पीएम मोदी ने शुरू किया स्वस्थ नारी सशक्त परिवार अभियान, हिमाचल में 15 दिन में इतने लाख महिलाओं की होगी स्वास्थ्य जांच
Himachal Pradesh News प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वस्थ नारी सशक्त परिवार एवं पोषण अभियान का शुभारंभ किया। हिमाचल प्रदेश में स्वास्थ्य मंत्री धनीराम शांडिल ने इस अभियान की शुरुआत की जिसके तहत 8 लाख महिलाओं की स्क्रीनिंग का लक्ष्य है। हिमकेयर और आयुष्मान योजना की देनदारियां लंबित होने की वजह से मरीजों को मुफ्त इलाज मिलने में दिक्कत हो रही है।

जागरण संवाददाता, शिमला। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने 75वें जन्मदिन के अवसर पर स्वस्थ नारी सशक्त परिवार एवं पोषण अभियान का मध्य प्रदेश से शुभारंभ किया। अभियान महिलाओं, किशोरियों और बच्चों के स्वास्थ्य एवं पोषण को मजबूत करने के उद्देश्य से 17 सितंबर से 2 अक्टूबर तक देशभर में चलेगा।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन,स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा आइजीएमसी शिमला में पीएम मोदी के कार्यक्रम को वर्चुअली प्रसारित किया गया। स्वास्थ्य मंत्री धनीराम शांडिल द्वारा हिमाचल प्रदेश में अभियान की शुरुआत की गई।
स्वास्थ्य मंत्री धनीराम शांडिल ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में अभियान के तहत 8 लाख महिलाओं की स्क्रीनिंग का लक्ष्य रखा गया है। हर पीएचसी में 100 महिलाओं की स्वास्थ्य जांच होनी है।
अभियान के दौरान महिला स्वास्थ्य जांच, मातृ एवं शिशु देखभाल, जागरूकता एवं व्यवहार परिवर्तन, निक्षय मित्र अभियान, रक्तदान शिविर सहित अन्य स्वास्थ्य जांच होनी है। इस अभियान में प्रदेश की महिलाओं को ज्यादा से जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है, ताकि महिलाएं आगे चलकर किसी गंभीर बीमारी का शिकार न बने।
हिमकेयर व आयुष्मान योजना की देनदारियां लंबित
हिमाचल प्रदेश में लोगों को हिमकेयर और आयुष्मान योजना के तहत इलाज न मिलने के प्रश्न पर मंत्री ने माना कि इन दोनों योजनाओं की देनदारियां लंबित हैं। इस वजह से लोगों को कुछ परेशानी हो रही है, सरकार लंबित भुगतान को शीघ्र देने के लिए गंभीर है।
राजधानी के सभी अस्पतालों में नहीं मिल रही है सुविधा
प्रदेश के आइजीएमसी, रिपन से लेकर अन्य अस्पतालों में दोनों योजनाओं के तहत मरीजों को निश्शुल्क इलाज नहीं मिल रहा है, इससे गरीब व जरुरतमंद मरीजों को सबसे ज्यादा परेशानी हो रही है। पहले यह दिक्कत आइजीएमसी अस्पताल में ही थी, लेकिन बाद में रिपन अस्पताल में भी मरीजों को दी जाने वाली निशुल्क इलाज की सुविधा को बंद कर दिया।
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इसमें भी अस्पताल प्रशासन की ओर से कंपनियों की ओर से बकाया राशि ज्यादा होने के बाद सप्लाई प्रभावित होने की बात कहीं। अब मंत्री की ओर से मिले आश्वासन के बाद उम्मीद है कि जल्द ही अस्पतालों में दोनों योजनाओं के तहत मरीजों को निशुल्क इलाज की सुविधा मिलना शुरू हो सकेगी।
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