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    हिमाचल में कांग्रेस कमेटी के गठन की तैयारी तेज, नेताओं की बढ़ी धुकधुकी; रजनी पाटिल ने हाईकमान को सौंपी रिपोर्ट

    Updated: Tue, 04 Mar 2025 03:24 PM (IST)

    हिमाचल प्रदेश (Himachal News) कांग्रेस कमेटी के गठन की प्रक्रिया तेज हो गई है। प्रदेश मामलों की प्रभारी रजनी पाटिल ने दिल्ली में पार्टी हाईकमान को रिपोर्ट सौंप दी है। रिपोर्ट में सरकार और संगठन में समन्वय एक व्यक्ति एक पद का सिद्धांत युवा चेहरों को मौका देने जैसे मुद्दों पर चर्चा की गई है। हाईकमान जल्द ही समन्वय समिति की घोषणा कर सकता है।

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    हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के गठन के लिए प्रक्रिया तेज हो गई है। फाइल फोटो

    राज्य ब्यूरो, शिमला। Himachal News: हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के गठन के लिए प्रक्रिया तेज हो गई है। कांग्रेस प्रदेश मामलों की प्रभारी रजनी पाटिल ने सोमवार को दिल्ली में पार्टी हाईकमान को रिपोर्ट सौंप दी है।

    कई नेताओं से चर्चा करने के बाद रजनी पाटिल ने तैयार की रिपोर्ट

    दो दिन तक शिमला में कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष प्रतिभा सिंह, मुख्यमंत्री, मंत्रियों, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष, वरिष्ठ नेताओं, विधायकों व 2022 के चुनाव में प्रत्याशियों सहित विभिन्न संगठनों से चर्चा कर उनका फीडबैक लिया था। इसके आधार पर उन्होंने रिपोर्ट तैयार की है।

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    सरकार व संगठन में समन्वय को लेकर उन्होंने हाईकमान को अवगत करवाया है। माना जा रहा है कि प्रदेश कार्यकारिणी से पहले हाईकमान समन्वय समिति की घोषणा कर सकता है।

    एक व्यक्ति एक पद का लागू होगा सिद्धांत

    प्रदेश कांग्रेस कार्यकारिणी का जब तक एलान नहीं हो जाता तब तक कुछ पदों पर नियुक्ति की जा सकती है, इस विकल्प पर भी काम चल रहा है। पहले समन्वय समिति, फिर पीसीसी व फिर जिलाध्यक्षों की नियुक्ति की जाएगी। रजनी पाटिल ने कहा था कि नई कार्यकारिणी में एक व्यक्ति एक पद का सिद्धांत लागू होगा।

    अब इस पर मंथन शुरू हो गया है। रजनी पाटिल ने प्रतिभा सिंह, मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री सहित वरिष्ठ नेताओं से पीसीसी को लेकर उनकी अलग से राय जानी थी। किन नेताओं को वह पीसीसी में चाहते हैं उनके नाम भी मांगे गए थे।

    युवा चेहरों को दी जा सकती है जगह

    बताया जा रहा है कि पीसीसी का प्रारूप लगभग तय हो चुका है। हाईकमान से चर्चा के बाद ये सूची जारी होगी। नई कार्यकारिणी में क्षेत्रीय, जातीय समीकरणों के साथ युवा चेहरों को भी जगह दी जाएगी। कार्यकारिणी का आकार छोटा होगा। जिला, खंड की कार्यकारिणी के अलावा कांग्रेस के विभागों में ऐसे नेताओं को शामिल किया जाएगा।

    'भाजपा को दोष देने के बजाय असफलताओं पर ध्यान दे कांग्रेस'

    भाजपा मुख्य वक्ता राकेश जम्वाल ने कहा कि कांग्रेस सरकार अपने ही अंतर्विरोधों में उलझकर बिखर रही है और अपनी नाकामियों को छुपाने के लिए भाजपा पर झूठे आरोप लगा रही है। कांग्रेस प्रदेश प्रभारी रजनी पाटिल के दौरे से पहले ही कांग्रेस विधायकों और वरिष्ठ नेताओं में असंतोष खुलकर सामने आ गया है।

    प्रेस को जारी बयान में जम्वाल ने कहा कि कांग्रेस विधायक सुरेश कुमार का बयान खुद यह साबित करता है कि सरकार में संतुलन की कमी है और कुछ जिलों को पूरी तरह नजरअंदाज किया गया है। अगर सरकार बनने के दो वर्ष बाद भी कांग्रेस विधायक यह मान रहे हैं कि कैबिनेट विस्तार में भेदभाव हुआ है और अस्थिरता की कोशिशें हुई हैं तो इससे साफ है कि कांग्रेस का असली दुश्मन खुद कांग्रेस ही है।

    भाजपा को दोष देने के बजाय कांग्रेस को असफलताओं पर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष मार्च में जब कांग्रेस के छह विधायकों ने सरकार के खिलाफ बगावत की थी, तब कांग्रेस ने भाजपा को दोषी ठहराया था, लेकिन अब जब कांग्रेस विधायक ही पार्टी नेतृत्व पर सवाल उठा रहे हैं, तो इससे स्पष्ट हो जाता है कि कांग्रेस खुद अपने अंतर्विरोधों के कारण अस्थिर हो रही है।

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