CBSE संबद्धता के लिए स्कूलों को खुद करना होगा आवेदन, प्रधानाचार्यों ने गिनाई कमियां; ये सुविधाएं होने पर ही मिलेगी मान्यता
Himachal Pradesh CBSE Schools हिमाचल प्रदेश के 100 सरकारी स्कूलों को सीबीएसई से संबद्धता दिलाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। शिक्षा विभाग ने इसके लिए तैयारी शुरू कर दी है। स्कूलों को ऑनलाइन आवेदन करना होगा जिसके बाद सीबीएसई की टीम निरीक्षण करेगी। स्कूलों में मूलभूत सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है।

राज्य ब्यूरो, शिमला। Himachal Pradesh CBSE Schools, हिमाचल के 100 सरकारी स्कूलों में केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की संबद्धता दिलाई जाएगी। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इसकी घोषणा की थी। इसके लिए विभाग ने प्रक्रिया शुरू कर दी है। सीबीएसई से संबद्धता लेने के लिए स्कूलों को खुद आवेदन करना होगा।
सीबीएसई ने इसके लिए पोर्टल खोल दिया है। शनिवार को स्कूल शिक्षा निदेशालय में बैठक का आयोजन किया गया। बैठक की अध्यक्षता सचिव शिक्षा राकेश कंवर ने की। इस बैठक में निदेशक स्कूल शिक्षा आशीष कोहली, अतिरिक्त निदेशक जीवन नेगी व बीआर शर्मा मौजूद रहे।
अतिरिक्त निदेशक शिक्षा जीवन नेगी ने सीबीएसई स्कूलों को लेकर बैठक में प्रस्तुति दी। उन्होंने कहा कि सीबीएसई बोर्ड से संबद्धता लेने के लिए क्या नियम हैं। सीबीएसई की टीम जब निरीक्षण करने आएगी तो वह क्या चीजें जांचेगी। राज्य सरकार ने जिन स्कूलों का चयन किया है, उनमें क्या मूलभूत सुविधाएं हैं।
स्कूलों में कमियों पर हुई चर्चा
सचिव शिक्षा राकेश कंवर ने स्कूल प्रधानाचार्यों को कहा कि सीबीएसई के जो नियम हैं, उसके अनुसार स्कूलों में क्या कमियां हैं, उसे देखें। यदि कहीं खामियां हैं तो उसका प्रस्ताव तैयार कर विभाग को भेजें। विभाग हर खामी को दूर करेगा, ताकि स्कूलों को संबद्धता मिल सके।
प्रधानाचार्यों ने भी प्रस्तुति दी, जिसमें बताया गया कि उनके स्कूलों में क्या खामियां हैं, जिन्हें दूर करने की जरूरत है।
संबद्धता की यह रहेगी प्रक्रिया
स्कूल संबद्धता के लिए ऑनलाइन आवेदन करेंगे। इसके बाद केंद्रीय टीम स्कूलों का निरीक्षण करेगी। सीबीएसई की टीम स्कूलों का निरीक्षण करने के लिए आएगी। प्रति स्कूल निरीक्षण फीस 70 हजार है। कमेटी अपनी रिपोर्ट सीबीएसई को भेजेगी। रिपोर्ट संतोषजनक पाए जाने पर सीबीएसई पहले एक आशय पत्र (लेटर ऑफ इंटेंट) जारी करेगा। इसके बाद ही स्कूल को आधिकारिक संबद्धता (एफिलिएशन) मिलेगी।
ये सुविधाएं होनी चाहिएं
सीबीएसई स्कूल की मान्यता के लिए नियमों में स्कूल के मूलभूत सुविधा, छात्र-शिक्षक अनुपात, लैब, लाइब्रेरी, पानी की व्यवस्था, वॉशरूम, और खेल के मैदान जैसी मूलभूत सुविधाओं का होना जरूरी है। स्कूल के भवन के कुल बने हुए क्षेत्र (बिल्ट-अप एरिया) के आधार पर ही कक्षाओं की संख्या तय की जाती है। स्कूल में पर्याप्त किताबों और डिजिटल संसाधनों के साथ एक अच्छा पुस्तकालय होना चाहिए।
स्कूल में फिजिक्स, केमिस्ट्री और बायोलॉजी के लिए लैब होना अनिवार्य हैं। इसके अलावा कंप्यूटर लैब भी जरूरी है। एक वर्ग मीटर प्रति छात्र जगह के हिसाब से छात्रों और स्टाफ के लिए साफ-सुथरे, अलग-अलग वॉशरूम की व्यवस्था जरूरी है। हर मंजिल पर पीने के पानी की व्यवस्था होनी चाहिए।
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अब स्कूलों के लिए बनेगा सब कैडर
शिक्षा विभाग ने प्रधानाचार्यों के साथ बैठक की है। इसके बाद स्कूलों के शिक्षकों से सीबीएसई स्कूलों में जाने की ऑप्शन मांगी जाएगी। विभाग इन शिक्षकों के लिए अलग से सब कैडर बनाएगा।
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