Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    'HRTC में बसें चलाने के लिए चालक-परिचालक की जरूरत', CM सुक्खू की दोटूक, अधिकारियों का होगा युक्तीकरण, समय पर मिलेगी पेंशन

    By Jagran News Edited By: Rajesh Sharma
    Updated: Wed, 15 Oct 2025 03:38 PM (IST)

    मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि HRTC में अधिकारियों की संख्या को कम करने की आवश्यकता है। HRTC के बेड़े में तीन हजार बसें हैं, जिनके लिए चालक-परिचालकों की सबसे ज्यादा जरूरत है। सरकार HRTC को घाटे से निकालने के लिए काम कर रही है और कर्मचारियों, पेंशनरों के हित में निर्णय लिए जाएंगे। सरकार HRTC को अनुदान देती है और घाटे की भरपाई भी करेगी। पेंशनरों को 15 तारीख तक पेंशन मिल जाए, इसके लिए प्रयास किए जा रहे हैं।

    Hero Image

    हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू शिमला में पत्रकारों से बातचीत करते हुए। जागरण

    राज्य ब्यूरो, शिमला। हिमाचल प्रदेश पथ परिवहन निगम में अफसरशाही की फौज कम होगी। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि एचआरटीसी में अधिकारियों की बड़ी फौज है, इसमें युक्तीकरण की जरूरत है, और सरकार इस दिशा में काम कर रही है। 

    अपने सरकारी आवास ओक ओवर में पत्रकारों से बातचीत में मुख्यमंत्री ने कहा कि एचआरटीसी के बेड़े में तीन हजार बसें शामिल हैं। उन्हें चलाने के लिए सबसे ज्यादा जरूरत चालक-परिचालकों की है, जबकि निगम में अधिकारियों की भी बड़ी फौज है। सरकार यह देख रही है कि कितने अधिकारियों की कहां पर जरूरत है। 

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    कर्मचारियों व डिप्टी सीएम के साथ बैठकर होंगे निर्णय 

    मुख्यमंत्री ने कहा कि एचआरटीसी को कैसे घाटे से उबारा जाए, इस पर सरकार काम कर रही है। कर्मचारी, पेंशनर हित में उप मुख्यमंत्री व कर्मचारियों के साथ बैठकर व उनकी राय जानकर निर्णय लिए जाएंगे। 

    घाटे के कई कारण 

    मुख्यमंत्री ने कहा कि एचआरटीसी के अधिकारियों का तर्क है कि घाटे का कारण महिलाओं को किराये में दी जाने वाली 50 फीसदी रियायत व घाटे के रूट हैं। उन्होंने कहा कि केवल यही कारण नहीं है, कई और भी कारण हैं, जिससे एचआरटीसी पूरी तरह घाटे में डूबा हुआ है।

    1440 करोड़ रुपये कम राशि नहीं

    राज्य सरकार हर महीने एचआरटीसी को ग्रांट जारी करती है। साल में 720 करोड़ राज्य सरकार की तरफ से ग्रांट के रूप में एचआरटीसी को दिया जाता है। यह सरकार की ग्रांट है, जबकि एचआरटीसी की अपनी कमाई महीने की 60 करोड़ के करीब है। ग्रांट व निगम की आय मिलाकर यह सालाना 1440 करोड़ बनती है। उन्होंने कहा कि 3 हजार बसों के संचालन के लिए 1440 करोड़ कम राशि नहीं है।

    दो महीने में हुए घाटे की भरपाई करेगी सरकार

    मुख्यमंत्री ने कहा कि प्राकृतिक आपदा के चलते दो महीने कई रूट बंद रहे जिन पर बसें नहीं चल पाई। इस से एचआरटीसी को काफी ज्यादा घाटा हुआ है। इस घाटे की भरपाई भी सरकार करेगी। इसके लिए अधिकारियों को निर्देश जारी कर दिए गए हैं।

    यह भी पढ़ें: हिमाचल प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों की हैप्पी दिवाली, CM का 3 प्रतिशत DA देने का एलान, त्योहार से पहले मिलेगा एरियर 

    15 तक पेंशन जारी होगी, संयम रखें पेंशनर

    मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार एचआरटीसी को घाटे से उबारने का प्रयास कर रही है। कर्मचारियों को वेतन 1 तारीख को मिले व पेंशनर 15 तारीख तक मिल जाए इस दिशा में प्रयास किए जा रहे हैं।

    निगम पूरी तरह घाटे में डूबा है, इसमें कैसे सुधार हो इस दिशा में गंभीरता से काम करने की जरूरत है। पेंशनर संयम रखे सरकार उनकी हर मांग को पूरी करेगी। सरकार चाहती है कि पेंशनरों को बार बार हड़ताल पर न जाना पड़े। इसके लिए सरकार का सहयोग करे। मुख्यमंत्री ने कहा कि चालक परिचालकों को समय पर वेतन, रात्री भत्ता, ओवर टाइम, चिकित्सा भत्ता मिले इस दिशा में भी प्रयास किया जा रहा है।

    यह भी पढ़ें: Himachal: मुख्य सचिव ने अधिकारियों से पूछा क्या प्रशासनिक सुधार किए? तीन बिंदुओं पर नहीं दे पाए जवाब; CS ने दिए सख्त निर्देश