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    शिमला में 12 वर्षीय बच्चे के आत्महत्या मामले में बड़ा खुलासा, घर को छूने पर पीटकर गौशाला में बंद कर दिया था मासूम

    Updated: Sun, 28 Sep 2025 04:46 PM (IST)

    Himachal Pradesh Shimla news शिमला के रोहड़ू में 12 वर्षीय लड़के की आत्महत्या मामले में नया मोड़ आया है। लड़के की मां ने तीन महिलाओं पर बेटे को पीटने और गौशाला में बंद करने का आरोप लगाया है जिसके कारण उसने जहर खा लिया। मां के अनुसार बच्चे को घर छूने के कारण पीटा गया था।

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    घर को छूने पर एससी वर्ग के बच्चे को प्रताड़ित करने का आरोप है। प्रतीकात्मक फोटो

    संवाद सूत्र, रोहड़ू (शिमला)। हिमाचल प्रदेश के जिला शिमला में गत दिनों 12 साल के बच्चे द्वारा आत्महत्या किए जाने के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। बच्चे की मां न्यायिक मजिस्ट्रेट के पास अपने बयान दर्ज करवाए हैं। बच्चे की मां का कहना है कि गांव की तीन महिलाओं ने उसके बेटे को बेहरमी से पीटकर गौशाला में बंद कर दिया था।

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    इस घटना से आहत होकर उसने जहर निगल लिया और उसकी मौत हो गई। बच्चे की मां का आरोप है कि पिटाई की वजह बच्चे द्वारा उनके घर को छूना थी। अनुसूचित जाति से संबंध रखने वाले बच्चे को घर को छूने पर बुरी तरह से यातनाएं दीं व उसने आत्महत्या कर ली।

    पुलिस थाना रोहड़ू के तहत आने वाली उपतहसील जांगला के लिंबड़ा गांव में बीते दिनों यह घटना हुई थी। न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष दर्ज करवाए बयान में मां ने आरोप लगाया है कि महिलाओं ने घर को छूने पर उसे आत्महत्या करने के लिए उकसाया।

    बता दें कि 20 सितंबर को यह मामला दर्ज किया गया था। आरोप हैकि गांव की एक महिला पुष्पा देवी के घर को छुआ है।

    पिता ने 20 सितंबर को करवाई थी शिकायत दर्ज

    बिट्टू निवासी गांव लिबडा ने पुलिस थाना चिड़गांव में 20 सितंबर को शिकायत दर्ज करवाते हुए आरोप लगाया है कि 16 सितंबर को शाम करीब 7.30 बजे जब वह घर पहुंचा तो उसने अपने 12 वर्षीय बेटे को बेहोशी की हालत में सोते हुए पाया। वह उसे इलाज के लिए नागरिक अस्पताल रोहड़ू ले गया। यहां से उसे आइजीएमसी शिमला रेफर किया गया। आइजीएमसी शिमला में 17 सितंबर को लगभग 1.30 बजे उसके बेटे की इलाज के दौरान मृत्यु हो गई।

    आइजीएमसी में चला था जहर निगलने का पता

    आइजीएमसी में उन्हें पता चला कि उसने जहरीला पदार्थ खा लिया है। पुलिस से प्राप्त जानकारी के अनुसार 18 सितंबर को घर लौटने पर उसे पता चला कि उसके मृत बेटे ने अपनी मां सीता देवी को बताया कि 16 सितंबर को गांव की ही एक महिला पुष्पा देवी व दो अन्य के साथ मिलकर उसे पीटा और गौशाला में बंद कर दिया था। इस घटना के कारण उसके बेटे ने जहरीला पदार्थ खा लिया। 

    मां के बयान के बाद एससी-एसटी एक्ट में मामला दर्ज

    पीड़िता की मां का बयान न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष दर्ज किया गया। गांव की ही एक महिला पुष्पा देवी ने उसके मृत बेटे को गौशाला में इसलिए बंद कर दिया क्योंकि वह अनुसूचित जाति समुदाय से संबंधित था और उसने उसके घर को छुआ था। इस आधार पर इस मामले में एससी एसटी अधिनियम के तहत मुकद्दमा दर्ज किया गया है। इस मामले की आगे की जांच पड़ताल डीएसपी रोहड़ू द्वारा की जाएगी।

    एसडीपीओ रोहडू प्रणव चौहान ने बताया कि आगे की जांच पड़ताल जारी है। इस मामले में तीनों महिलाओं की ओर से अग्रिम जमानत ले ली गई है। पुलिस अनुसचूित जाति अधिनियम एवं भारतीय न्याय संहिता की विभिन्न धाराओं में तहत माले की जांच कर रही है।

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