शिमला में अब कूड़े पर भी GST, शौचालय इस्तेमाल करने पर लगेंगे 150 रुपये; आखिर क्यों हुआ ये फैसला?
शिमला के घरों से उठाने के लिए अब ज्यादा पैसे देने पड़ेंगे। नगर निगम की बैठक में घर से कूड़ा उठाने के कार्य को सेवा मानते हुए इस पर जीएसटी लगाने का फैसला हुआ है। फिलहाल घरों से कूडा उठाने के लिए 127 रुपये की फीस देनी पड़ती है। इसमें 18 प्रतिशत जीएसटी लगेगा। बता दें कि शिमला में 50 हजार घरों से रोजना कूड़ा इकठ्ठा किया जाता है।

जागरण संवाददाता, शिमला। शिमला शहर में लोगों को घरों से कूड़ा उठाने की फीस अब ज्यादा देनी पड़ेगी। इसके साथ ही शहर के 30 शौचालयों के इस्तेमाल पर पुरुषों पर फीस देनी होगी। यह निर्णय सोमवार को मेयर सुरेंद्र चौहान की अध्यक्षता में हुई नगर निगम की मासिक बैठक में लिया गया है।
नगर निगम की बैठक में घर से कूड़ा उठाने के कार्य को सेवा मानते हुए इस पर वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लगाने की चर्चा हुई है। हालांकि इस पर अंतिम निर्णय लेने से पहले एक विशेष हाउस भी किया जा सकता है।
निगम प्रशासन ने बताया कि घरों से कूड़ा उठाना सेवा के दायरे में आता है। सेवा प्रदान करने वाली एजेंसी जीएसटी लगा सकती है। यदि जीएसटी लगता है आने वाले समय में कूड़े की फीस पहले के मुकाबले ज्यादा हो सकती है।
कूड़ा उठाने के लिए देना पड़ता है 127 रुपये
वर्तमान में घरेलू उपभोक्ता को 127 रुपये घर से कूड़ा उठाने के लिए मासिक फीस देनी पड़ती है। इसमें 18 प्रतिशत जीएसटी लागू होता है तो दरों में बढ़ोतरी हो सकती है। शिमला में 50 हजार घरों से रोजाना कूड़ा एकत्र किया जाता है।
इन घरों से कूड़ा एकत्र करने के बाद ही इसे सैहब सोसायटी के कर्मचारियों को वेतन के रूप में भी बांटा जाता है। यदि इसकी कलेक्शन में कमी आती तो कर्मचारियों को वेतन तक देना मुश्किल हो होता है।
शिमला में कूड़े की फीस के रूप में एक करोड़ रुपये हर माह जुटाए जाते हैं और इसी से सैहब सोसायटी के कर्मचारियों का वेतन दिया जाता है। नगर निगम ने घर-घर से कूड़ा उठाने के लिए एक सैहब सोसायटी का गठन किया है। इसी सोसायटी के तहत 600 से ज्यादा कर्मचारी रखे गए हैं।
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माहभर शौचालय इस्तेमाल पर लगेंगे 150 रुपये
राजधानी में 103 शौचालय ऐसे हैं, जहां पर किसी से कोई फीस नहीं ली जाती है। इनमें 30 शौचालय सुविधाओं से लैस हैं, यहां पर हाथ सुखाने से लेकर अन्य सुविधाएं हैं। इनका रखरखाव बिना किसी फीस के संभव नहीं है। इसलिए इन शौचालयों में फीस वसूलने का निर्णय लिया है।
शहर में इसके साथ ही जो कारोबारी व कर्मचारी लगातार शौचालय का इस्तेमाल करते हैं, उनसे मासिक 150 रुपये लिया जाएगा। शहर में अभी तक महिलाओं से ही शौचालय में पेशाब के बाद फीस ली जाती है, लेकिन हाई कोर्ट के लिंग भेद के आधार पर फीस लेने के आदेश के बाद निगम ने शहर के 130 में से 30 शौचालयों में पुरुषों से भी फीस लेने की बात कही है।
आने वाले समय में इसे लागू किया जाएगा। निगम का मानना है कि किसी के रखरखाव के लिए फीस अनिवार्य है। शौचालयों में क्यूआर कोड लगे हैं। ऑनलाइन भी भुगतान कर सकते हैं। यदि कोई क्यूआर कोड न होने की बात करते हैं तो उनके खिलाफ कार्रवाई होगी।
कूड़े की व्यवस्था सुधारने के निर्देश
शहर में लोगों के घरों से कूड़ा बेहतर तरीके से एकत्र हो सके, पीजी व बीएंडबी को चिह्नित करने का काम सैहब कर्मचारी कर सकते हैं। इनसे रोजाना काफी मात्रा में कूड़ा निकलता है, इसलिए ये इसकी पहचान बेहतर कर सकते हैं।
इन्हें बीएंडबी के के साथ पीजी की पहचान कर रिपोर्ट करने के लिए कहा है। इससे निगम को कूड़े से लेकर टैक्स में होने वाली आय में बढ़ोतरी करने का मौका मिल सकता है। अभी तक 50 बीएंडबी के चालान काटे जा चुके हैं।
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