'बंद पड़े मकान का एक लाख रुपये बिल', कंगना रनौत के दावे की बिजली विभाग ने खोल दी पोल; बताया सारा हिसाब
कंगना रनौत के बिजली बिल को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। हिमाचल प्रदेश बिजली बोर्ड ने स्पष्ट किया है कि उनका एक महीने का नहीं बल्कि पिछला बकाया भी है। कंगना के मनाली स्थित आवास का दो महीने का बकाया बिजली बिल 90384 रुपये है। वहीं मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा है कि वह कंगना की बात को गंभीरता से नहीं लेते।

जागरण संवाददाता, शिमला। राज्य बिजली बोर्ड ने मंडी संसदीय क्षेत्र की सांसद कंगना रनौत के मनाली स्थित आवास के बिजली बिल के बारे में स्पष्ट किया है कि उनका एक माह का नहीं, बल्कि पिछला भी बकाया है।
बिजली बोर्ड के प्रबंध निदेशक संदीप कुमार ने बताया कि उनके सिमसा स्थित आवास का दो महीने का बकाया बिजली बिल 90,384 रुपये है। यह कहना गलत और भ्रामक है कि बिल एक माह का है।
मनाली विद्युत उपमंडल के तहत कंगना के नाम पर उनके सिमसा स्थित आवास में घरेलू उपभोक्ता संख्या 100000838073 का बिजली कनेक्शन रजिस्टर्ड है।
कंगना ने क्या बोला था?
कंगना ने एक दिन पहले मंडी में कहा था कि उनका बिजली बिल एक लाख रुपये आया है। संदीप ने बताया कि है। इस तरह से उनका मार्च में जारी किया बिल पिछले बकाया सहित कुल 90,384 रुपये बनता है। कंगना को 22 मार्च, 2025 को जारी किए बिजली बिल में उनका पिछले बिल का भुगतान (32,287 रुपये) शामिल है।
उनके आवास का कनेक्टिड लोड 94.82 किलोवाट है, जोकि सामान्य आवास के विद्युत लोड से 1500 प्रतिशत अधिक है। उनके द्वारा प्रथम चरण में अक्टूबर से दिसंबर तक के बिजली बिल का भुगतान समय पर नहीं किया गया और इसी तरह जनवरी तथा फरवरी के बिजली बिल भी समय पर नहीं दिए गए।
दिसंबर में बिजली खपत 6 हजार यूनिट
उन्होंने बताया, दिसंबर की बिजली खपत 6,000 यूनिट में बकाया लगभग 31,367 रुपये था। फरवरी की बिजली खपत 9,000 यूनिट का 58,096 रुपये बिजली बिल समय पर न देने के कारण देरी सरचार्ज सहित था।
कंगना के आवास का अक्टूबर, नवंबर तथा दिसंबर, 2024 का बिजली बिल 82,061 रुपये था। इसका भुगतान भी कंगना रनौत ने 16 जनवरी 2025 को किया था।
उन्होंने स्पष्ट किया कि कंगना मासिक बिल का भुगतान हर बार देरी से कर रही हैं। जनवरी तथा फरवरी के बिजली बिल का भुगतान 28 मार्च, 2025 को किया गया है। इसकी कुल खपत 14,000 यूनिट थी।
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कंगना ने बिजली पर ली सब्सिडी
इस तरह यह स्पष्ट हो जाता है कि कंगना की मासिक खपत औसत रूप से 5,000 यूनिट से 9,000 यूनिट तक बहुत अधिक है। उन्होंने कहा, कंगना द्वारा प्रदेश सरकार की ओर से बिजली बिल पर दी जाने वाली सब्सिडी भी ली जा रही है। फरवरी, 2025 के बिल में कंगना रनौत ने 700 रुपये मासिक बिजली बिल पर सब्सिडी के तौर पर प्राप्त भी किए हैं।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा है कि सांसद कंगना रनौत की बात को मैं गंभीरता से नहीं लेता। वह अकसर ऐसे बयान देती रहती हैं। उन्होंने अधिक बिजली बिल आने को लेकर बात कही है। इसको लेकर बिजली बोर्ड के अधिकारियों को जांच करने का निर्देश दिया है।
अधिकारी देखेंगे कि कैसे उनका बिल इतना ज्यादा आ गया है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने अच्छी बात कही है कि जिनका काम करने में मन न लगे, उन्हें पद पर बने रहना शोभा नहीं देता।
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