शिमला के सरकारी ऑफिस होंगे शिफ्ट? बढ़ती जनसंख्या के बीच हिमाचल सरकार ले सकती है बड़ा फैसला
शिमला में सरकारी कार्यालयों को धर्मशाला स्थानांतरित करने के निर्णय के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हो रहा है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से धर्मशाला के प्रतिनिधिमंडल ने मुलाकात कर कार्यालयों को धर्मशाला में स्थानांतरित करने का आग्रह किया जिससे वित्तीय बोझ कम होगा। सरकार रेरा और वन निगम कार्यालय को पहले ही शिफ्ट करने का फैसला कर चुकी है। शिमला में हो रहा विरोध इस फैसले के खिलाफ है।

राज्य ब्यूरो,शिमला। प्रदेश की राजधानी शिमला में बढ़ते जनसंख्या दबाव और बुनियादी सुविधाओं पर बढ़ते खर्च को कम करने के लिए कई कार्यालयों को स्थानांतरित करने का निर्णय लिया है। कर्मचारियों में इसको लेकर अंदरखाते विरोध हो रहा है। दूसरी तरफ सरकार के इस फैसले का धर्मशाला के लोग स्वागत कर रहे हैं।
मंगलवार को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से कांग्रेस नेता देवेंद्र जग्गी के नेतृत्व में धर्मशाला से आए प्रतिनिधिमंडल ने मुलाकात की। प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री से शिमला सहित विभिन्न स्थानों पर किराए के मकानों में चल रहे सरकारी कार्यालयों को धर्मशाला में खाली पडे़ सरकारी भवनों में स्थानांतरित करने पर विचार करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि इससे राज्य सरकार पर वित्तीय बोझ कम करने के साथ कुछ शहरी क्षेत्रों में भीड़ कम करने में भी मदद मिलेगी। मुख्यमंत्री ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया कि उनकी मांगों पर उचित कार्रवाई की जाएगी।
रेरा, वन निगम कार्यालय शिफ्ट करने का हो चुका है फैसला
राज्य सरकार रेरा (रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी) व वन निगम के कार्यालय को धर्मशाला शिफ्ट करने निर्णय ले चुकी है। हालांकि इस पर अभी अंतिम मुहर लगना बाकी है। इसके अलावा पर्यटन निगम का कार्यालय भी शिमला से शिफ्ट किया जाएगा। सरकार ने अभी ये निर्णय लिए हैं लेकिन इन्हें अंतिम मंजूरी मिलना बाकी है। राज्य कौशल विकास निगम, राज्य ट्रांसमिशन निगम व राज्य ऊर्जा निगम को भी दूसरे स्थान पर भेजने की चर्चा है।
संसाधन सृजन समिति ने भी की सिफारिश
उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री की अध्यक्षता में गठित संसाधन सृजन समिति ने भी राजधानी शिमला से उन विभागों के कार्यालयों को कहीं और शिफ्ट करने की सिफारिश की है जो किराए के भवनों में चल रहे हैं। समिति ने कहा है कि इससे हर महीने लाखों रुपये की बचत सरकार को होगी।
उद्योग भवन हाईकोर्ट को जाने के बाद उद्योग विभाग को दो भागों में बांट दिया गया था। विभाग का एक हिस्सा मजीठा हाउस में सरकारी भवन में है जबकि माइनिंग विंग कुसुम्पटी में निजी भवन में है।
महिला एवं बाल विकास विभाग पहले निजी भवन में चल रहा था, जिसे अब एशियन डिवेलपमेंट बैंक की फंडिंग से बनी टूरिज्म की बिल्डिंग में शिफ्ट किया गया है। इसी भवन में ऊर्जा निदेशालय, आबकारी एवं कराधान विभाग का साउथ जोन और मुख्यमंत्री हेल्पलाइन के कार्यालय सहित कई अन्य कार्यालय भी है जो निजी भवनों में है।
शिक्षा बोर्ड धर्मशाला हुआ था स्थानांतरित
हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड का कार्यालय वर्ष 1983 में शिमला से धर्मशाला ले जाया गया था। इसके बाद तकनीकी शिक्षा निदेशालय को सुंदरनगर और मत्स्य विभाग को बिलासपुर स्थानांतरित किया गया।
25 हजार से साढ़े तीन लाख हो गई जनसंख्या
शिमला शहर को 25 हजार की जनसंख्या के लिए विकसित किया गया था लेकिन आज इसकी जनसंख्या साढ़े तीन लाख से अधिक हो गई है। इस दबाव को कम करने के लिए सरकार ने पहले ही निजी भवनों में चल रहे कार्यालयों को सरकारी भवनों में स्थानांतरित करने का आदेश दिया था।
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