Himachal Govt Schools: हिमाचल में स्कूल कलस्टर सिस्टम लागू, किसके पास रहेगी डीडीओ पॉवर, क्या होंगे फायदे?
Himachal Pradesh Govt School हिमाचल प्रदेश सरकार ने शिक्षा में सुधार के लिए स्कूल क्लस्टर सिस्टम लागू किया है। वरिष्ठ माध्यमिक स्कूलों के अधीन प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालय आएंगे जिनका प्रशासनिक प्रमुख प्रधानाचार्य होगा। स्कूलों को ग्रेडिंग दी जाएगी और सी ग्रेड वाले स्कूलों का विशेष निरीक्षण होगा। इस व्यवस्था से स्कूलों में संसाधनों का बेहतर उपयोग होगा।

राज्य ब्यूरो, शिमला। Himachal Pradesh Govt School, शिक्षा में गुणात्मक सुधार के लिए राज्य सरकार ने एक बड़ा बदलाव किया है। हिमाचल में स्कूल कलस्टर सिस्टम को लागू कर दिया है। सचिव शिक्षा राकेश कंवर की ओर से मंगलवार को इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी है। अधिसूचना के साथ ही विभाग ने इसकी विस्तृत गाइडलाइन भी जारी कर दी हैं।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति के निहित प्रविधान के अनुरूप यह बदलाव राज्य में किया गया है। स्कूल शिक्षा निदेशालय बनाने के बाद प्रशासनिक स्तर पर यह दूसरा बड़ा बदलाव है। इसके तहत वरिष्ठ माध्यमिक पाठशालाओं में नजदीक के प्राथमिक, मिडल व उच्च विद्यालय का एक काम्पलेक्स (कलस्टर) बनेगा जो वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय के अधीन होंगे।
इस काम्पलेक्स के प्रशासनिक मुखिया प्रधानाचार्य होंगे। कलस्टर में तीन से लेकर कितने भी स्कूल हो सकते हैं, जो सीनियर सेकेंडरी स्कूल के नजदीक स्थित हों।
स्कूलों की ग्रेडिंग, मिलेगा ए-बी-सी ग्रेड
नई व्यवस्था के तहत कई बदलाव आने वाले दिनों में होंगे। इसके तहत हर स्कूल कॉम्प्लेक्स का वार्षिक ग्रेडिंग सिस्टम होगा। ए ग्रेड स्कूल को (उत्कृष्ट), बी को (अच्छा), और सी (सुधार की आवश्यकता) मानक पर रखा जाएगा। हर साल यह प्रतिस्पर्धा स्कूलों में होगी। समग्र शिक्षा अभियान यह रैकिंग करेगा। सी ग्रेड वाले कॉम्प्लेक्स का उच्च अधिकारियों द्वारा विशेष निरीक्षण किया जाएगा।
दो महीने में स्कूलों का करना होगा दौरा
स्कूल कॉम्प्लेक्स का मुखिया स्कूल का प्रधानाचार्य होगा। यानि प्रधानाचार्य पूरे काम्पलेक्स यानि जितने भी प्राइमरी, मिडल व हाई स्कूल उसके अधीन आएंगे का प्रशासनिक प्रमुख प्रधानाचार्य रहेगा। प्रधानाचार्य को हर दो महीने में सभी स्कूलों का दौरा करना होगा और रिपोर्ट देना होगी।
वह शिक्षकों की तैनाती, अवकाश स्वीकृति, वार्षिक उपलब्धि आकंलन रिपोर्ट (एनुअल परफार्मेंस अप्रेजल रिपोर्ट), सह-पाठ्यक्रम गतिविधियों और सभी योजनाओं की निगरानी का जिम्मा प्रधानाचार्य के पास रहेगा। किसी स्कूल में सेवानिवृत्ति, तबादले व प्रमोशन के कारण शिक्षक का पद खाली है तो वहां पर प्रधानाचार्य अपने स्तर पर दूसरे स्कूल से शिक्षक की अस्थायी व्यवस्था कर सकेगा।
1989 स्कूलों से अटैच होंगे अन्य स्कूल
हिमाचल में वर्तमान में 1989 वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय हैं। इनके अधीन 9939 प्राइमरी, 1775 मिडल, 960 हाई स्कूल आएंगे। वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला काम्पलेक्स बनेगी। शिक्षा विभाग के अनुसार राज्य में 87 प्रतिशत प्राथमिक विद्यालयों में 40 से कम विद्यार्थी हैं। 7 प्रतिशत स्कूल ऐसे हैं, जिनमें 40 से ज्यादा विद्यार्थी हैं। इसी तरह वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों में कक्षा-6 से 12 तक 97 प्रतिशत स्कूलों में 40 से ज्यादा विद्यार्थी हैं।
स्कूल औसत आकार कहां का कितना
- देश का नाम, स्कूल संख्या, विद्यार्थी पंजीकृत औसतन स्कूल आकार
- चाइना, 5,18,500, 29,30,00,000, 565
- यूएसए, 1,37,000, 4,94,00,000, 526
- भारत, 15,00,000, 25,00,00,000, 166
- हिमाचल, 15156, 7,57,774, 49
हिमाचल में छात्र शिक्षक अनुपात (पीटीआर) तो बेहतर है (प्राथमिक में 12, उच्च माध्यमिक में 11) है। देश के अन्य राज्यों की अपेक्षा पीटीआर बेहतर है।
डीडीओ पावर किसके पास होगी
बीईईओ वेतन वितरण, सेवा पुस्तिका और प्राथमिक-मध्य विद्यालयों के निरीक्षण का जिम्मा संभालेगा। सेंटर हेड टीचर (सीएचटी) सीधे प्रधानाचार्य के अधीन काम करेंगे। शिक्षकों की छुट्टियों व अस्थायी व्यवस्था की सिफारिश की जिम्मेदारी प्रधानाचार्य की होगी। हाई स्कूलों के मुख्य अध्यापक अपने-अपने विद्यालयों के लिए डीडीओ बने रहेंगे।
ये होंगे फायदे
- स्कूल संसाधनों को साझा करेंगे।
- स्कूलों में शिक्षकों की कमी नहीं खलेगी।
- ड्रॉपआउट दर घटेगी और ट्रांजिशन रेट (एक कक्षा से दूसरी कक्षा में प्रवेश) सुधरेगा।
- राज्य 100 प्रतिशत नामांकन दर हासिल करने की दिशा में आगे बढ़ेगा।
- शिक्षक टीमवर्क में काम करेंगे और बच्चों को खेल, संगीत, कला व अन्य गतिविधियों के अवसर मिलेंगे।
- स्कूल शिक्षा निदेशालय नेतृत्व क्षमता बढ़ाने के लिए लीडरशिप ट्रेनिंग प्रोग्राम आयोजित करेगा।
नियमों की उल्लंघना पर कार्रवाई
सचिव शिक्षा विभाग राकेश कंवर की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि सभी स्कूल इन गाइडलाइन का पालन करें। यदि कोई इन आदेशों की अवहेलना करते हैं तो उसे नियमों की उल्लंघना व आदेशों की अवहेलना माना जाएगा। ऐसा करने वाले संबंधित शिक्षक व अधिकारी पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। विभाग ने सपष्ट किया है कि इस व्यवस्था से न तो किसी की पदोन्नति प्रभावित होगी न ही भविष्य में पदोन्नति पर असर पड़ेगा।
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सर्वे में लगाई थी लंबी छलांग
राष्ट्रीय अचीवमेंट सर्वे -2021 में हिमाचल 18वें स्थान पर था। 2024 में राज्य ने बड़ी छलांग लगाई थी। कक्षा-2 में हिमाचल ने तीसरा स्थान, कक्षा-6 में पांचवां स्थान और कक्षा-9 में चौथा स्थान हासिल किया था। जबकि असर रिपोर्ट-2025 के अनुसार हिमाचल के सरकारी स्कूलों के बच्चे पढ़ने की क्षमता में देश में सबसे आगे हैं।
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