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    हिमाचल प्रदेश में लागू होगा रोहित वेमुला एक्ट? राहुल गांधी ने CM सुक्खू को लिखा पत्र

    Updated: Mon, 21 Apr 2025 09:41 PM (IST)

    राहुल गांधी ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को पत्र लिखकर रोहित वेमुला अधिनियम लागू करने का आग्रह किया है ताकि प्रदेश में छात्रों को जातिवाद का दंश न झेलना पड़े। उन्होंने रोहित वेमुला पायल तड़वी और दर्शन सोलंकी के नामों का उल्लेख करते हुए कहा कि इस तरह के अत्याचारों का खात्मा होना चाहिए। हिमाचल सरकार इस दिशा में जल्द ही निर्णय लेगी।

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    राहुल गांधी ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को लिखा पत्र

    अनिल ठाकुर, शिमला। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को पत्र लिखा है। पत्र में उन्होंने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से आग्रह किया है कि रोहित वेमुला अधिनियम को लागू किया जाए, ताकि प्रदेश में किसी छात्र को जातिवाद का वो दंश न झेलना पड़े।

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    इस पत्र में उन्होंने पीएचडी छात्र रोहित वेमुला, पायल तड़वी और दर्शन सोलंकी के नामों का जिक्र भी किया है। उन्होंने कहा कि इनकी हत्या को स्वीकार्य नहीं किया जा सकता। जिस तरह का अत्याचार बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर ने झेला उसी तरह का अत्याचार रोहित वेमुला सहित देश के करोड़ों लोगों ने झेला है। राहुल गांधी ने पत्र में कहा है कि अब इस तरह का अत्याचार कोई और सहन न करें इसलिए इसके खात्मे का समय आ गया है।

    राज्य सरकार जल्द लेगी निर्णय

    कांग्रेस के रायपुर अधिवेशन में निर्णय लिया था कि सत्ता में आने पर वह अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़े वर्गों और अल्पसंख्यक वर्गों के छात्रों का सम्मान एवं सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए रोहित वेमुला नाम से एक अधिनियम बनाकर इसे पारित करेगी।

    अब जिन राज्यों में कांग्रेस की सरकारें हैं उन राज्यों को पार्टी हाइकमान ने इस पर काम करने का निर्देश दिए हैं। हिमाचल सरकार ने इस पर काम शुरू कर दिया है। यह अधिनियम किस तरह का होगा इसे तैयार किया जा रहा है। इसका प्रारूप तैयार होने के बाद मुख्यमंत्री राहुल गांधी को इसके बारे में अवगत करवाएंगे।

    17 अप्रैल को लिखा था पत्र

    17 अप्रैल को यह पत्र राहुल गांधी ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को लिखा है। राहुल गांधी ने कहा है कि हर बच्चे को शिक्षा तक समान पहुंच दिलाने और जातीय भेदभाव को खत्म करने के लिए पूरी तरह प्रतिबंध है। उन्होंने हाल ही में संसद में दलित, आदिवासी,और ओबीसी समुदाय के छात्रों और शिक्षकों से मुलाकात का जिक्र भी किया है।

    हिमाचल मिड डे मील में भेदभाव की आ चुकी है शिकायतें

    हिमाचल के सरकारी स्कूलों में मिड-डे मील में छात्रों के साथ भेदभाव की कई शिकायतें पूर्व में आ चुकी है। दलित वर्ग के छात्रों को स्कूल में खाना खिलाने के लिए अलग बैठाया गया है। शिक्षा विभाग ने इसको लेकर विस्तृत गाइडलाइन तैयार की है।

    मिड-डे मील परोसते समय जातीय, लिंग भेद का भेदभाव बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। मिड-डे मील से जुड़ी शिकायतों के लिए टोल फ्री नंबर 1800-180-8007 नंबर जारी किया है। इस पर शिकायत दर्ज करवाई जा सकती है।

    हिमाचल प्रदेश विवि में पीठ स्थापित

    हिमाचल प्रदेश विवि में डॉ. भीमराव आंबेडकर नाम से पीठ स्थापित है। यह पीठ शोध कार्यों को करवाती है। इसके अलावा इसमें पीएचडी डिग्री भी करवाई जाती है। विवि प्रशासन के मुताबिक कोई ऐसी शिकायत नहीं आई है जिसमें दलित या पिछड़े वर्ग के छात्रों के साथ भेदभाव किया गया हो।

    दलित व पिछड़े वर्ग के छात्रों के लिए है योजनाएं

    हिमाचल में एससी, एसटी, ओबीसी वर्ग के छात्रों को पढ़ाई से लेकर नौकरी तक कई तरह के प्रविधान किए गए हैं। स्कूल, कालेज से लेकर विवि में शिक्षा प्राप्त करने के लिए फीस में छूट दी जाती है। इसके अलावा विवि में कुछ सीटें आरक्षित भी रखी गई है। नौकरियों में भी इन वर्गों के लिए आरक्षण पहले से मौजूद हैं। केंद्र व राज्य सरकार प्रायोजित कई तरह की छात्रवृत्तियां भी चलाई जा रही है।

    राहुल गांधी की ओर से जो पत्र आया है उसके अनुरूप कार्य किया जाएगा। दलित, पिछड़े वर्ग से आने वाले छात्रों को उच्च शिक्षा मिले, कोई भेदभाव न हो इस दिशा में सरकार कार्य कर रही है।

    नरेश चौहान, मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार (मीडिया)

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