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    Himachal: हिमाचल में पहली बार हड्डी के ट्यूमर का सफल इलाज, बिलासपुर AIIMS के डॉक्टरों ने इस तरीके से पाई बड़ी सफलता

    Updated: Tue, 20 Feb 2024 11:38 AM (IST)

    Himachal हिमाचल प्रदेश के डॉक्टरों को एक बड़ी सफलता हाथ लगी है। एम्स बिलासपुर के रेडियोलाजी विभाग के डॉक्टरों ने आरएफए एब्लेशन विधि का प्रयोग कर आस्टियोइड ओस्टियोमा (हड्डी के ट्यूमर) का सफल उपचार किया है। बता दें कि आस्टियोइड ओस्टियोमा का इलाज पहले ऑर्थोपेडिक सर्जरी से किया जाता था जिसमें हड्डी से ट्यूमर को निकालना या हड्डी के प्रभावित हिस्से को हटाना शामिल था...

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    Himachal: हिमाचल में पहली बार हड्डी के ट्यूमर का सफल इलाज

    जागरण संवाददाता, बिलासपुर। एम्स बिलासपुर के रेडियोलाजी विभाग के डॉक्टरों ने आरएफए एब्लेशन विधि का उपयोग कर आस्टियोइड ओस्टियोमा (हड्डी के ट्यूमर) का इलाज किया है। आस्टियोइड ओस्टियोमा आमतौर पर बच्चों और युवा व्यस्कों में होता है।

    इलाज ऑर्थोपेडिक सर्जरी से किया जाता था

    हड्डी के ट्यूमर के इलाज के लिए आरएफए एब्लेशन विधि प्रदेश में पहली बार उपयोग की गई है। आस्टियोइड ओस्टियोमा का इलाज पहले ऑर्थोपेडिक सर्जरी से किया जाता था, जिसमें हड्डी से ट्यूमर को निकालना या हड्डी के प्रभावित हिस्से को हटाना शामिल था।

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    हड्डी के फ्रेक्चर जैसी जटिलताओं का खतरा हो जाता है कम

    आज सबसे अधिक इस्तेमाल किया जाने वाला उपचार सीटी-निर्देशित रेडियो फ्रीक्वेंसी एब्लेशन (आएफए) है। आरएफए लक्षित ट्यूमर को गर्म करने और नष्ट करने के लिए रेडियोफ्रीक्वेंसी तरंग ऊर्जा का उपयोग करता है। इस स्टीक और नियंत्रित विधि में किसी सर्जरी की आवश्यकता नहीं होती है, जिससे संक्रमण और हड्डी के फ्रेक्चर जैसी जटिलताओं का खतरा काफी कम हो जाता है। यह एक तेज उपचार विकल्प भी है, जिसकी कुल प्रक्रिया में एक घंटे या उससे कम समय लगता है।

    इन डॉक्टरों को मिली बड़ी सफलता

    इस आरएफए एब्लेशन विधि का उपयोग कई प्रकार के कैंसर के इलाज के लिए किया
जाता है। एम्स में रेडियोलाजी विभाग का नेतृत्व डा. नरवीर सिंह चौहान कर रहे हैं। इसके अलावा डा. वरुण बंसल और डा. लोकेश राणा, डॉ. विजय लक्ष्मी एनेस्थीसिया, रेडियोलाजिकल तकनीशियन अभिनव शर्मा और नर्सिंग अधिकारी सुमन टीम का हिस्सा थे।

    विभाग में मंगलवार और वीरवार को अपनी तरह की पहली इंटरवेंशन रेडियोलाजी ओपीडी भी है, जिन मरीजों को ट्यूमर के लिए किसी भी प्रकार की एलेशन थेरेपी की आवश्यकता होती है, वे इन दिनों ओपीडी में आ सकते हैं और उन्हें उपचार के लिए राज्य से बाहर नहीं जाना पड़ेगा।

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