हिमाचल के लिए किसान ट्रेन चलाए केंद्र सरकार, कृषि मंत्री चंद्र कुमार ने दिल्ली में उठाई ट्रांसपोर्ट की समस्या
Himachal Kisan Train कृषि मंत्री चंद्र कुमार ने केंद्र सरकार से कालका से किसान ट्रेन चलाने का आग्रह किया जिससे किसानों को अपनी फसलें बाजार तक पहुंचाने में मदद मिलेगी। उन्होंने प्राकृतिक खेती से उगाई गई फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य देशभर में निर्धारित करने की भी मांग की। हिमाचल प्रदेश प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दे रहा है।

राज्य ब्यूरो, शिमला। Himachal Kisan Train, हिमाचल प्रदेश के कृषि मंत्री चंद्र कुमार ने केंद्र सरकार से कालका से किसान ट्रेन चलाने और प्राकृतिक खेती से उगाई गई फसलों का भी न्यूनतम समर्थन मूल्य देशभर में निर्धारित करने का आग्रह किया है।
किसान ट्रेन चलने से किसान व बागवानों की सड़कों पर निर्भरता कम हो जाएगी। अभी प्रदेश में आपदा के कारण कनेक्टिविटी बुरी तरह प्रभावित है। इस कारण कई जगह बागवानों का सेब सड़ने के कगार पर पहुंच गया।
चंद्र कुमार ने नई दिल्ली में आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन कृषि-रबी अभियान-2025 में हिमाचल का नेतृत्व किया। सम्मेलन की अध्यक्षता केंद्रीय कृषि मंत्री एवं किसान कल्याण व ग्रामीण विकास मंत्री शिव राज सिंह चौहान ने की। सम्मेलन में कृषि सुधार, किसान कल्याण और नीति कार्यान्वयन पर चर्चा की गई।
आसानी से बाजार में पहुंच सकेंगे उत्पाद
चंद्र कुमार ने कहा कि कालका से किसान ट्रेन चलाए जाने से किसानों को अपनी फसलें बाजार तक सही समय पर पहुंचाने में मदद मिलेगी और परिवहन लागत में कमी आएगी।
प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दे रहा है हिमाचल
प्रदेश में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है। हिमाचल देश का पहला राज्य है जिसने प्राकृतिक खेती द्वारा उगाए गए उत्पादों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित किया है। कृषि मंत्री ने मृदा सर्वेक्षण सूक्ष्म स्तर तक करने का आग्रह किया।
कृषि क्षेत्र में रिमोट सेंसिंग पर दिया जोर
उन्होंने कहा कि खंड स्तर पर मृदा उर्वरता मानचित्र तैयार किए जाने चाहिए ताकि उनकी जानकारी के आधार पर वैज्ञानिक एवं प्रभावी भूमि उपयोग योजना बनाई जा सके। उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र में रिमोट सेंसिंग का व्यापक उपयोग करने की आवश्यकता है। हिमाचल विभिन्न एग्रो क्लाइमेटिक जोन में विभाजित है।
फसल बीमा को सशक्त बनाने की मांग उठाई
सभी फसलों की अलग-अलग जलवायु आवश्यकताएं होती हैं। इसलिए सूक्ष्म स्तर तक योजनाएं बनाई जानी चाहिए। किसानों की आय बढ़ाने के लिए आलू, लहसुन, फलदार फसलों, हल्दी और प्राकृतिक खेती पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। सम्मेलन में फसल बीमा को सशक्त बनाने, नकली इन्पुट्स के खिलाफ कार्रवाई करने, कृषि विज्ञान केंद्रों को मजबूत बनाने और तीन अक्टूबर से विकसित कृषि संकल्प अभियान शुरू करने पर चर्चा की गई।
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