Himachal Budget Session: 'झूठ के बजाय लोगों का ध्यान रखें CM', जयराम ठाकुर का पलटवार; बोले- करोड़ों का चुकाया ब्याज
भाजपा विधायक दल के नेता जयराम ठाकुर ने मुख्यमंत्री पर झूठ बोलने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने ऋण अदायगी में बेहतर प्रदर्शन किया था। कांग्रेस सरकार के समय से लंबित वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू किया गया। जयराम ठाकुर ने मुख्यमंत्री से प्रदेश के हितों की रक्षा करने की अपील की। साथ ङी कहा कि झूठ बोलने का काम नहीं करें।

राज्य ब्यूरो, शिमला। मुख्यमंत्री के झूठ से असंतुष्ट होकर भाजपा विधायक दल सदन से बाहर आ गया। विधानसभा परिसर में पत्रकारों से बातचीत में नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने आरोप लगाते हुए कहा कि मुख्यमंत्री हर वक्त झूठ बोलते हैं।
उन्होंने कहा कि जब भाजपा की सरकार सत्ता में आई थी तो हमें 50 हजार करोड़ का कर्ज विरासत में मिला था। कोरोना जैसी महामारी के बाद भी हमने विकास कार्य रुकने नहीं दिया।
कांग्रेस सरकार के समय 2016 से लंबित पड़े वेतन आयोग की सिफारिश को लागू किया। 5 साल के कार्यकाल के दौरान पूर्व सरकार द्वारा लिए गए कर्ज के बदले 38276 करोड़ रुपये ब्याज और ऋण अदायगी के रूप में दिया।
'पूरी ईमानदारी से करें प्रदेश के हितों की रक्षा'
उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार की ऋण वापसी दर 95 फीसदी से ज्यादा थी। भाजपा सरकार के पहले 2 साल के कार्यकाल में ऋण अदायगी 131.5 फीसदी था। जयराम ठाकुर ने कहा कि अगर हमारी सरकार ने 100 रुपये का कर्ज लिया तो 131 रुपये की कर्ज अदायगी की।
कोरोना के आने की वजह से पूरी दुनिया ने आर्थिक संकट देखा और हिमाचल अछूता नहीं था। इसलिए मुख्यमंत्री इधर-उधर की बातें करने के बजाय सीधे-सीधे अपनी नाकामी को स्वीकार करें और आगे से जितना समय उनके पास है प्रदेश के हितों की रक्षा पूरी ईमानदारी से करें।
उन्होंने कहा कि इधर-उधर की बातें करके केंद्र सरकार और पूर्व की भाजपा सरकार पर आरोप लगाकर अब वह बच नहीं सकते हैं। उनके द्वारा लिए गए असंगत फैसले और उनकी कार्य प्रणाली की वजह से पूरे प्रदेश की बार-बार किरकिरी हुई है और लोगों को बार-बार असुविधा का सामना करना पड़ा है।
पुलिस अधिकारी की पोस्ट से समझे जा सकते हैं हालात
पत्रकारों द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि अधिकारियों की प्रताड़ना की वजह से ऊर्जा निगम के मुख्य अभियंता की जान जा चुकी है। इस मामले में सरकार द्वारा अधिकारियों को बचाया जा रहा है और उन्हें संरक्षण दिया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में बेहद अहम पद पर बैठे पुलिस अधिकारी द्वारा एक के बाद एक इंटरनेट मीडिया पर पोस्ट की गई है। इससे प्रदेश में अधिकारियों द्वारा की जा रही अराजकता का अंदाजा लगाया जा सकता है। प्रदेश में आज तक इस तरीके के हालात नहीं थे।
मुख्यमंत्री को ऐसे मामले में निजी रूप से हस्तक्षेप करना चाहिए। जिससे किसी भी कर्मचारी या अधिकारी को किसी प्रकार की समस्या न हो।
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