Himachal: लोन लेकर होगा HRTC में पेंशन मामलों का निपटारा, एक साल पहले रिटायर कर्मचारी भी इंतजार में
Himachal Pradesh News हिमाचल पथ परिवहन निगम (HRTC) सेवानिवृत्त कर्मचारियों की पेंशन के लिए 150 करोड़ रुपये का ऋण लेगा। 2024 से सेवानिवृत्त हुए लगभग 250 कर्मचारियों को पेंशन और अन्य लाभ नहीं मिले हैं जिससे वे परेशान हैं। उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने निगम को दो विकल्पों पर काम करने के निर्देश दिए थे।

राज्य ब्यूरो, शिमला। हिमाचल पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी) ऋण लेकर सेवानिवृत्त कर्मचारियों की पेंशन मामलों का निपटारा करेगा। उसके बाद अन्य वित्तीय लाभ जैसे ओवर टाइम व चिकित्सा भत्तों का भुगतान किया जाएगा। राज्य सरकार ने एचआरटीसी को 150 करोड़ रुपये का ऋण लेने की मंजूरी दी है।
निगम प्रबंधन यह ऋण राज्य सहकारी बैंक से लेगा, जिसकी प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। वर्ष 2024 से अभी तक सेवानिवृत्त हुए करीब 250 कर्मचारियों व अधिकारियों को अभी तक पेंशन के साथ ग्रेच्युटी व अर्जित अवकाश (लीव इनकैशमेंट) का पैसा नहीं मिला है। इस कारण ऐसे रिटायर कर्मचारी निगम कार्यालय के चक्कर काट रहे हैं। वह अपनी समस्याओं के समाधार नके लिए उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री से भी मिले थे।
डिप्टी सीएम ने दिए थे दो विकल्प
उप मुख्यमंत्री ने निगम प्रबंधन को दो विकल्पों पर काम करने के निर्देश दिए थे। पहले विकल्प के तहत कर्मचारी कम्यूटेशन नहीं लेते तो उनकी पेंशन लगा दी जाएगी। पेंशनरों से इसका विकल्प मांगा गया था। करीब 35 रिटायर कर्मियों ने लिखकर दिया था कि उनकी पेंशन लगा दी जाए। वहीं 250 कर्मचारी ऐसे थे जो कम्यूटेशन भी लेना चाहते थे।
लोन लेने की प्रक्रिया की शुरू
निगम के प्रबंध निदेशक डा. निपुण जिंदल ने बताया कि ऋण लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। पेंशन के मामलों का निर्धारण किया जा रहा है। कर्मचारी व सेवानिवृत्त कर्मचारियों की हर देनदारियों का भुगतान किया जाएगा।
साल दर साल बढ़ रहा निगम का घाटा
उन्होंने बताया कि निगम का संचित घाटा बढ़कर 2200 करोड़ रुपये हो गया है। निगम का घाटा साल दर साल बढ़ता जा रहा है। एचआरटीसी में अभी 10,853 कर्मचारी काम कर रहे हैं। 31 मार्च 2023 तक एचआरटीसी का कुल घाटा 1966 करोड़ रुपये था। लगातार घाटा बढ़ने से निगम प्रबंधन देनदारियों का भुगतान नहीं कर पा रहा है, जिस कारण ऋण लेना पड़ रहा है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।