हिमाचल में अब प्रमोट नहीं होंगे छात्र, 5वीं और 8वीं में फेल होने वालों को दोबारा देना होगा एग्जाम
हिमाचल प्रदेश सरकार नए शैक्षणिक सत्र से शिक्षा क्षेत्र में बड़े बदलाव करने जा रही है। राज्य में नो डिटेंशन पॉलिसी को लागू किया जाएगा जिसके तहत कक्षा पांच और आठ में अब पुअर परफॉर्मेंस यानी फेल होने वाले छात्र सीधे अगली कक्षा में प्रमोट नहीं होंगे। इसके अलावा कम संख्या वाले स्कूलों को मर्ज किया जाएगा और स्कूलों में कलस्टर सिस्टम बनाया जाएगा।

राज्य ब्यूरो, शिमला। राज्य सरकार नए शैक्षणिक सत्र से शिक्षा क्षेत्र में बड़े बदलाव करने जा रही है। हिमाचल में नो डिटेंशन पॉलिसी को नए शैक्षणिक सत्र से लागू किया जाएगा। इसके तहत कक्षा पांच व आठ में अब पुअर परफॉर्मेंस यानि फेल होने वाले छात्र सीधे अगली कक्षा में प्रमोट नहीं होंगे।
नए सत्र से लागू किया जाएगा नो डिटेंशन पॉलिसी
केंद्र सरकार की नो डिटेंशन पॉलिसी को हिमाचल में नए सत्र से लागू किया जाएगा। मंगलवार को शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर की अध्यक्षता में आयोजित समीक्षा बैठक में यह निर्णय लिया गया। वर्ष 2019 में आरटीई यानि शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत संशोधन हुआ था।
लेकिन इसे लागू नहीं किया जा सका था। शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक, अब कक्षा पांच और आठ में भी बच्चों को फेल किया जाएगा। कक्षा पांच और आठ की वार्षिक परीक्षा में फेल होने वाले छात्रों को दो महीने के भीतर दोबारा परीक्षा में बैठने का अवसर दिया जाएगा। अगर इसमें भी असफल रहते हैं, तो उन्हें फेल कर दिया जाएगा और दोबारा उसी कक्षा में पढ़ना पड़ेगा।
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इस वजह लाया गया नो डिटेंशन पॉलिसी
अभी तक आठवीं कक्षा तक बच्चों को फेल नहीं करने का प्रावधान था। साल 2010-11 से आठवीं कक्षा तक परीक्षा में फेल होने के प्रावधान पर रोक लगा दी गई थी।
बच्चों के फेल होने के बावजूद अगली क्लास में प्रमोट कर दिया जाता था। लेकिन इससे देखा गया कि शिक्षा के लेवल पर धीरे-धीरे गिरावट आने लगी। जिसका असर 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं पर पड़ने लगा।
कम संख्या वाले स्कूल किए जाएंगे मर्ज
बैठक में निर्णय लिया गया कि कम संख्या वाले स्कूलों को भी मर्ज किया जाएगा। प्राइमरी के बाद अब सरकार उच्च व वरिष्ठ माध्यमिक स्कूलों को मर्ज करेगी। इसके लिए छात्र संख्या तय कर दी गई है। बैठक में निर्णय लिया गया कि स्कूलों में कलस्टर सिस्टम बनाए जाएंगे। कला, वाणिज्य व विज्ञान संकाय अलग-अलग स्कूलों में होगा।
एक कलस्टर के तहत आने वाले स्कूलों में संकाय अलग-अलग हो सकते हैं। यानि यदि किसी स्कूल में कॉर्मस विषय के छात्र ज्यादा है और अन्य संकाय में दाखिले कम है, तो उसे उसी विषय में चलाया जाएगा, अन्य संकाय उस स्कूल में नहीं होंगे।
इसी तरह विज्ञान व कला संकाय भी शुरू किए जाएंगे। यह पहला मौका है जब किसी एक संकाय को ही किसी स्कूल में शुरू किया जाएगा। यानि स्कूल का नाम ही उस तरह से होगा कि कला संकाय उस स्कूल में है।
विदेश भ्रमण पर जाएंगे छात्र और शिक्षक
बैठक में छात्र व शिक्षकों के विदेश भ्रमण पर चर्चा की गई। बैठक में निर्णय लिया गया कि 50 मेधावी छात्रों को फरवरी महीने में विदेश भ्रमण पर भेजा जाएगा, जबकि 100 शिक्षक मार्च में विदेश भ्रमण पर जाएंगे।
इसके लिए सारी औपचारिक्ताएं पूरी कर दी गई है। बैठक में खाली पदों को भरने पर भी चर्चा हुई। विभाग को निर्देश दिए गए कि वाणिज्य व गणित प्रवक्ता न्यू की भर्तियां जल्द से जल्द करें।
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