शिमला में पर्यटकों को मिलेगी बड़ी सुविधा, अब जुब्बड़हट्टी नहीं शहर के बीचोंबीच हेलीपोर्ट पर होगी लैंडिंग
Shimla Sanjouli Heliport शिमला और रामपुर हेलीपोर्ट से हैलीटैक्सी सेवा जल्द शुरू होगी। डीजीसीए ने मंजूरी दे दी है जिससे जुब्बड़हट्टी हवाई अड्डे की आवश्यकता कम होगी। संजौली हेलीपोर्ट से रामपुर तक पहुंच आसान होगी। विभाग स्टाफ और अन्य व्यवस्थाओं में जुटा है। आपात स्थिति में मरीजों को एयरलिफ्ट किया जा सकेगा। संजौली हेलीपोर्ट 18 करोड़ रुपये की लागत से बना है।

राज्य ब्यूरो, शिमला। Shimla Sanjouli Heliport, शिमला व रामपुर हेलीपोर्ट से जल्द हैलीटैक्सी सेवा शुरू होगी। पर्यटन एवं नागरिक उड्डयन विभाग इसके लिए तैयारियों में जुट गया है। इन दोनों हेलीपोर्ट को शुरू करने के लिए डीजीसीए यानी नागर विमानन महानिदेशालय से मंजूरी मिल गई है। अब राजधानी से 27 किमी दूर स्थित जुब्बडहट्टी हवाई अड्डा जाने की आवश्यकता नहीं रहेगी।
अभी तक हैलीटैक्सी सुविधा जुब्बड्हट्टी से चंडीगढ़ और शिमला के बीच में हो रही थी। संजौली हेलीपोर्ट से हवाई उड़ानों का संचालन शुरू होने पर पर्यटकों को रामपुर तक पहुंचने की सुविधा प्राप्त होगी। राज्य पर्यटन एवं नागरिक उड्डयन विभाग इस संबंध में औपचारिकताओं को पूरा करने में लगा हुआ है।
इसके तहत हेलीपोर्ट पर स्टाफ की तैनाती के अलावा अन्य व्यवस्थाओं का प्रबंधन किया जा रहा है। हैली टैक्सी के संचालन के लिए शिमला व रामपुर हेलीपोर्ट से हैली टैक्सी के संचालन के लिए शेड्यूल तैयार किया जा रहा है। सरकार की ओर से भी शेष औपचारिकताएं पूरी होते ही यह दोनों हेलीपोर्ट आप्रेशनल हो जाएंगे। नागर विमानन महानिदेशालय यानि डीजीसीए से दोनों हेलिपोर्ट शुरू करने के लिए लाइसेंस मिल चुका है।
संजौली हेलीपोर्ट पर रात को भी लैंडिंग
रामपुर व संजौली हेलीपोर्ट के आप्रेशनल होने के बाद यहां से आपात स्थिति में मरीज भी एयरलिफ्ट किए जा सकेंगे। इस व्यवस्था से रामपुर से शिमला आइजीएमसी के लिए मरीजों को एयरलिफ्ट किया जा सकेगा। इसके अलावा संजौली हेलीपोर्ट से पीजीआई चंडीगढ़ जैसे अस्पतालों तक आपात स्थिति में मरीज को पहुंचाया जा सकेगा। आईजीएमसी के समीप होने से इसका उपयोग आपातकालीन सेवाओं में भी प्रभावी रूप से किया जा सकेगा। संजौली हेलीपोर्ट पर रात को भी लैंडिंग हो सकेगी।
पर्यटन कारोबार को लाभ मिलेगा
संजौली हेलीपोर्ट शुरू होने का इंतजार बेसब्री से किया जा रहा है। इससे क्षेत्र में हवाई सेवाएं बेहतर होंगी और पर्यटन कारोबार भी लाभ होगा। यात्रियों को हेलीटैक्सी के लिए जुब्बड़हट्टी एयरपोर्ट नहीं जाना पड़ेगा और शिमला शहर के समीप आसानी से पहुंचा जा सकेगा और संजौली और रामपुर की कनेक्टिविटी भी बेहतर होगी।
संजौली हेलीपोर्ट सबसे अधिक लागत से बना
संजौली के समीप बना यह हेलिपोर्ट 18 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित हुआ है। इस हेलिपोर्ट का उद्घाटन पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने जनवरी 2022 में किया था। हेलिपोर्ट में सभी प्रकार की आधुनिक सुविधाएं जैसे रिसेप्शन काउंटर, हेलिपोर्ट प्रबंधक कार्यालय, टिकट काऊंटर और वीआईपी लाउंज आदि शामिल हैं। हेलिपोर्ट में यात्रियों के आगमन के लिए पोराटा कैबिन की सुविधा, 50 वाहनों के लिए पार्किंग, हेलिकाप्टर के लिए डेक और सेफ्टी नेट भी हैं। यह हेलिपोर्ट 10.3 बीघा भूमि के क्षेत्र में फैला है।
पिछली सरकार में स्वीकृत हुए थे चार हेलीपोर्ट
पिछली सरकार के कार्यकाल में संजौली, रामपुर, बद्दी, मनाली व मंडी में कंगनीधार के लिए 8-8 करोड़ की धनराशि के साथ केंद्र सरकार ने पांच हेलिपोर्ट स्वीकृत किए थे। संजौली हेलिपोर्ट 18 करोड़ की लागत से बना है। जिनमें से दो हेलिपोर्ट अब हवाई उड़ानों के लिए उपलब्ध होंगे। जबकि बद्दी, मनाली सासे व मंडी के कंगनीधार में निर्माणाधीन हेलीपोर्ट अभी तक विभिन्न तरह की समस्याओं के चलते निर्मित नहीं हो पाए हैं। वर्तमान सरकार में रक्कड़, पालमपुर, चंबा के सुल्तानपुर में और किन्नौर जिला मुख्यालय रिकांगपियो में हेलिपोर्ट का निर्माण हो रहा है। केंद्र सरकार ने नए हेलिपोर्ट के लिए 13-13 करोड़ की धनराशि जारी करने व्यवस्था की है।
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