शिमला शहर में मेयर पद के लिए छिड़ी जंग, तीन हलकों में बंटे नगर निगम में गरमाने लगी सियासत
शिमला में त्योहारी सीजन के बाद मेयर पद के लिए जंग शुरू हो गई है। शहर के मेयर का चुनाव तीन क्षेत्रों के पार्षदों में से होगा। सबसे ज्यादा पार्षद शिमला शहर से हैं। अनुसूचित जाति की महिला पार्षद के लिए सिम्मी नंदा, उर्मिला कश्यप और रचना दावेदार हैं। मेयर सुरेंद्र चौहान का कार्यकाल नवंबर में खत्म होने वाला है, लेकिन कार्यकाल बढ़ाने की चर्चा है।

शिमला स्थित नगर निगम कार्यालय। जागरण आर्काइव
जागरण संवाददाता, शिमला। हिमाचल प्रदेश राजधानी शिमला में त्योहारी सीजन के खत्म होने के बाद अब नगर निगम के मेयर की कुर्सी की जंग शुरू होगी। इसमें शहर के मेयर के लिए तीन निर्वाचन हलकों में से किसी एक से चुना जाना है। इसमें शिमला शहरी, शिमला ग्रामीण व कुसुम्पटी तीनों ही चुनावी हलकों के पार्षदों में से किसी एक का चुना जाना तय है।
सबसे ज्यादा पार्षद शहर से हैं, यहां से 18 पार्षद है। वहीं, शिमला ग्रामीण से महज 4 व कुसुम्पटी से 12 पार्षद हैं। वर्तमान में मेयर व डिप्टी मेयर दोनों ही शहर से हैं। इसलिए संख्या बल पर कुसुम्पटी की ओर से मेयर व डिप्टी मेयर दोनों में किसी एक पद के लिए दावा किया जा सकता है।
एससी वर्ग से तीन महिला पार्षद दावेदार
रोस्टर के मुताबिक अगले ढाई साल का कार्यकाल मेयर के लिए किसी अनुसूचित जाति की महिला को दिया जाना है। इसमें सिम्मी नंदा, उर्मिला कश्यप व रचना तीन दावेदार हो सकती हैं, इसमें से दो दावेदार शिमला शहर से हैं, वहीं एक दावेदार कुसुम्पटी से है।
नवंबर में कार्यकाल खत्म होना प्रस्तावित
मेयर सुरेंद्र चौहान का कार्यकाल नवंबर महीने के अंत में खत्म होना प्रस्तावित है। मेयर का कार्यकाल बढ़ाने के लिए भी कसरत चल रही है।
वर्तमान मेयर का भी बढ़ सकता है कार्यकाल
मेयर सुरेंद्र चौहान मुख्यमंत्री के काफी नजदीकी माने जाते हैं। त्योहारी सीजन के बाद होने वाली कैबिनेट की बैठक में मेयर का कार्यकाल पांच साल करने का प्रस्ताव लाने की भी चर्चा है। इसमें कितनी सफलता वर्तमान मेयर को मिलती है, ये तो समय ही तय करेगी।
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लेकिन जब तक मेयर की कुर्सी पर अंतिम फैसला कांग्रेस की ओर से नहीं लिया जाता है। उस समय तक शहर के राजनीतिक गलियारों में मेयर पर आगे कौन की सबसे ज्यादा चर्चा रहेगी।
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