थानीय लोग विरोध कर रहे हैं। ठाकुर ने इसे सरकार की शुल्क लगाने की लत बताया और कहा कि यह मुगल बादशाह औरंगजेब के जजिया कर जैसा है।

    Hero Image
    सरकार के धार्मिक स्थलों पर टैक्स लगाने पर भड़के जयराम ठाकुर

    जागरण संवाददाता, शिमला। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि सुक्खू सरकार अपने हिंदू विरोधी रवैये से बाज नहीं आ रही है। मुख्यमंत्री कभी हिंदू विरोधी बयान तो कभी हिंदुओं के खिलाफ कोई न कोई योजना लेकर आते हैं। अब सुक्खू सरकार ने हिंदुओं की धार्मिक यात्रा पर ही शुल्क लगा दिया है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    सरकार को लगी शुल्क की लत

    चूड़धार की यात्रा करने वाले हिंदू धर्मावलंबियों से सरकार शुल्क वसूल रही हैं। अब शिरगुल महाराज के यहां माथा टेकने पर भी सरकार लोगों से पैसे वसूल रही है। इसका स्थानीय लोगों द्वारा विरोध किया जा रहा है। अपने प्रदेश के अंदर ही धार्मिक यात्रा पर लोगों से शुल्क वसूल करना कांग्रेस सरकार की मंशा साफ दिखाता है। सक्खू की सरकार के शुल्क लगाने की लत लग गई है।

    सुक्खू सरकार बनी शुल्क की सरकार

    सुक्खू की सरकार मात्र दो सालों में ही शुल्क की सरकार बन गई है। अब तो सरकार ने नवजातों के जन्म प्रमाण पत्र में सुधारने के लिए भी पांच गुना पैसा वसूल रही है। उन्होंने कहा कि सरकार चाहती है कि अब चूड़धार की धार्मिक यात्रा करने वाले श्रद्धालु यात्रा करने के बदले सरकार को शुल्क दें। इसी तरह का शुल्क मुग़ल बादशाह औरंगज़ेब ने भी हिंदुओं के तीर्थ यात्रा पर लगाया था जिसे तीर्थ यात्रा महशूल यानी ‘ज़ज़िया कर’ कहा जाता था।

    घोड़ों और खच्चरों पर भी टैक्स 

    मुख्यमंत्री ने इंसानों ही नहीं बल्कि घोड़े और खच्चरों पर भी शुल्क लगा दिया है। जिससे श्रद्धालु से लेकर घोड़े चलाने वाले भी परेशान हैं। जयराम ठाकुर ने कहा कि सरकार का यह कदम बहुत दुर्भावनापूर्ण है। चूड़धार की यात्रा करने वाले श्रद्धालु भगवान शिरगुल महाराज के दर्शन करने लिए वहां जाते हैं।

    शिरगुल महाराज के प्रति हिमाचल समेत देश भर के श्रद्धालुओं में बड़ी आस्था है। शिरगुल महाराज शिमला, सोलन, सिरमौर के साथ-साथ उत्तराखंड के जौनसारबावर के लोगों के इष्ट देव हैं। इन क्षेत्रों के लोगों का तो वहां अक्सर आना-जाना रहता है। सभी का एक सांस्कृतिक जुड़ाव भी है। लोग अपनी पहली फसल का उत्पाद यहां चढ़ाने आते हैं। दूध घी भी चढ़ाने आते हैं।

    यह भी पढ़ें- ऊना में शख्स पर तलवार और डंडों से हमला, मदद की बजाय तमाशा देखते रहे लोग; सोशल मीडिया पर VIDEO वायरल