Himachal: सितंबर में 136 प्रतिशत अधिक वर्षा, CM सुक्खू ने की समीक्षा बैठक, ...किराया शर्तों में ढील देगी सरकार
Himachal Pradesh Disaster हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश से हुए नुकसान पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने समीक्षा बैठक की। उन्होंने प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने और राहत कार्यों को तेजी से करने के निर्देश दिए। राज्य में सामान्य से अधिक बारिश हुई है और कई लोगों की जान गई है। भारी वर्षा और भू-स्खलन से संपत्ति का भी नुकसान हुआ है।

जागरण टीम, शिमला। Himachal Pradesh Disaster, हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने राज्य में पिछले 48 घंटों के दौरान हुई भारी वर्षा से हुए नुकसान की समीक्षा की। बैठक की अध्यक्षता करते हुए उन्होंने प्राकृतिक आपदा से हुई जानमाल की क्षति पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए संबंधित अधिकारियों को प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए त्वरित कार्यवाही सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
पिछले दो दिनों में भारी बारिश के कारण पांच लोगों ने अपनी जान गंवाई है, जिनमें तीन लोग जिला मंडी के निहारी तथा दो के सदर उपमंडल के पंडोह मोहाल सुमा क्षेत्र से संबंधित हैं, जबकि दो लोग अभी भी लापता हैं।
सितंबर में सामान्य से 136 प्रतिशत अधिक वर्षा
मुख्यमंत्री ने कहा कि सितंबर माह में राज्य में सामान्य से 136 प्रतिशत अधिक बारिश, जबकि पूरे मॉनसून सीजन के दौरान अब तक 45 प्रतिशत अधिक बारिश दर्ज की गई है। उन्होंने कहा कि इस मॉनसून सीजन में अब तक 417 लोगों ने जान गंवाई है और 45 लोग लापता हैं।
4582 करोड़ रुपये का नुकसान, 1502 घर ध्वस्त
हिमाचल प्रदेश में भारी वर्षा, बादल फटने तथा भू-स्खलन के कारण 4582 करोड़ रुपये की संपत्ति का नुकसान हुआ है। इस दौरान 15,022 संरचनात्मक नुकसान दर्ज किए गए हैं, जिनमें 1502 घर पूरी तरह से क्षतिग्रस्त तथा 6467 घर आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त, 6316 गौ शालाएं तथा 594 दुकानें शामिल हैं।
उपायुक्तों को दिए निर्देश
सीएम ने सभी उपायुक्तों को सतर्क रहने और प्रभावित क्षेत्रों का व्यक्तिगत रूप से दौरा कर राहत एवं पुनर्वास कार्यों की निगरानी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को विशेषकर सेब उत्पादक क्षेत्रों में सड़क संपर्क शीघ्र बहाल करने के निर्देश दिए, ताकि सेब की फसल मंडियों तक पहुंच सके और बागवानों को आर्थिक नुकसान न उठाना पड़े।
उन्होंने प्रभावित क्षेत्रों में बिजली, पानी की परियोजनाओं तथा अन्य आवश्यक सेवाओं को प्राथमिकता के आधार पर बहाल करने के निर्देश दिए। इसके अलावा, उन्होंने एचपीएमसी को अपने संग्रहण केंद्रों से सेब ढुलाई के लिए अतिरिक्त वाहन लगाने को कहा।
असुरक्षित भवन छोड़ें लोग, किराये की शर्तों में देंगे ढील
मुख्यमंत्री ने कहा कि जनता की सुरक्षा राज्य सरकार के लिए सर्वोच्च प्राथमिकता है। विशेष राहत पैकेज के अंतर्गत आपदा में बेघर हुए परिवारों को शहरी क्षेत्रों में 10 हजार रुपये और ग्रामीण क्षेत्रों में पांच हजार रुपये मासिक किराया प्रदान किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि सामाजिक ताने-बाने को देखते हुए किराया प्रदान करने की शर्तों में ढील देने पर विचार किया जा रहा है ताकि अधिक से अधिक बेघर लोगों को लाभान्वित किया जा सके। उन्होंने कहा कि असुरक्षित भवनों में रह रहे लोगों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उन्हें शीघ्र ही सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया जाए।
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ये रहे मौजूद
शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर, उप मुख्य-सचेतक केवल सिंह पठानिया, विधायक हरदीप सिंह बावा, मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार (सूचना प्रौद्योगिकी एवं नवाचार) गोकुल बुटेल, मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना, अतिरिक्त मुख्य सचिव राजस्व के.के. पंत, मुख्यमंत्री के सचिव राकेश कंवर, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक सतवंत अटवाल त्रिवेदी और वरिष्ठ अधिकारी भी बैठक में उपस्थित थे, जबकि उपायुक्त, पुलिस अधीक्षक और विभिन्न जिलों के वरिष्ठ अधिकारी वर्चुअल माध्यम से बैठक में शामिल हुए।
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