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    'एक IAS की जांच दूसरा आईएएस कैसे कर सकता?' विमल नेगी की मौत को लेकर राजभवन पहुंची BJP, जयराम ठाकुर ने उठाए कई सवाल

    Updated: Fri, 21 Mar 2025 04:42 PM (IST)

    हिमाचल प्रदेश में भाजपा ने विमल नेगी की मौत को लेकर कांग्रेस सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। भाजपा ने राज्यपाल को ज्ञापन सौंपकर सीबीआई जांच की मांग की है। भाजपा का आरोप है कि एक आईएएस अधिकारी की मौत की जांच दूसरे आईएएस अधिकारी से नहीं करवाई जा सकती। राजभवन पहुंचकर जयराम ठाकुर ने कई सवाल उठाए हैं।

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    राज्यपाल से मिले जयराम ठाकुर। फोटो- पूर्व सीएम एक्स

    जागरण संवाददाता, शिमला। भाजपा ने विमल नेगी की मौत को लेकर कांग्रेस सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल ने हिमाचल के राज्यपाल शिव प्राप्त शुक्ल को ज्ञापन सौंपा।

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    भाजपा नेताओं ने राज्यपाल से मांग की कि एक आईएएस अधिकारी की दूसरा आईएएस अधिकारी जांच कैसे कर सकता है। जहां एफआईआर में विभाग के एमडी पर केस हुआ है, उनमें अधिकारी को नामजब्त करना चाहिए था। अब तो एमडी बदल गया है तो केस तो पद के खिलाफ बना जो कि गलत है। भाजपा ने राज्यपाल के समक्ष सीबीआई जांच की मांग भी रखी।

    विमल नेगी के परिजनों ने प्रबंध निदेशक को ठहराया जिम्मेदार

    जयराम ठाकुर ने इस अवसर पर कहा कि हिमाचल प्रदेश भारतीय जनता पार्टी विधायक दल आज राज्यपाल को ज्ञापन के माध्यम से ध्यान में लाया कि हिमाचल प्रदेश बिजली बोर्ड के अंतर्गत एचपीपीसीएल के चीफ इंजीनियर विमल नेगी की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत की ओर दिलाना चाहते हैं।

    श्रीमान जी श्री विमल नेगी पिछले कई दिनों से लापता थे, परिवार द्वारा शिकायत दर्ज करने के बाद भी एफआईआर दर्ज नहीं की गई और न ही उनका पता चल पाया।

    18 मार्च को विमल नेगी का शव गोविन्दसागर झील से बरामद हुआ। 19 मार्च को एचपीपीसीएल के अधिकारियों, कर्मचारियों और विमल नेगी के परिजनों ने प्रबंध निदेशक हरिकेश मीणा और निदेशक देश राज को जिम्मेदार ठहराया।

    पूरी घटना की जांच सीबीआई से होनी चाहिए

    उनका कहना था कि उक्त अधिकारी श्री विमल नेगी को गलत काम करने के लिए दबाव डालते थे, जिसके कारण विमल नेगी मानसिक दबाव में रहते थे।

    विमल नेगी की मानसिक प्रताड़ना इतनी बढ़ गई थी कि परेशान होकर विमल नेगी को यह कदम उठाने के लिए मजबूर हुए, इसलिए इन अधिकारियों को तुरंत निलंबित कर उन पर एफआईआर दर्ज करनी चाहिए तथा पूरी घटना की जांच सीबीआई से होनी चाहिए।

    सरकार द्वारा सकारात्मक कारवाई न करने पर विमल नेगी के परिजनों ने उनका शव एचपीपीसीएल के कार्यालय के बाहर रख कर सरकार को चेतावनी दी कि वे तब तक अंतिम संस्कार नहीं करेंगे, जब तक सरकार उनकी मांगों को नहीं मानेगे।

    तब जाकर सरकार ने एचपीपीसीएल के निदेशक को तो निलंबित कर दिया, लेकिन प्रबंध निदेशक को निलंबित करने की जगह सिर्फ पद से ही हटाया। उसके बावजूद भी जब परिजन नहीं मानें तब जाकर एफआईआर दर्ज के बाद विमल नेगी के परिजन उनका शव दाह संस्कार के लिए अपने पैतृक गांव किन्नौर ले गए।

    'घटना में आईएएस की है संलिप्तता'

    महामहिम, भाजपा विधायक दल जहां इस घटना पर दुख प्रकट करता है, वहीं विमल नेगी के परिजनों व एचपीपीसीएल के कर्मचारियों की मांगों का समर्थन करता है।

    श्रीमान जी हम आपके विनम्र ध्यान में लाना चाहते हैं कि एफआईआर में केवल एक ही अधिकारी का नाम है, दूसरे अधिकारी का नहीं है सिर्फ उनके पद का जिक्र किया गया है जबकि उस अधिकारी को एफआईआर दर्ज करने के समय से पहले उस पद से हटा दिया गया था।

    महोदय यही नहीं, सरकार ने एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी को जांच का जिम्मा दिया है। महोदय जिस घटना में आईएएस अधिकारी की संलिप्तता हो, उस घटना की जांच अगर दूसरा आईएएस अधिकारी करेगा तो निष्पक्ष जांच पर प्रश्न चिह्न लगेगा।

    इसलिए भाजपा विधायक दल मांग करता है कि इस घटना की एफआईआर में दूसरे अधिकारी का भी नाम शामिल किया जाए और इस घटना की और दो वर्ष में एचपीपीसीएल की गतिविधियों की जांच सीबीआई से करवाई जाए।

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