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    हिमाचल अध्यापक संघ ने शिक्षा क्षेत्र में व्यवस्था परिवर्तन का किया स्वागत, लंबित पदोन्नति सूची सहित इन मांगों को उठाया

    Updated: Tue, 30 Sep 2025 03:32 PM (IST)

    Himachal Pradesh Teachers Association हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ ने काम्प्लेक्स स्कूल सिस्टम और सीबीएसई माध्यम का स्वागत किया है। संगठन ने इसे शिक्षा नीति के लिए महत्वपूर्ण बताया और स्कूलों में प्रिंसिपल के खाली पदों को भरने की मांग की। संगठन ने काम्प्लेक्स प्रणाली की सराहना की और कहा कि इससे ग्रामीण बच्चों में प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी।

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    हिमाचल प्रदेश शिक्षक संघ ने शिक्षा क्षेत्र में बदलाव का स्वागत किया है। प्रतीकात्मक फोटो

    राज्य ब्यूरो, शिमला। हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ ने काम्पलैक्स स्कूल सिस्टम और केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) माध्यम का स्वागत किया है। संघ ने इसे राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बताया है। संगठन का मानना है कि इससे शिक्षा के क्षेत्र में व्यापक सुधार देखने को मिलेंगे। इसके साथ ही संगठन ने प्रदेश के स्कूलों में पिछले लंबे अरसे से खाली चल रहे प्रिंसिपल के पदों को भी भरने की मांग की है।

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    शिक्षक संगठन (एचजीटीयू) के राज्य अध्यक्ष नरोत्तम वर्मा, महासचिव संजीव ठाकुर, वित्त सचिव सतीश पुंडीर, उपाध्यक्ष सुरेश नरवाल, पंकज शर्मा, प्रमुख संरक्षक नरेश महाजन, कैलाश ठाकुर एवं समस्त राज्य कार्यकारिणी और जिलों के अध्यक्षों और महासचिवों ने एक साझे बयान में सरकार द्वारा शुरू की गई कॉम्प्लैक्स प्रणाली की सराहना की है।

    उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत लागू इस प्रणाली के भविष्य में दूरगामी परिणाम सामने आएंगे। उन्होंने इस कदम को शिक्षा की नई क्रांति बताते हुए कहा कि यह पूरी तरह से शिक्षा, शिक्षक और छात्र हितैषी फैसला है, जिसका समाज के हर वर्ग को समर्थन करना चाहिए।

    प्रतिस्पर्धा की भावना विकसित होगी

    शिक्षक संगठन के नेताओं ने कहा कि क्लस्टर सिस्टम के साथ ही सरकार ने पहले चरण में 100 स्कूलों को सीबीएसई के माध्यम से शिक्षण प्रणाली आगे बढ़ाने की शुरुआत की है, जिससे ग्रामीण स्तर के बच्चों में भी प्रतिस्पर्धा की भावना विकसित होगी। उन्होंने सरकार से इस संबंध में जल्द समस्त नियम और गाइडलाइन बनाने की मांग की है।

    प्रधानाचार्य के 900 पद जल्द भरे सरकार

    शिक्षक संगठन के नेताओं ने पिछले तीन सालों से खाली चल रहे प्रधानाचार्य के करीब 900 पदों को तत्काल भरने की मांग भी उठाई। उन्होंने बताया कि स्कूलों में प्रधानाचार्य नहीं होने की वजह से पढ़ाई के माहौल पर असर पड़ा है। इसे दुरुस्त करने के लिए प्रधानाचार्य पदोन्नति की सूची जल्द जारी की जाए।

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