HRTC Buses Parking: दिल्ली के राजघाट डिपो में पार्क होंगी HRTC बसें, दिल्ली पथ परिवहन के साथ MoU हुआ साइन
दिल्ली की ओर जाने वाली हिमाचल प्रदेश पथ परिवहन की बसें अब नई जगह पर पार्क की जाएंगी। हिमाचल पथ परिवहन निगम प्रबंधन और दिल्ली पथ परिवहन निगम के बीच पार्किंग को लेकर हुए समझौते के बाद राजघाट में पार्किंग की व्यवस्था की गई। HRTC की रोजाना 120 बसें दिल्ली के लिए रवाना होती हैं। साथ ही शौचालय और सोने जैसी कई सुविधाओं के लिए विश्राम गृह भी बनाए जाएंगे।

जागरण संवाददाता, शिमला। हिमाचल प्रदेश पथ परिवहन की दिल्ली जाने वाली बसें अब राजघाट डिपो में पार्क की जाएगी। हिमाचल पथ परिवहन निगम प्रबंधन एवं दिल्ली पथ परिवहन निगम के बीच में दिल्ली जाने वाली बसों की पार्किंग के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए हैं। एमओयू के तहत राजघाट में पार्किंग की व्यवस्था की गई है।
एचआरटीसी की रोजाना 120 बसें प्रदेश के विभिन्न स्थानों से रोजाना दिल्ली जाती है। अभी तक ये बसें पार्किंग के लिए दिल्ली बस अड्डे से लगभग 12 किलोमीटर दूर जगतपुर में चयनित दो निजी पार्किंग में खड़ी होती थी। इन पार्किंग का किराया लगभग साढ़े तीन लाख रुपए प्रतिमाह था एवं प्रत्येक बस को रोजाना 12 किलोमीटर की डैडमाईलेज पड़ती थी।
एचआरटीसी व दिल्ली पथ परिवहन निगम के बीच MoU साइन
दिल्ली पथ परिवहन निगम से करार होने के बाद दिल्ली पथ परिवहन निगम को पार्किंग के लगभग 6 लाख रुपये प्रतिमाह दिल्ली पथ परिवहन निगम को देने होंगे। दिल्ली पथ परिवहन निगम का राजघाट डिपो बस अड्डे से केवल चार किलोमीटर की दूरी पर है, जिसके कारण प्रतिदिन लगभग 16 किलोमीटर प्रति बस डैडमाईलेज कम होगी।
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डैडमाईलेज पर निगम खर्च कर रहा था 20 लाख
निजी पार्किग में बसें खड़ी करने पर एचआरटीसी को किराया एवं डैडमाईलेज का लगभग कुल खर्चा प्रतिमाह 20 लाख रुपये आता है। दिल्ली पथ परिवहन निगम से करार होने के बाद राजघाट पार्किग में बसें खड़ी होने पर यह खर्चा किराया एवं डैडमाईलेज का 12 लाख प्रतिमाह होगा, जिससे प्रतिवर्ष लगभग एक करोड़ रुपये की बचत होगी।
निगम के इस समझौते में हिमाचल पथ परिवहन निगम दिल्ली पथ परिवहन निगम के डिपो में चालको एवं परिचालकों के विश्राम के लिए कम लागत वाले आधुनिक विश्राम गृह भी बनाये जाएगें। जिससे चालकों एवं परिचालकों के लिए शौचालय एवं सोने के लिए बिस्तर एवं अन्य सुविधाएं उपलब्ध रहेगी।
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