'रेल परियोजनाओं के लिए हिमाचल से नहीं मिला शेयर', राज्यसभा में बोले मंत्री अश्विनी वैष्णव
केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने राज्यसभा में कहा कि हिमाचल सरकार ने रेल परियोजनाओं के लिए अपना शेयर नहीं दिया है जिससे प्रगति प्रभावित हो रही है। भानुपल्ली-बिलासपुर-बैरी और चंडीगढ़-बद्दी रेल लाइन परियोजनाओं पर करोड़ों रुपये खर्च हो चुके हैं लेकिन हिमाचल सरकार पर बकाया राशि है। हिमाचल ने अब तक 217.75 करोड़ रुपये जमा कर दिए हैं और शेष 145.75 करोड़ रुपये की राशि अभी भी बकाया है।

जागरण संवाददाता, शिमला। केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा है कि हिमाचल सरकार ने रेल परियोजनाओं के लिए अपना शेयर नहीं दिया है। इसके कारण प्रदेश में रेल परियोजनाओं की प्रगति प्रभावित हो रही है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव राज्यसभा सदस्य डॉ.सिकंदर कुमार की ओर से पूछे गए सवाल के जवाब में बोल रहे थे।
अश्विनी वैष्णव ने कहा, भानुपल्ली-बिलासपुर-बैरी 63.5 किलोमीटर नई लाइन परियोजना में हिमाचल में 124.02 हेक्टेयर भूमि में से 79.57 अधिग्रहित कर ली है। उपलब्ध भूमि पर कार्य आरंभ कर दिया है। अब तक इस परियोजना पर 5,205 करोड़ रुपये खर्च किया जा चुका है और हिमाचल सरकार पर 1,351 करोड़ रुपये की राशि बकाया है।
चंडीगढ़-बद्दी 30 किलोमीटर नई रेल लाइन परियोजना का कार्य भी आरंभ कर दिया है। इस पर 727 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। इसमें हिमाचल का हिस्सा 363.5 करोड़ रुपये है। हिमाचल ने अब तक 217.75 करोड़ रुपये जमा कर दिए हैं और शेष 145.75 करोड़ रुपये की राशि बकाया है।
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रेल परियोजनाओं की प्रगति हो रही प्रभावित
अश्विनी वैष्णव ने कहा, हिमाचल सरकार द्वारा अपनी प्रतिबद्धताओं को पूरा न करने के कारण इन परियोजनाओं की प्रगति प्रभावित हुई है। हिमाचल सरकार पर 1496.75 करोड़ रुपये का बकाया है और इस योगदान राशि को जमा न करने की स्थिति में इन परियोजनाओं की प्रगति पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।
हिमाचल में पड़ने वाली 13,168 करोड़ रुपये लागत वाली कुल 255 किलोमीटर लंबाई की चार नई लाइनें योजना, अनुमोदन और निर्माण चरण में हैं, जिनमें से 61 किलोमीटर लंबाई को कमीशन कर दिया है और मार्च 2024 तक 6,225 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं।
रेलवे स्टेशनों पर उपलब्ध होंगे ऑक्सीजन सिलेंडर
केंद्रीय रेल मंत्री ने बताया, रेलवे स्टेशनों और गाड़ियों में चिकित्सा सुविधाओं को उपलब्ध करवाने की आवश्यकता एवं व्यापकता के संबंध में मामला माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा जांचा गया था। इन आदेश का पालन करने के लिए अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान नई दिल्ली में विशेषज्ञों की एक समिति गठित की गई थी।
इस समिति के अुनसार सभी रेलवे स्टेशनों और सवारी गाड़ियों में जीवनरक्षक दवाओं, उपकरणों, ऑक्सीजन सिलेंडर आदि से युक्त एक मेडिकल बॉक्स उपलब्ध करवाने के निर्देश जारी किए गए हैं।
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