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Shimla News: हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री ने एफसीए मामलों में तेजी लाने के लिए तंत्र विकसित करने पर दिया जोर

हिमाचल प्रदेश के मुख्‍यमंत्री ने एफसीए मामलों में तेजी लाने के लिए तंत्र विकसित करने पर जोर दिया है। उन्‍होंने कहा कि अधिनियम राज्‍य में विकासात्‍मक परियोजनाओं पर काम जल्‍द शुरू किया जा सके और निर्धारित समय अवधि के भीतर पूरा किया जा सके।

By Jagran NewsEdited By: Himani SharmaPublished: Sun, 29 Jan 2023 09:01 AM (IST)Updated: Sun, 29 Jan 2023 09:01 AM (IST)
Shimla News: हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री ने एफसीए मामलों में तेजी लाने के लिए तंत्र विकसित करने पर दिया जोर
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री ने एफसीए मामलों में तेजी लाने के लिए तंत्र विकसित करने पर दिया जोर

शिमला, हिमाचल प्रदेश। एएनआई: वन संरक्षण अधिनियम के तहत वन मंजूरी में देरी पर चिंता व्‍यक्‍त करते हुए मुख्‍यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्‍खू ने शनिवार को वन मंजूरी मामलों में तेजी लाने के लिए एक तंत्र विकसित करने पर जोर दिया है। अधिनियम राज्‍य में विकासात्‍मक परियोजनाओं पर काम जल्‍द शुरू किया जा सके और निर्धारित समय अवधि के भीतर पूरा किया जा सके। मुख्‍यमंत्री शुक्रवार की शाम यहां वन विभाग के वरिष्‍ठ अधिकारियों की बैठक की अध्‍यक्षता कर रहे थे।

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एफसीए मंजूरी की समय-सीमा का पालन किया जाना चाहिए

मेडिकल कॉलेजों पर्यटन परियोजनाओं शैक्षणिक संस्‍थानों सड़कों और इलेक्ट्रिक चार्जिंग स्‍टेशनों के निर्माण के मामलों में एफसीए मंजूरी की समय-सीमा का पालन किया जाना चाहिए। उन्‍होंने वन विभाग के अधिकारियों को समयबद्ध एफसीए मंजूरी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए ताकि विकास परियोजनाओं को समय पर पूरा किया जा सके। इससे राज्‍य के लोगों को लाभ मिले और विकास परियोजनाओं को लागू करने का मार्ग प्रशस्‍त हो सके।

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मुख्‍यमंत्री ने कहा कि राज्‍य सरकार विभिन्‍न महत्‍वपूर्ण परियोजनाओं को क्रियान्वित करते हुए विकास और पर्यावरण संरक्षण के बीच संतुलित दृष्टिकोण अपनाएगी। उन्‍होंने आगे कहा कि वन मंजूरी में अनावश्‍यक विलंब नहीं होना चाहिए और अधिकारियों से प्रक्रिया में तेजी लाने को कहा। संबंधित विभाग एक नोडल अधिकारी नियुक्‍त करेगा जबकि संबंधित डिवीजन के डीएफओ परियोजनाओं को लागू करने में देरी से बचने के लिए समयबद्ध तरीके से सहायता और हैंडहोल्डिंग प्रदान करेंगे जहां एफसीए आवश्‍यक है।

क्षतिपूरक वनीकरण कोष एवं योजना प्राधिकरण की समीक्षा करते हुए मुख्‍यमंत्री को अवगत कराया गया कि 22 फरवरी 2019 तक राज्‍य के हिस्‍से का 1660 करोड़ रुपये राष्‍ट्रीय प्राधिकरण के लोक खाते से जनता को हस्‍तांतरित कर दिया गया है। कैम्‍पा से प्राप्‍त धनराशि को ऊर्जा बचत क्षेत्र पर व्‍यय करने को कहा तथा राज्‍य प्राधिकरण के शासी निकाय की बैठक शीघ्र बुलाने के निर्देश दिए हैं।

अन्‍य व लोक निर्माण कार्य एजेंसियों द्वारा सम्‍पादित किए जाएंगे

निर्देश दिए गए कि अब से वन विभाग के सभी सिविल एवं अन्‍य निर्माण कार्य अब लोक निर्माण विभाग एवं अन्‍य निष्‍पादन एजेंसियों द्वारा सम्‍पादित किए जाएंगे। मुख्‍यमंत्री ने कहा कि दुनिया भर में जलवायु परिस्थितियों में तेजी से बदलाव को ध्‍यान में रखते हुए वनीकरण अभियान पर विशेष ध्‍यान दिया जाना चाहिए जो गंभीर चिंता का विषय है। पर्यावरण संरक्षण की दिशा में कदम उठाए जाने चाहिए। बैठक के दौरान मुख्‍यमंत्री को अवगत कराया गया कि प्रथम चरण में वन विभाग ने 15 स्‍थलों को चिन्हित किया है जहां 256.50 हेक्‍टेयर भूमि पर पौधरोपण किया जाएगा।

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वहीं स्‍थल की ऊंचाई के अनुसार ही पौधरोपण किया जाए ताकि पौधों के जीवित रहने की दर बेहतर हो और आने वाले समय में और स्‍थलों की पहचान की जा सके मुख्‍यमंत्री ने कहा कि वृक्षारोपण स्‍थलों की लगातार निगरानी करें।


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