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    Himachal Weather Today: प्रदेश के 10 जिलों में आंधी और भारी वर्षा का अलर्ट, 167 सड़कें बंद; जानिए पूरा अपडेट

    By Jagran NewsEdited By: Himani Sharma
    Updated: Fri, 11 Aug 2023 08:05 AM (IST)

    Himachal Weather Today प्रदेश में वीरवार को सबसे अधिक वर्षा सिरमैार के धैलाकुआं में 14.5 ऊना में 13 और धर्मशाला में 4.2 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई है। मौसम विभाग द्वारा जारी किए गए ताजा पूर्वानुमान के अनुसार 11 अगस्त को किन्नौर व लाहुल स्पीति को छोड़ प्रदेश के दस जिलों में आंधी व भारी वर्षा कस येलो अलर्ट जारी किया गया है।

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    प्रदेश के 10 जिलों में आंधी और भारी वर्षा का अलर्ट, 167 सड़कें बंद

    शिमला, राज्य ब्यूरो: सिरमौर के पांवटा में बुधवार देर रात को बादल फटने के कारण तीन मकान क्षतिग्रस्त हो गए। जिसमें दो लोगों के शवों को निकाला गया है। ये दोनों मलबे में दब गए थे। प्रदेश में वीरवार को कई स्थानों पर वर्षा हुई है। ताजा वर्षा के बाद से प्रदेश में अब एक एनएच सहित 167 सड़कें यातायात के लिए बंद है। इन्हें खोलने के प्रयास किए जा रहे हैं।

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    धर्मशाला में 4.2 मिलीमीटर वर्षा की गई दर्ज

    प्रदेश में वीरवार को सबसे अधिक वर्षा सिरमैार के धैलाकुआं में 14.5, ऊना में 13 और धर्मशाला में 4.2 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई है। मौसम विभाग द्वारा जारी किए गए ताजा पूर्वानुमान के अनुसार 11 अगस्त को किन्नौर व लाहौल स्पीति को छोड़ प्रदेश के दस जिलों में आंधी व भारी वर्षा कस येलो अलर्ट जारी किया गया है। इस दौरान कुछ स्थानों पर आवश्यक सेवाएं जैसे यातायात, पेयजल व बिजली आपूर्ति के बाधित होने की आशंका है।

    917 मकान हो चुके पूरी तरह से ध्वस्त

    प्रदेश में बाढ़, भूस्खलन और बादल फटने के कारण अब तक नुकसान का आकलन 6742.38 करोड़ पहुंच गया है। अभी तक 234 लोगों की विभिन्न कारणों से मौत हो चुकी है। मानसून के दौरान 917 मकान पूरी तरह से ध्वस्त हो चुके हैं। 7679 मकानों को नुकसान हुआ है। 267 दुकानों के साथ 2539 गौशालाओं को नुकसान पहुंचा है।

    मलबा हटाने की मुहिम जारी

    प्रदेश में अब तक हुए नुकसान में लोकनिर्माण विभाग का नुकसान बढ़कर 2139.97 करोड़, जल शक्ति विभाग को 1629.81 करोड़, बिजली बोर्ड को 1505.73 करोड़ का नुकसान हुआ है। जिला मंडी के छह मील में चंडीगढ़-मनाली हाईवे पर प्रशासन ने वीरवार को दोतरफा यातायात पूरी तरह बहाल कर दिया।

    हालांकि यहां खतरा अभी बरकरार है। दूसरे दिन भी मलबा हटाने की मुहिम जारी रही। करीब तीन घंटे तक मशीनरी सुबह 10 बजे से दोपहर बाद एक बजे तक हाईवे के किनारे गिरे मलबे और चट्टानें हटाने में लगी रही। बुधवार को मलबा हटाने के लिए हाईवे चार घंटे बंद रहा था।