हिमाचल के स्कूलों में बिना TET पास किए पढ़ा रहे शिक्षकों पर सख्ती की तैयारी, सरकार ने जारी किया बड़ा आदेश
Himachal Pradesh Teachers News हिमाचल प्रदेश सरकार ने शिक्षण गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। शिक्षा विभाग ने सभी जिलों से उन शिक्षकों का ब्योरा माँगा है जिन्होंने अभी तक अध्यापक पात्रता परीक्षा (टेट) पास नहीं की है। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के निर्देशों के बाद यह निर्णय लिया गया है जिसके अनुसार बिना टेट पास शिक्षक कक्षा में पढ़ाने के योग्य नहीं माने जाएंगे।

राज्य ब्यूरो, शिमला। Himachal Pradesh Teachers News, हिमाचल प्रदेश सरकार अब शिक्षण गुणवत्ता को लेकर और सख्त रुख अपनाने जा रही है। राज्य शिक्षा विभाग ने सभी जिलों से ऐसे शिक्षकों का पूरा ब्योरा मांगा है, जिन्होंने अब तक अध्यापक पात्रता परीक्षा (टेट) पास नहीं की है।
यह कदम केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के ताजा निर्देशों के बाद उठाया गया है, जिसके तहत बिना टेट पास शिक्षक कक्षा में पढ़ाने के योग्य नहीं माने जाएंगे। टेट (शिक्षक योग्यता परीक्षा) राष्ट्रीय स्तर पर शिक्षकों की योग्यता सुनिश्चित करने की एक अनिवार्य परीक्षा है।
इसका उद्देश्य यह तय करना है कि स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षक न सिर्फ अकादमिक रूप से योग्य हों, बल्कि शिक्षण-प्रशिक्षण की दृष्टि से भी मानकों पर खरे उतरें। शिक्षा मंत्रालय का मानना है कि बिना टेट पास शिक्षक बच्चों की नींव को मजबूत करने में सक्षम नहीं होंगे।
कुल मिलाकर प्रदेश सरकार की यह पहल शिक्षा व्यवस्था को और अधिक पारदर्शी व मानकीकृत बनाने की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है। आने वाले दिनों में आंकड़ा सामने आने के बाद यह तय होगा कि कितने शिक्षक सीधे प्रभावित होंगे। सभी श्रेणियों के शिक्षकों को टेट पास करना अनिवार्य है।
जिलों से आंकड़े आने के बाद होगी तस्वीर साफ
शिक्षा विभाग ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे अपने-अपने क्षेत्र में कार्यरत बिना टेट पास शिक्षकों का रिकॉर्ड तुरंत उपलब्ध करवाएं। आंकड़े आने के बाद सरकार इस दिशा में ठोस कदम उठाएगी। माना जा रहा है कि गैर-टेट शिक्षकों को या तो परीक्षा पास करने की बाध्यता होगी या फिर उन्हें शिक्षण कार्य से अलग किया जा सकता है।
सरकारी बनाम ग्रांट इन एड स्कूल
सरकारी स्कूलों में तैनात अधिकांश शिक्षक पहले से ही टेट पास हैं। लेकिन ग्रांट इन एड के तहत नियुक्त कुछ शिक्षकों ने अभी तक यह परीक्षा पास नहीं की है। ऐसे में यह संभावना जताई जा रही है कि जिलों से मिलने वाले आंकड़े इस अंतर को और स्पष्ट करेंगे।
-राकेश कंवर, सचिव शिक्षा।
शिक्षा सुधार की दिशा में बड़ा कदम
यह पहल हिमाचल में शिक्षा व्यवस्था की गुणवत्ता सुधारने के लिए अहम होगी। खासकर ग्रामीण और अर्द्धशहरी क्षेत्रों में जहां ग्रांट इन एड स्कूलों की संख्या ज्यादा है, वहां इस आदेश का सीधा असर देखने को मिलेगा।
-रोहित ठाकुर, शिक्षा मंत्री, हिमाचल प्रदेश।
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