हिमाचल में हिमुडा निजी डेवलपर्स के साथ कालोनियों का निर्माण करने की तैयारी में, थर्ड पार्टी करेगी ऑडिट, होंगे ये बदलाव
Himuda colony construction Himachal हिमाचल प्रदेश आवास एवं शहरी विकास प्राधिकरण (हिमुडा) निजी डेवलपर्स के साथ मिलकर नई कॉलोनियों का निर्माण करेगा। योजना के अनुसार परियोजना से होने वाली आमदनी में से 91% हिस्सा डेवलपर को और 9% हिमुडा को मिलेगा। न्यूनतम पांच एकड़ भूमि वाले डेवलपर्स ही भाग ले सकेंगे।

राज्य ब्यूरो, शिमला। Himuda colony construction Himachal, हिमाचल प्रदेश आवास एवं शहरी विकास प्राधिकरण (हिमुडा) ने निजी डेवेलपर्स के साथ मिलकर नई कालोनियों के निर्माण की योजना बनाई है। इस प्रस्ताव को राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में अंतिम मंजूरी के लिए रखा जाएगा। हिमुडा की निदेशक मंडल (बीओडी) से पहले ही इस योजना को हरी झंडी मिल चुकी है। जैसे ही कैबिनेट से मंजूरी प्राप्त होगी, कार्य आरंभ कर दिया जाएगा।
राज्य में आवासीय कालोनियों की बढ़ती मांग को देखते हुए यह कदम उठाया गया है। सरकारी भूमि की कमी और निजी भूमि के छोटे आकार को ध्यान में रखते हुए, हिमुडा ने यह नई योजना शुरू करने का निर्णय लिया है। इस योजना के तहत, न्यूनतम पांच एकड़ या 25 बीघा भूमि रखने वाले डेवलपर्स ही भाग ले सकेंगे।
9 प्रतिशत हिस्सा ही मिलेगा हिमुडा काे
योजना के अनुसार, परियोजना से होने वाली आमदनी में से 91 प्रतिशत हिस्सा डेवलपर को और न्यूनतम नौ प्रतिशत हिस्सा हिमुडा को मिलेगा। सभी परियोजनाओं की योजनाएं और नक्शे नगर एवं ग्राम नियोजन विभाग से अनुमोदित कराए जाएंगे और रेरा में पंजीकृत होंगे। इसके बाद ही परियोजनाओं का विज्ञापन और बिक्री की जाएगी। विज्ञापन की रणनीति हिमुडा और निजी डेवलपर मिलकर तैयार करेंगे, जबकि प्रचार और मार्केटिंग का खर्च डेवलपर उठाएगा। हिमुडा का कार्य केवल निगरानी का रहेगा।
थर्ड पार्टी करेगी ऑडिट
हिमुडा ने यह योजना इस तरह से तैयार की है ताकि लोगों को नुकसान न हो। गुणवत्ता और संरचनात्मक मजबूती सुनिश्चित करने के लिए हिमुडा तृतीय पक्ष से आडिट करवाने का प्रविधान इसमें किया गया है। परियोजना का विकास कार्य स्व-वित्तपोषण मोड में किया रहेगा। जिसमें 70 प्रतिशत राशि डेवलपर की ओर से लाई जाएगी।
परियोजना पूरी होने के बाद रखरखाव की जिम्मेदारी हिमुडा की होगी। खरीददारों के लिए शर्त यह होगी कि इकाई का कब्जा लेने से पहले 100 प्रतिशत भुगतान करना अनिवार्य होगा। किस्तों में देरी पर कार्रवाई का प्रविधान भी होगा।
बीओडी से इस योजना को मंजूरी मिल चुकी है। कैबिनेट में इसे अंतिम मंजूरी के लिए रखा जाएगा। इसका प्रस्ताव तैयार कर लिया गया है।
-राजेश धर्माणी, तकनीकी शिक्षा व नगर नियोजन मंत्री।
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