शिमला आईजीएमसी: डॉक्टर के समर्थन में आई एसोसिएशन, 'वीडियो तोड़ मोड़कर दिखाया गया'; आखिर क्या है सच्चाई?
शिमला आईजीएमसी में डॉक्टर-मरीज मारपीट मामले में आरडीए डॉक्टर के समर्थन में उतरी है। आरडीए अध्यक्ष डा. सोहेल शर्मा ने कहा कि डॉक्टर मरीज के लिए काम करत ...और पढ़ें

आईजीएमसी शिमला में पत्रकार वार्ता करते रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन के पदाधिकारी। जागरण
जागरण संवाददाता, शिमला। आईजीएमसी शिमला में डाक्टर व मरीज मारपीट मामले में रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन (आरडीए) डाक्टर के समर्थन में उतर आई है। आरडीए के अध्यक्ष डा. सोहेल शर्मा ने पत्रकारवार्ता में कहा कि सोमवार को अस्पताल में मरीज अर्जुन को देखरेख में रखा था। आरोपित डॉक्टर से आरडीए की बात हुई है, अभी तक इस मामले में एक ही पक्ष को दिखाया गया है।
डा. सोहेल ने कहा कि डाक्टर मरीज के लिए ही काम करते हैं। मरीज की हिस्ट्री बार-बार पूछी जाती है। डा. राघव नरुला ने अपनी स्टेटमेंट या शिकायत अस्पताल की प्रिंसिपल से लेकर एसोसिएशन को दी है।
क्या कहना है आरोपित डॉक्टर का
डॉक्टर ने कहा है कि उन्होंने मरीज के रूटीन चेकअप से लेकर सभी रिकॉर्ड जांचे। जब मरीज से पूछा तो वह अभद्र व अपमानजनक व्यहवार करने लगा। कहा कि वह बड़े डाक्टरों को ये रिकॉर्ड दिखा चुका है। इसके बाद भी मुझे व माता-पिता के लिए अभद्र शब्दों का इस्तेमाल किया। इसी बीच अर्जुन ने हमला कर दिया, बचाव किया तो बेड के समीप रखे आइबीफ्यूड स्टैंड से हमला किया। बचाव किया तो अर्जुन के साथ मौजूद लोगों ने वीडियो बनाना शुरू कर दिया। यह वीडियो पूरा नहीं है। वास्तविक वीडियो तोड़-मोड़कर दिखाया गया है।
दोनों की भागीदारी हुई तो कानूनी कार्रवाई होगी
मरीज ने बाद में परिचितों को बुलाकर जान से मारने की धमकी दी है। आरडीए ने कहा कि निष्पक्ष जांच के दौरान यदि दोनों की भागीदारी आती है तो इस मामले में आगामी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
दोनों पक्ष आमने सामने
आईजीएमसी में मारपीट मामला शांत होने का नाम नहीं ले रहा है। एक ओर जहां मरीज के स्वजन ने स्वास्थ्य मंत्री डा. धनी राम शांडिल से मुलाकात कर डाक्टर के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है, वहीं रेजिडेंट डाक्टर एसोसिएशन भी डाक्टर के समर्थन में आ गई है। उल्टा मरीज पर बदसलूकी के आरोप लगाए हैं।
आरोपित डॉक्टर तनाव में
आरडीए का कहना है कि डॉक्टर घटना के बाद से तनाव में है और उन पर लगे आरोप निराधार हैं। डाक्टर ने मरीज से कोई बदसलूकी नहीं की, बल्कि मरीज ने डाक्टर से बदतमीजी कर पिटाई की है। मामले को एकतरफा ही दिखाया जा रहा है, ऐसे में घटना की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। आरडीए ने आरोप लगाया कि अस्पताल में सुनियोजित तरीके से हमला किया था।
डाक्टरों से लेकर मरीजों तक को धमकाया गया। डाक्टर को बिना पानी व खाने के कमरे में बंद कर दिया था। उन्होंने मांग की है कि इस मामले की निष्पक्ष जांच की जानी चाहिए।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।