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    शिमला IGMC में मरीज की पिटाई पर एक और डॉक्टर के विरुद्ध FIR, सीएम सुक्खू ने बुलाई बैठक, कार्रवाई के लिए डेडलाइन की तय

    By Rohit Sharma Edited By: Rajesh Sharma
    Updated: Tue, 23 Dec 2025 07:10 PM (IST)

    IGMC Shimla, शिमला के आइजीएमसी में मरीज से मारपीट के मामले में एक और डॉक्टर के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने जांच तेज कर दी है और एसएसपी स्तर ...और पढ़ें

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    आईजीएमसी शिमला प्रकरण पर सीएम सुक्खू ने दिल्ली से लौटते ही बैठक बुलाई।

    जागरण संवाददाता, शिमला। आइजीएमसी में डाक्टरों एवं मरीज के बीच हई मारपीट मामले में मारपीट करने वाले डाक्टर के अलावा दूसरे डाक्टर को भी आरोपित बनाया गया है। पुलिस ने जांच तेज कर दी है। इस मामले की जांच एसएसपी स्तर के अधिकारी को दी गई है। 

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    सीएम ने बरती सख्ती

    आईजीएमसी शिमला प्रकरण पर सीएम सुखविन्द्र सिंह सुक्खू ने दिल्ली से लौटते ही बैठक बुलाई। उन्होंने एक दिन के भीतर पूरी जांच रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया है। सीनियर रेजिडेंसी के लिए इंडक्शन ट्रेनिंग आरंभ करने का भी आदेश दिया है। 

    मरीज के खिलाफ भी शिकायत

    वहीं दूसरी ओर पुलिस ने डाक्टर की शिकायत पर इस मामले में रपट डाल दी है और मामले की जांच की जा रही है। हालांकि डाक्टर की शिकायत पर अभी तक कोई मामला दर्ज नहीं हुआ है। वहीं दूसरी ओर इस मामले में सोमवार रात को ही मरीज की शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया था। 

    यह मामला अर्जुन सिंह पुत्र नंद लाल, निवासी गांव मशोट, डाकघर जुबली, तहसील कुपवी, जिला शिमला (हिमाचल प्रदेश), उम्र 36 वर्ष, के बयान पर दर्ज किया गया है। 

    फेफड़ों के संक्रमण पर इलाज के लिए आया था मरीज

    शिकायतकर्ता ने पुलिस को बताया कि फेफड़ों में संक्रमण के कारण वह इलाज के लिए आइजीएमसी शिमला में भर्ती था। मंगलवार को को मेडिकल जांच के बाद उसे सांस लेने में परेशानी हो रही थी, जिसके चलते उसे पल्मोनरी वार्ड के बेड नंबर-8 पर करीब दो घंटे के लिए ऑब्जर्वेशन में रखा गया था। इसी दौरान राउंड पर आए एक डॉक्टर, जिनका नाम डॉ. राघव नरूला बताया गया है, अन्य डॉक्टरों के साथ उसके पास पहुंचे।

    दूसरे डॉक्टर ने पकड़ लिए थे पांव

    आरोप है कि डॉ. नरूला ने उसके इलाज और भर्ती को लेकर अभद्र भाषा में सवाल किए और दुर्व्यवहार शुरू कर दिया। इसके बाद उन्होंने उसके चेहरे और शरीर पर मुक्कों से हमला किया, जबकि एक अन्य डॉक्टर ने उसके पैर पकड़ लिए। इस हमले के कारण उसकी नाक से खून बहने लगा। पीड़ित का आरोप है कि दोनों डॉक्टरों द्वारा की गई इस कथित मारपीट से न केवल उसे चोटें आईं, बल्कि उसकी जान और व्यक्तिगत सुरक्षा को भी खतरा उत्पन्न हो गया। पुलिस भारतीय न्याय संहिता की विभिन्न धाराओ के तहत जांच कर रही है।

    मेडिकल स्पेशल वार्ड में डाक्टर भर्ती 

    इस मामले में शामिल आरोपित डाक्टर फिलहाल आइजीएमसी के मेडिकल स्पेशल वार्ड में भर्ती है। बताया जा रहा है कि वह मानसिक तनाव एवं हाथापाई के चलते आई चोटों के कारण भर्ती है और उनका उपचार चल रहा है। 

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