शिमला में आवारा कुत्तों और बंदरों के आतंक से दहशत में लोग, शहर में जन आंदोलन चलाने की दी चेतावनी; सैलानी भी नहीं सुरक्षित
Shimla News शिमला में आवारा कुत्तों और बंदरों के बढ़ते आतंक से लोग परेशान हैं। नागरिक सभा ने उपायुक्त कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया और नगर निगम से कार्रवाई की मांग की। सभा ने चेतावनी दी कि यदि जल्द ही कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया तो आंदोलन किया जाएगा।

जागरण संवाददाता, शिमला। Shimla News, हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में लोग आवारा कुत्तों और बंदरों के आतंक से परेशान हैं। लोगों ने अब सड़कों पर उतरकर नगर निगम के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। सोमवार को शिमला नागरिक सभा ने उपायुक्त कार्यालय के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया और नारेबाजी करते हुए शहर को कुत्तों व बंदरों के खतरे से मुक्त कराने की मांग उठाई।
सभा ने कहा कि आए दिन डॉग बाइट और बंदरों के हमले की घटनाएं बढ़ रही हैं, जिससे लोगों में भय का माहौल है। नागरिक सभा अध्यक्ष जगमोहन ठाकुर ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत आवारा कुत्तों के लिए हट्स बनाए जाने चाहिएं।
धार्मिक आस्था के नाम पर खुले में इन्हें खाना खिलाने वालों पर कार्रवाई होनी जरूरी है। सभा ने चेताया कि अगर नगर निगम ने जल्द ठोस कदम नहीं उठाए तो इस आंदोलन को जन आंदोलन का रूप दिया जाएगा।
मालरोड व रिज पर भी दहशत
उन्होंने बताया कि आज निगम की मासिक बैठक में पार्षदों को ज्ञापन सौंपकर यह मुद्दा उठाया जाएगा। शहर में आवारा कुत्तों का आतंक लगातार बढ़ता जा रहा है। पहले शहर के उपनगरों से लेकर गली मोहल्लों में ही इनका आतंक रहता था, अब इनका आतंक शहर के मालरोड व रिज मैदान पर भी बढ़ता जा रहा है।
सैलानी भी हो रहे शिकार
इनके शिकार सैलानी भी हो रहे हैं। शहर में बाहर से आए सैलानियों का रिज व मालरोड पर घूमना तक दुर्भर कर दिया है। आलम ये हैं कि सैलानियों को शहर में कुछ खाना हो तो भी बंदरों से बचना पड़ता है। खाना छिनने के लिए ये महिलाओं व बच्चों पर हमला कर देते हैं।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।